लखनऊ की बेटी ‘रितु’ के हाथ में है ‘चंद्रयान-2’ की कमान, CM योगी ने दी ढेरों बधाई

इसरो के महत्वकांक्षी मून मिशन चंद्रयान-2 ने दोपहर 2.43 बजे श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से उड़ान भर ली है. आज से 48वें दिन पर चंद्रयान-2 चांद की सतह पर पहुंच जायेगा.

mission chandrayaan-2 CM yogi congratulates isro Senior scientists Ritu Karidhal Shrivastav Lucknow
mission chandrayaan-2 CM yogi congratulates isro Senior scientists Ritu Karidhal Shrivastav Lucknow

चंद्रयान-2 जब चांद की कक्षा में प्रवेश करेगा तो पूरे देश के लिए वो पल उपलब्धि का जश्न मनाने वाला होगा. लेकिन सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के लिए ये पल बेहद खास होगा. वो इसलिए क्योंकि इस मिशन की डायरेक्टर इसरो की सीनियर साइंटिस्ट रितु करिधाल श्रीवास्तव हैं जो लखनऊ की बेटी हैं. वो लखनऊ के राजाजीपुरम की रहने वाली हैं.

रितु के माता-पिता का निधन हो चुका है. उनके भाई हैं जिनका रोहित नाम है. रोहित कहते हैं कि हमें नाज है अपनी बहन पर. ज्यादा कुछ कहने से अच्छा है कि हम देश के इस मिशन की सफलता के लिए प्रार्थना करें.

बतादें कि रितु ने लखनऊ विश्वविद्यालय से फिजिक्स में ग्रेजुएशन किया था. फिर गेट पास करने के बाद मास्टर्स डिग्री के लिए इंडियन इंस्टीट्यूट आफ साइंसेज जॉइन किया. यहां से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में डिग्री ली. उसके बाद रितु 1997 में इसरो से जुड़ीं. अब रितु को इसमें 20 साल से ज्यादा का तजुर्बा है और अपनी मेहनत और लगन के बल पर आज उन्होंने दुनिया में इतिहास रच दिया है.

इस मिशन के सफल लांचिंग पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट करते हुए लिखा कि चंद्रयान2 के प्रक्षेपण में वरिष्ठ अंतरिक्ष वैज्ञानिक सुश्री रितु के.श्रीवास्तव जी और उप्र के अन्य वैज्ञानिकों के साथ ही ‘मैप एंड पाथ जनरेशन’ तकनीक उपलब्ध कराने में IITK की महत्वपूर्ण भूमिका रही. हम सभी को भारत की इस अतुलनीय उपलब्धि में उप्र के योगदान से अतिशय प्रसन्नता एवं गर्व है.

इस मिशन पर देश की ही नहीं बल्कि दुनिया की नजर है. जैसे ही बाहुबली रॉकेट लांच हुआ पूरे देश में तालियों की गड़गड़ाहट गूंज उठीं. भारत के लिए आज का दिन बेहद खास है. बाहुबली चंद्रयान-2 को लेकर पृथ्वी की सतह से बाहर अंतरिक्ष में पहुँच गया है. इस मिशन की सबसे खास बात ये है कि इसमें एक आॅर्बिटर, एक लैंडर (जिसका नाम विक्रम रखा गया है) और एक रोवर (जिसका नाम प्रज्ञान रखा गया है) होगा. इस मिशन का मुख्य उदेश्य चन्द्रमा पर सॉफ्ट लैंड करना और उसकी सतह का अध्ययन करना होगा.

बारिश और घने बादलों के बीच चंद्रयान-2 की उड़ान को देखने के लिए हजारों की संख्या में लोग पहुंचे. मगर लांच होने के 30 सेकेण्ड के अन्दर ही रॉकेट घने बादलों में खो गया. चंद्रयान-2 चंद्रमा पर तय तारीख 6-7 सितंबर को ही पहुंचेगा. इसे समय पर पहुंचाने का मकसद यही है कि लैंडर और रोवर तय कार्यक्रम के हिसाब से काम कर सके. समय बचाने के लिए चंद्रयान पृथ्वी का एक चक्कर कम लगाएगा. पहले 5 चक्कर लगाने थे, पर अब 4 चक्कर लगाएगा.