मायावती के करीबी नेता पर बड़ी कार्यवाही, पार्टी ने दिखाया बाहर का रास्ता
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बाद बसपा सुप्रीमों मायावती ने भी अपनी पार्टी के नेताओं पर शिकंजा कस दिया है. जिसके चलते उन्होंने अपने एक नेता को बाहर का रास्ता दिखा दिया है.

मायावती के करीबी माने जाने वाले बसपा के पूर्व मंत्री व कद्दावर नेता रामवीर उपाध्याय पर बड़ी कार्रवाई की गई है. उनको बसपा से बाहर कर दिया गया है. साथ ही उनको पार्टी के मुख्य सचेतक पद से भी हटा दिया गया है. इस बात की जानकारी बसपा के राष्ट्रीय महासचिव मेवालाल गौतम ने पत्र जारी कर दी है.
विधायक रामवीर उपाध्याय पर पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप है.
जारी हुए पत्र के अनुसार, रामवीर उपाध्याय ने न केवल लोकसभा चुनाव के दौरान पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल हुए, बल्कि चेतावनी देने के बाद भी उन्होंने लोकसभा चुनाव में आगरा, फतेहपुर सीकरी, अलीगढ़ समेत कई सीटों पर पार्टी प्रत्याशी का खुलकर विरोध किया और विरोधी पार्टियों के प्रत्याशियों का समर्थन किया. दरअसल रामवीर उपाध्याय को ये ख़ामियाजा इसलिए भुगतना पड़ा क्युकी वे लोकसभा चुनाव के दौरान कई बार बीजेपी के प्रत्याशियों की रैली में दिखाई दिए थे. और आपको तो पता ही है की विपक्ष बीजेपी से कितना बौराया है.
इससे पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर को मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने की सिफारिश राज्यपाल रामनाईक से की थी. और राज्यपाल ने भी देरी न करते हुए मंजूरी दे दी थी. मतलब अब राजभर बीजेपी में नहीं रहे. ये हमेशा से बीजेपी पर तंज कसते रहे हैं और पार्टी छोड़ने की धमकी देते रहे हैं. उन्होंने तो अपनी अलग पार्टी बना कर बीजेपी को इस्तीफा भी दे दिया था. मगर बीजेपी ने लोकसभा चुनाव को देखते हुए थोड़ा संयम रखा और उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया, ताकि पार्टी की तरफ से जनता में कोई गलत सन्देश न जाये. मगर अब चुनाव होने के बाद योगी आदित्यनाथ ने हंटर उठा लिया है.