अखिलेश ने कहा था कि ‘मुसलमानों’ को टिकट न दीजिये, लेकिन मैंने उनकी नहीं सुनी: मायावती

बसपा सुप्रीमों मायावती ने तो पूरी बाज़ी ही पलट दी है. रविवार को मायावती ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव से सरे नाते तोड़ दिए हैं. इसके साथ ही उन्होंने अखिलेश यादव पर गंभीर आरोप भी लगा दिए हैं.

mayawati says akhilesh yadav had stopped me giving tickets to muslims
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मायावती ने जोनल कोऑर्डिनेटरों और सांसदों के साथ रविवार को मीटिंग की थी. जिसमें उन्होंने अखिलेश यादव पर जमकर निशाना साधा. माया ने कहा कि अखिलेश ने मुझे ज्यादा मुसलमानों को टिकट देने से मना किया था, अखिलेश ने मुझसे कहा था कि इससे ध्रुवीकरण होगा. लेकिन मैंने उनकी बात नहीं मानी. अखिलेश ने तो चुनाव में गठबंधन की हार के जिम्मेदार सपा नेताओं के खिलाफ कार्रवाई तक नहीं की.

सपा ने प्रमोशन में आरक्षण का विरोध किया था इसलिए दलितों, पिछड़ों ने उसे वोट नहीं दिया. उन्होंने कहा कि बसपा के प्रदेश अध्यक्ष आरएस कुशवाहा को सलीमपुर सीट पर समाजवादी पार्टी के विधायक दल के नेता राम गोविंद चौधरी ने हराया. उन्होंने सपा का वोट बीजेपी को ट्रांसफर करवाया, लेकिन अखिलेश ने उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की.

इसके पहले भी मायावती शिवपाल सिंह यादव और अखिलेश यादव पर जमकर हमला बोल चुकी हैं. उन्होंने कहा था कि शिवपाल यादव ने बीजेपी को यादव वोट ट्रांसफर कराए हैं और सपा इसे रोक नहीं पाई. शिवपाल बीजेपी से मिले हुए हैं. माया यहाँ ही नहीं रुकीं उन्होंने ये तक कह दिया कि अखिलेश यादव अपनी पत्नी डिंपल यादव को भी चुनाव नहीं जिता पाए. गठबंधन का कोई फायदा नहीं हुआ. वोट ट्रांसफर का फार्मूला सफल नहीं रहा है.

उसी के बाद ही मायावती ने गठबंधन खत्म करने का स्पष्ट संकेत करते हुए उत्तर प्रदेश की सभी 12 विधानसभा सीटों का उपचुनाव अकेले लड़ने का एलान भी कर दिया था. अब मायावती उसी को जीतने में लग गईं हैं. मायावती ने अखिलेश में सामने गठबंधन बनाये रखने के लिए शर्त भी रखी थी कि अगर हमें लगेगा की अखिलेश अपने राजनीतिक कार्यों और अपने लोगों को मिशनरी बनाने में कामयाब हो जाते हैं तो हमलोग मिलकर जरूर आगे एक साथ फिर से चुनाव लड़ेंगे.