मायावती 11 सीटों पर अकेले लड़ेंगी ‘उप-चुनाव’, कहा- ‘गठबंधन’ से कोई फायदा नहीं हुआ
लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में बसपा मुखिया मायावती को समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोकदल के साथ गठबंधन के बाद भी दस सीट मिली हैं. इससे बहन जी संतुष्ट नहीं हैं. उनका मानना है की 38 सीटों में से कम से कम आधी तो आनी ही चाहिए थी.

बसपा सुप्रीमो मायावती ने सीटें कम रह जाने के कारणों को खोजना शुरू कर दिया है. इसी कड़ी में सोमवार को उन्होंने अपनी पार्टी के नेताओं के साथ समीक्षा बैठक की, इस बैठक में प्रदेश के बसपा जिला अध्यक्ष, मंडल कोऑर्डिनेटर, नवनिर्वाचित सांसद, पराजित प्रत्याशी और पार्टी पदाधिकारी शामिल रहे. इस बैठक के बाद मायावती ने गठबंधन खत्म करने का स्पष्ट संकेत करते हुए सभी 11 विधानसभा सीटों का उपचुनाव अकेले लड़ने का एलान किया है.
इसके बाद मायावती ने शिवपाल सिंह यादव और अखिलेश यादव पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि शिवपाल यादव ने बीजेपी को यादव वोट ट्रांसफर कराए हैं और सपा इसे रोक नहीं पाई. शिवपाल बीजेपी से मिले हुए हैं. माया यहाँ ही नहीं रुकीं उन्होंने ये तक कह दिया कि अखिलेश यादव अपनी पत्नी डिंपल यादव को भी चुनाव नहीं जिता पाए. गठबंधन का कोई फायदा नहीं हुआ. वोट ट्रांसफर का फार्मूला सफल नहीं रहा है.
हालांकि इस दौरान माया ने गठबंधन तोड़ने की बात नहीं कही लेकिन, एकतरफा सभी सीटों पर उपचुनाव लड़ने के एलान का अर्थ कोई भी लगा सकता है. इससे पहले मायावती ने रविवार को छह राज्यों के लोकसभा चुनाव प्रभारी को हटा दिया था. जिसमें उत्तराखंड, बिहार, झारखंड, राजस्थान, गुजरात व उड़ीसा राज्य शामिल है. और तीन राज्यों के प्रदेश अध्यक्ष को भी पद से बेदखल कर दिया था. बताया जा रहा है कि बसपा मुखिया मायावती ने लोकसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन पर बड़ी कार्रवाई की है.
मायावती ने दिल्ली में सुरेंद्र सिंह की जगह लक्ष्मण सिंह और मध्य प्रदेश में डीपी चौधरी की जगह रमाकांत पुत्तल को नया प्रदेश अध्यक्ष बनाया है. बिहार राज्य के प्रभारी रामअचल राजभर को गुजरात के साथ महाराष्ट्र का प्रभारी बनाया गया है. उत्तराखंड राज्य प्रभारी आरएस कुशवाहा की जगह पर एमएल तोमर को नया प्रभारी बनाया गया है. उड़ीसा-गुजरात के प्रभारी पद से छट्टू राम को हटाकर बिहार-झारखंड का प्रभारी बनाया है.