CBI से घिरे अखिलेश के iPhone पर मायावती ने किया फोन. कठिन वक्त में चाचा ने बनाई दूरी

मायावती भले ही शून्य पर हों लेकिन अपने मुंहबोले भतीजे के लिए भावनाएं उनके दिल में हैं. राजनीतिक एकता के लिए ही सही खनन मामले में सरकारी तोते सीबीआई की जांच में अखिलेश का नाम आने के बाद मायावती ने अखिलेश को फोन लगाया. रविवार की सुबह का समय था अखिलेश के आईफोन 10 की बेल बजी दूसरी तरफ मायावती थीं. मायावती ने कहा…
“ हमारे गठबंधन की पहली मुलाकात से ही डरकर बीजेपी बौखलागई है सरकारी तोते सीबीआई से डरने की जरूरत बिल्कुल नहीं है. डटकर सामना करो. बीजेपी की हकीकत पूरी दुनिया जानती है, इस तरह की उनकी राजनीति कोई नई बात नहीं है. सीबीआई की धमकी से घबराने की जरूरत नहीं है”
1995 में यानी करीब 25 साल पहले लखनऊ के गेस्ट हाउस कांड के बाद सपा और बीएसपी की दुश्मनी पूरे भारत ने देखी दोनों 25 साल तक एक दूसरे का चेहरा नहीं देखा. यहां तक कि मुलायम और शिवपाल को मायावती के नाम से नफरत हो गई थी. और मायावती मुलायम और शिवपाल यादव नाम कभी इज्जत से नहीं लेती थीं. जिन लोगों को नहीं पता है वो ये जान लें कि मायावती के साथ सपा के नेता शिवपाल यादव और समर्थकों ने अभद्रता की थी. क्योंकि मायावती गुपचुप तरीके से बीजेपी के साथ सरकार बनाने की चाल चल चुकी थीं. और समाजवादी पार्टी के तब के कर्ताधर्ता शिवपाल यादव तिलमिला उठा थे. अब मायावती समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश के साथ खड़ी हैं लेकिन शिवपाल यादव दूर हैं.
सीबीआई राजनीति में हमेशा से हथियार रही है. मायावती और अखिलेश का गठबंधन बीजेपी की राह का वो कांट है कि बिना इस कांटे को रास्ते से हटाए बीजेपी के हाथ 2019 बहुत कुछ नहीं आने वाला. जब से दिल्ली में अखिलेश और मायावती सीटों के बंटवारे को लेकर एक साथ बैठ तब से अखिलेश के ऊपर सीबीआई की तलवार लटक गई.
जिस तरह से मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री थे लेकिन दुर्भाग्य से कोयला मंत्रालय उनके पास ही था और कथित कोयला घोटाला होने के बाद मनमोहन सिंह को घसीटा गया. उसी तरह यूपी में 2012 से लगभग 2013 के आखिर तक खनन मंत्रालय अखिलेश के पास ही था. उसके बाद गायत्री प्रसाद प्रजापति को यूपी का खनन मंत्री बनाया गया था.
IAS चंद्रकला के हमीरपुर डीएम रहते खनन में अनिमिताएं पाई गई थीं जिस पर सीबीआई बैठ गई और तब अखिलेश मुख्यमंत्री थे खनन मंत्री भी थे.
हमीरपुर की डीएम रहते हुए आईएएस बी चंद्रकला पर 10 दूसरे लोगों के साथ मिलकर आपराधिक साजिश रचते हुए अवैध खनन करवाने का आरोप लगा. 2 जनवरी को सीबीआई ने बी चंद्रकला सहित 11 आरोपियों को आपराधिक साजिश में शामिल होने की बात कही गई है. इसमें सपा और बसपा के दो नेता सहित कई बाबू और दलाल भी शामिल हैं.
सीबीआई जिस स्पीड से चल रही है उस हिसाब से 2019 चुनाव से पहले अखिलेश को पूछताछ के लिए दिल्ली बुला सकती है. या फिर लखनऊ आकर पूछताछ कर सकती है. मुसीबत की इस घड़ी में मायावती ने अखिलेश का साथ ना छोड़ने का ऐलान कर दिया है. और 25 साल बाद सपा बसपा ने मिलकर बीजेपी और सीबीआई के खिलाफ प्रेस कॉन्फ्रेंस भी कर दी. लेकिन शिवपाल यादव खुलकर अखिलेश का साथ अब तक नहीं दिया है.