CBI नहीं तोड़ पाई अखिलेश का हौसला, कल बुआ-भतीजे रचेंगे इतिहास
ख़ुशी हो या ग़म, मिलकर सहेंगे हम
लोकसभा चुनाव में अब गिनती के कुछ दिन ही बचे हैं. उसी को लेकर उत्तरप्रदेश की दो दिग्गज सियासी पार्टी ‘समाजवादी पार्टी’ और ‘बहुजन समाज पार्टी’ के गठबंधन की आधिकारिक घोषणा हो सकती है. क्युकी सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और बसपा सुप्रीमो मायावती कल पहली संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस करने वाले हैं.

गठबंधन से माया को फ़ायदा
कल तक दोनों पार्टियां एक दूसरे पर अपनी भड़ास निकालते थे. मायावती और अखिलेश दोनों एक दूसरे पर तंज कस्ते थे. एक दूसरे की खामियां गिनाते थे. मगर लोकसभा चुनाव आते ही सभी के तेवर बदल गए. बीजेपी को सत्ता से हटाने के लिए दोनों धुरंधरों ने आख़िर में हाथ मिला ही लिया. अखिलेश से हाथ मिलाने में मायावती का ज्यादा फ़ायदा है. क्युकी माया के पास एक भी लोकसभा सीट नहीं है. जबकि अखिलेश के पास 5 सीटें हैं.
समाजवादी पार्टी ने दी जानकारी
समाजवादी पार्टी ने अपने ट्विटर अकाउंट पर इसकी जानकारी देते हुए मीडिया आमंत्रण पत्र दिया. जिसमें कहा गया है कि लखनऊ के ताज होटल में शनिवार 12 जनवरी को दोपहर 12 बजे दोनों पार्टियां संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस करेंगी. इस पत्र को सपा के राष्ट्रीय सचिव राजेन्द्र चौधरी व बसपा महासचिव सतीश चन्द्र मिश्रा ने जारी किया है. कल यानि 10 जनवरी को माया लखनऊ आ चुकीं हैं.
सीटों पर हो चुका है समझौता
अभी हालही में दिल्ली में अखिलेश यादव बीएसपी से गठबंधन के बीच में फंसे ‘सीटों के पेंच’ को टाइट करने के लिए माया से मिलने पहुंचे थे. 3 घंटे बाद दोनों ने 37-37 सीटें बाँट ली. मतलब यूपी की 80 लोकसभा सीटों मे से अखिलेश और मायावती 37-37 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतरेंगे. बची हुई 6 सीटें दोनों ने अन्य सहयोगी दलों के लिए छोड़ी हैं. चर्चा थी की इसका ऐलान माया अपने जन्मदिन पर करेंगी. मगर अब कल की प्रेस कांफ्रेंस पर सबकी नज़रें टिक गईं हैं.
बीजेपी और कांग्रेस के उड़े होश
25 साल के बाद यूपी की दो दिग्गज पार्टियां एक साथ हुईं हैं. इससे बीजेपी और कांग्रेस दोनों होश उड़ गए हैं. अखिलेश और माया के गठबंधन से ये तो तय हो गया है की इस बार बीजेपी को लोकसभा चुनाव में कई सीटों का नुक्सान होने वाला है. क्युकी अखिलेश माया के साथ चाचा शिवपाल सिंह यादव भी अब सबसे अलग यूपी की राजनीति में अपना झंडा गाड़ चुके हैं. उनका भी दबदबा कुछ कम नहीं है. बीजेपी को इन तीनों से खतरा है.
इस बार ख़ास होगा जन्मदिन
लोकसभा चुनाव से पहले मायावती का जन्मदिन बेहद ख़ास हो गया है. उनका जन्मदिन हमेशा ‘जन कल्याणकारी दिवस’ के रूप में मनाया जाता है. मायावती इसी दिन ‘ब्लू-बुक’ नाम की किताब व पार्टी का कैलेंडर जारी करती हैं. ब्लू-बुक में पार्टी की वर्ष भर की गतिविधियों का लेखाजोखा होता है. इन सबके साथ इस बार माया राजनीतिक ऐलान कर बीजेपी को कई चुनौतियाँ दे सकती हैं.