लखनऊ में चमके ‘बुआ-भतीजे’, सीटों के साथ बताई आगे की रणनीति
उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) और बहुजन समाज पार्टी (Bahujan Samaj Party) एक साथ लखनऊ के ताज़ होटल में संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस की. दोनों ने कांग्रेस और बीजेपी पर जमकर निशाना साधा और अपनी आगे की रणनीति बताई.

यूपी की जनता को धन्यवाद
सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि सपा-बसपा के गठबंधन को स्वीकारने के लिए आप सभी मीडियावालों और यूपी की जनता को धन्यवाद. इस समय देश की बहुत ही बुरी हालत है उसी को देखते हुए सपा-बसपा ने एक होने का फैसला लिया है. बीजेपी के लोग सिर्फ सत्ता के अहंकार में चूर हैं. यूपी में बीजेपी मुकाबला करने के लिए हम दोनों साथ आए हैं. अखिलेश ने कहा कि आज से सपा कार्यकर्ता ये समझ लें कि मायावती का अपमान मेरा अपमान है. मैं मायावती जी का पूरा आदर करता हूं. समाजवादी कभी किसी का अपमान नहीं करते.
गुरू-चेले की नींद उड़ जाएगी
मायावती ने कहा कि हमें विश्वास है की जिस तरह से हमने अभी तक बीजेपी के नेताओं को हराया है उसी तरह हम आगे भी मिलकर 2019 लोकसभा चुनाव में बीजेपी को हराएंगे. माया ने कहा कि ये ऐतिहासिक प्रेस कांफ्रेंस भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, दोनों गुरू-चेले की नींद उड़ाने वाली है. बीजेपी के तानाशाही रवैये से जनता परेशान है. बीजेपी और कांग्रेस एक जैसी पार्टियां हैं.
कांग्रेस से दूरी का कारण
माया ने कहा की आप ये जरूर जानना चाहते होंगे की हमने अपने गठबंधन में कांग्रेस को शामिल क्यों नहीं किया तो मैं बता दूँ की आजादी से अब तक के शासन में कांग्रेस सरकार ने सिवाए लूटने के कुछ नहीं किया है. और उनकी सरकार में गरीब, मजदूर, किसान, हर कोई परेशान रहा है. कांग्रेस और बीजेपी दोनों की सरकारों में रक्षा सौदों में घोटाले हुए हैं. कांग्रेस से गठबंधन करके हमें फायदा नहीं मिलता. इन्ही सब कारणों से कांग्रेस को सपा-बसपा गठबंधन से दूर रखा गया है.
सीटों पर बोलीं माया
मायावती कांग्रेस, बीजेपी पर निशाना साध रहीं थीं, और अखिलेश बगल में बैठे अपने हाथ मल रहे थे. की थोड़ी देर में उनकी बारी आने वाली है. लोकसभा सीटों को लेकर माया ने कहा की सपा-बसपा ने पिछली 4 जनवरी को दिल्ली में ही सीटों पर चर्चा कर ली थी. यूपी की 80 लोकसभा सीटों में से बसपा 38 सीटों पर, सपा 38 सीटों पर और 2 सीट अन्य सहयोगी दलों के लिए छोड़ दी हैं. और दो सीटें कांग्रेस को बिना शामिल किये उसके लिए छोड़ दी हैं. ताकि कांग्रेस के साथ बीजेपी को भी उस सीट पर अपना उम्मीदवार उतार सके.
पूरे लखनऊ में छाए पोस्टर
प्रेस कॉन्फ्रेंस से पहले रात से ही पूरा लखनऊ पोस्टर से पट गया है. हर तरफ बस माया और अखिलेश ही नज़र आ रहे हैं. लखनऊ का होटल ताज एक बार फिर एक नए गठबंधन का गवाह बन गया. यहाँ से ही सपा-बसपा की आगे की राजनीति तय होगी. इस बार अखिलेश ने भी कांग्रेस से किनारा कर लिया है. कांग्रेस यूपी के गठबंधन में शामिल नहीं होगी.