पुलिस की गिरफ्त में आते ही आँसू बहाने लगा मनीष कश्यप

मनीष कश्यप जो बिहार सरकार को गिराने की बाते करता था आज जब पुलिस ने गिराफ्तार किया तो उसी मनीष कश्यप ( Manish Kashyap ) की सारी हेकड़ी निकल गई और आँखों से आंसू गिरने लगे …! मनीष की गिरफ़्तारी के बाद का विडियो वायरल हो रहा है , इसमें मनीष ( Manish Kashyap ) पुलिस की गाडी में सिसक सिसक कर रो रहा है .,.. और इसके साथी सहारा देते हुए कह रहे हैं …भाई घबराओ नहीं हम सब साथ मिलकर लड़ेंगे !

न्यायिक हिरासत में मनीष कश्यप

पुलिस को देख कर तो अच्छे अच्छो की हवा टाईट हो जाती है तो फिर मनीष कश्यप ( Manish Kashyap ) क्या चीज़ है ! बिहार पुलिस काई दिनों से मनीष की तलाश कर रही थी, ईओयू की छह टीमे मनीष कश्यप की तलाश में थी ….लेकिन फिर पुलिस का प्रेशर पड़ा तो मनीष ने सरेंडर कर दिया, इसपर बिहार में 14 और तमिलनाडु में 13 मामले दर्ज हैं….अब इसे 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजा गया है ….खुद को पत्रकार बताने वाले इस मनीष ने काई ऐसे fake वीडियो वायरल किये जिसके बाद दोनों राज्यों के बीच काफी बवाल हुआ और तनाव पैदा हो गया लेकिन जांच कराई गई तो ये वीडियोस fake निकले.. इसके बाद मनीष और उसके दोस्तों के खिलाफ वारेंट जारी हुआ और कुर्की शुरू हो गई इसी केस के सिलसिले में बिहार पुलिस ने मनीष कश्यप के कई बैंक खातों में कुल बयालीस लाख रुपये की संपत्ति सीज कर दी…

फर्जी प्रोपेगेंडा की वजह से हजारों परिवारों परेशान

फर्जी विडियो बना बना कर दो राज्यों के बीच गलतफ़हमी पैदा करने वाला एक कथित पत्रकार पकड़ा गया तो अब आंसू बहा रहा है.सोचिए ज़रा इसके फर्जी प्रोपेगेंडा की वजह से हजारों परिवारों परेशान हुए होंगे, तकलीफ सहनी पड़ी होगी उन्हें ,,,. .! ये खुद को पत्रकार कहते है ..लेकिन दोस्तों…इस मनीष कश्यप की पूरी मानसिकता ही नफ़रत और हिंसा से भरी हुई है! ऐसी मानसिकता के पचासों वीडियो वायरल हुए ….उनमें से एक विडियो ये भी है जिसमें ये देश के राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी की मौत पर जश मानाने की बात करता है !

EOU के सामने मनीष का खुलासा


मनीष ने EOU यानि आर्थिक अपराध इकाई की पूछताछ में उसने कई बड़े राज़ भी खोले हैं …उसने ये बताया है कि बिहार के बड़े नेता उसकी मदद कर रहे थे।जिस तरह के फर्जी वीडियो उसने वायरल किए थे, उसके पीछे किन लोगों ने साथ दिया? इस सवाल का जवाब मनीष कश्यप ने दिया है। यानि मनीष के हिसाब से पर्दे के पीछे से एक बड़े राजनेता उसकी मदद कर रहे थे…काफी दिनों से दोनों एक-दूसरे के कॉन्टैक्ट में थे। मनीष ने उस राजनेता का नाम भी EOU को बता दिया है पर अभी वो नाम सामने नहीं आया है ….इनके अलावा कुछ और लोग भी हैं, जो इस प्रोपोगंडा में शामिल हैं अब सवाल ये उठ रहा है कि कहीं राज्य सरकार को बदनाम करने की साजिश तो नहीं चल रही थी? कही मनीष किसी बड़े प्लान का सिर्फ एक छोटा सा मोहरा तो नहीं है ?