बीजेपी में शामिल हुए ‘ममता’ के ‘3 विधायक’ और ’50 पार्षद’, टीएमसी के छूटे पसीने
लोकसभा चुनाव में 12 सीटें हारने के बाद पश्चिम बंगाल में ममता बैनर्जी को एक और बड़ा झटका लग गया है. भाजपा-टीएमसी के बीच तनाव और हिंसा के चलते ममता के गढ़ में एक बार फिर से बड़ी सेंधमारी हो गई है. और इसका पूरा फायदा बीजेपी को हुआ है.

खबर ये है कि टीएमसी के तीन विधायक और 50 पार्षद भाजपा में शामिल हो गए हैं. सुबह खबर थी कि करीब 20 पार्षद भाजपा में शामिल होने के लिए दिल्ली पहुंच चुके हैं, जो भाजपा की सदस्यता लेने वाले हैं. टीएमसी के पार्षदों में शामिल गरीफा के वॉर्ड छह की टीएमसी पार्षद रूबी चटर्जी ने ये दावा किया था कि उनके साथ 19 अन्य पार्षद भी दिल्ली में हैं. और हम ममता जी से नाराज नहीं हैं लेकिन बंगाल में बीजेपी की हालिया जीत से प्रभावित होकर हम लोग पार्टी में शामिल हो रहे हैं. लोग बीजेपी को पसंद कर रहे हैं और उसके लिए काम कर रहे हैं.
प. बंगाल प्रभारी और भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने सभी को बीजेपी की सदस्य्ता दिलाने के बाद कहा कि 50-60 पार्षद भाजपा में शामिल हो रहे हैं. बंगाल में सात चरण में चुनाव हुए थे, इसी तरह यहां भी टीएमसी नेताओं का भाजपा में शामिल होने का कार्यक्रम सात चरणों में होगा. ये पहला चरण है.
अब इसको लेकर एक बार फिर टीएमसी और भाजपा के बीच तनाव बढ़ने की आशंका जताई जा रही है. तीन विधायकों की बात करें तो ममता बनर्जी के काफी करीबी रहे मुकुल रॉय के बेटे शुभ्रांसु रॉय का नाम पहले है. सुभ्रांशु रॉय के अलावा टीएमसी विधायक तुषारक्रांति भट्टाचार्य और सीपीएम विधायक देवेंद्र रॉय भी भाजपा में शामिल हुए हैं. मालूम हो कि टीएमसी में रहे मुकुल रॉय ने 2017 में पार्टी छोड़ दी थी और भाजपा में शामिल हो गए थे.
इससे पहले लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद पश्चिम बंगाल में ममता दीदी इतना डर गई थीं. कि उन्होंने अपने सीएम पद से इस्तीफा भी देने को कह दिया था. दरअसल इस लोकसभा चुनाव में ममता दीदी को सिर्फ 22 सीटें ही मिली हैं. ममता ने लोकसभा चुनाव के सातों चरणों के मतदान में बहुत उधम काटा था.
खूब हिंसा हुआ और बीजेपी नेताओं से मारपीट की गई. मगर जनता ने भी बड़ी हिंसा के बीच में भी वोटिंग में खूब बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया. और आसमान पर चढ़ीं ममता दीदी को जमीन पर गिरा दिया.