साबरमती के संत तू ने कर दिया कमाल, राहुल ने दी बापू को श्रद्धांजलि-
भारत के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने राजघाट जाकर उनको श्रद्धांजलि दी. भारत के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की आज 71वीं पुण्यतिथि है. आज ही के दिन साल 1948 में नाथूराम गोडसे ने बापू की गोली मारकर हत्या कर दी थी.
बापू की याद में कवि डॉ. कुमार विश्वास ने अपने ट्विटर पर श्रद्धांजलि दी है. उन्होंने लिखा कि-
“जिस दिन तेरी चिता जली, रोया था महाकाल
साबरमती के संत तू ने कर दिया कमाल!” – (प्रदीप)
दुनिया के हर हिस्से में हमें गंगा-गौतम-गाँधी के देश के रूप में पहचाना जाता है। आज बापू की पुण्यतिथि पर विश्व के हर कोने में बसे उनके चाहने वालों की ओर से उन्हें कृतज्ञ प्रणाम।
"जिस दिन तेरी चिता जली, रोया था महाकाल
साबरमती के संत तू ने कर दिया कमाल!" – (प्रदीप)
दुनिया के हर हिस्से में हमें गंगा-गौतम-गाँधी के देश के रूप में पहचाना जाता है। आज बापू की पुण्यतिथि पर विश्व के हर कोने में बसे उनके चाहने वालों की ओर से उन्हें कृतज्ञ प्रणाम। ❤️🇮🇳️🙏 pic.twitter.com/m7rF2ChfBa— Dr Kumar Vishvas (@DrKumarVishwas) January 30, 2019
आज ही के दिन साल 1948 में नाथूराम गोडसे ने बापू की गोली मारकर हत्या कर दी थी. शाम के वक्त जब बापू बिड़ला भवन में प्रार्थना सभा से उठकर जा रहे थे उस वक्त ही गोडसे ने अपनी सेमी ऑटोमेटिक पिस्टल से एक के बाद एक तीन गोलियां दागकर उनका सीना छलनी कर दिया.
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने बापू को श्रद्धांजलि देते हुए अपने ट्विटर पर लिखा कि –
“एक समाज की महानता और प्रगति इस बात से लगायी जा सकती है कि वहां कमजोर और असुरक्षित सदस्यों के साथ कैसा व्यवहार किया जाता है।”
– महात्मा गांधी
बापू को उनकी पुण्यतिथि पर शत्-शत् नमन।
"एक समाज की महानता और प्रगति इस बात से लगायी जा सकती है कि वहां कमजोर और असुरक्षित सदस्यों के साथ कैसा व्यवहार किया जाता है।”
– महात्मा गांधी
बापू को उनकी पुण्यतिथि पर शत्-शत् नमन।#MahatmaGandhi pic.twitter.com/SfNxBASSkJ
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) January 30, 2019
1947 में भारत और धर्म के आधार पर बने पाकिस्तान के बीच लकीर खिंच गई थी, जिसने सरहदों के साथ साथ लोगों को भी बांट दिया था. रातों-रात लोग बेघर होकर सड़क पर आ चुके थे. लोग अपने को महफूज़ करने के लिए दूसरा मुहल्ला या जमीन तलाश कर रहे थे, जहां वह खुद को बचा सकें. सबके घर जल रहे थे और सड़कों पर हत्याओं का नंगा नाच चल रहा था. पूरा देश नफरत की आग में जल रहा था.
20 जनवरी 1948 को बापू जहां प्रार्थना कर रहे थे वहीं कुछ दूरी पर एक बम धमाका हुआ. जिससे वहां मौजूद लोगों के दिलों में दहशत बैठ गई. लेकिन बापू वहीं डटे रहे. 26 जनवरी को बापू का मौन व्रत था, लेकिन वे अपनी बात इशारों के साथ अपने सहयोगियों को बता रहे थे. 30 जनवरी 1948 का दिन आया. आम दिन की तरह सब चल रहा था. पटेल की बेटी ने बताया कि बापू के प्रार्थना सभा का वक्त हो गया है. और बापू थोड़ा लेट प्रार्थना सभा में पहुंचे.
प्रार्थना सभा की भीड़ में नाथूराम गोडसे भी मौजूद था. वो लोगों को हटाते हुए ठीक बापू के सामने आ गया. उसने बापू को प्रणाम किया और फिर पांव छूकर आशीर्वाद लिया. इसके बाद जो हुआ उसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की थी. गोडसे तेजी से उठा और हाथों में पिस्तौल लेकर तीन गोलियां बापू के सीने में दाग दीं. पूरी सभा में सन्नाटा छा गया.