TikTok वालों के लिए खुशखबरी, कोर्ट ने हटाया बैन, ये था बड़ा कारण
फेमस वीडियो ऐप टिक-टॉक को तो आप क्या बच्चा बच्चा जानता है. मगर पिछले दिनों टिक-टॉक के चाहने वालों को एक बड़ा झटका लगा था. और कोर्ट ने इसे बैन कर दिया था. लेकिन अब परेशान होने की ज़रूरत नहीं है.

मद्रास हाईकोर्ट ने चीन के ऐप टिकटॉक पर लगा बैन हटा लिया है. सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को मद्रास हाईकोर्ट को इस संबंध में जरूरी निर्देश दिए थे. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने हाईकोर्ट से कहा था कि अपने रोक के अंतरिम आदेश पर विचार कर फैसला दें, नहीं तो ऐप पर लगा बैन हटा दिया जाएगा.
इससे पहले मद्रास हाई कोर्ट की मदुरै बेंच ने केंद्र सरकार को आदेश दिया था कि सरकार टिक टॉक की डाउनलोडिंग पर रोक लगाए. इसके अलावा कोर्ट ने ये भी कहा है कि सरकार टिक टॉक के वीडियो को फेसबुक जैसे अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर शेयर होने पर भी रोक लगाए. कोर्ट का कहना था कि ये चाइनीज वीडियो एप टिक-टॉक ‘आपत्तिजनक कंटेंट’ को बढ़ावा देती है. जिसके चलते पॉर्नोग्राफिक कंटेंट के कारण इस पर बैन लगा दिया गया था. तब नए यूजर्स इस एप को डाउनलोड नहीं कर सकते थे. हालांकि जिन लोगों ने इस एप को पहले से ही डाउनलोड कर रखा है वो इसका इस्तेमाल कर सकते थे.
जानकारी के मुताबिक आपको बता दें कि भारत में इस एप का इस्तेमाल 30 करोड़ यूजर्स करते हैं. जबकि दुनियाभर में इसके यूजर्स की संख्या 100 करोड़ है. कंपनी ने शनिवार को सुप्रीम कोर्ट में जानकारी देते हुए बताया कि टिकटॉक पर भारत में बैन की वजह से इसकी पेरेंट कंपनी बाइटडांस को रोज 5 लाख डॉलर (3.50 करोड़ रुपए) का नुकसान हो रहा था. इससे 250 नौकरियां भी खतरे में थीं. कंपनी ने अपील करते हुए कहा था कि टिकटॉक से बैन हटाया जाए.
कंपनी ने जुलाई 2018 से अब तक 60 लाख से ज्यादा ऐसे वीडियो अपने प्लेटफॉर्म से हटाए हैं, जो कंपनी की गाइडलाइन्स का पालन नहीं करते हैं. कंपनी ने कोर्ट से ये भी कहा कि थर्ड पार्टी द्वारा अपलोड किए गए गलत कंटेट के लिए उसे जिम्मेदार ठहराना गलत है.