बिहार के महागठबंधन में सपा-बसपा को लेकर सीटों पर फंसा पेंच, किसको मिलेंगी कितनी सीट ?
लोकसभा चुनाव को लेकर बिहार के विपक्षी महागठबंधन में सीटों के बंटवारे का पेंच अभी भी फंसा हुआ है. अचानक समाजवादी पार्टी व बहुजन समाज पार्टी को लेकर एक बड़ी समस्या खड़ी हो गई है. उसी पर सभी पार्टियों में बहस चल रही है.

दरअसल मायावती के जन्मदिन पर तेजस्वी यादव लखनऊ आये थे और माया को बिहार की गोपालगंज सीट से लडऩे का न्योता दिया था. और दूसरे दिन अखिलेश यादव से मिलने पर उन्होंने झंझारपुर की सीट सपा को देने को कहा था. लेकिन बिहार में गठबंधन में शामिल दूसरी पार्टियों को ये मंजूर नहीं है. सपा-बसपा को लेकर कांग्रेस ने अपना मत साफ़ कर दिया है.
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा ने कहा कि पार्टी ने अपने परंपरागत वोटरों को दोबारा साथ लाने के लिए कई कदम उठाए हैं. कामयाबी भी मिली है. मायावती और अखिलेश को महागठबंधन के साथ जोडऩे से कांग्रेस को परहेज नहीं है, मगर कांग्रेस ने यहाँ साफ कह दिया है कि सपा-बसपा को जो आमंत्रित करेगा, उसे ही अपने हिस्से की सीटें दोनों को देनी होंगी.
मतलब साफ है कि सपा व बसपा से राजद की दोस्ती की कुर्बानी बिहार में कांग्रेस नहीं देगी. बिहार में कुल 40 लोकसभा सीट हैं. कांग्रेस भी महागठबंधन में राजद के बराबर सीटें लेने की जुगत में है. पिछली बार 2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने 12 और राजद ने 27 सीटों पर चुनाव लड़ा था. जिसमें कांग्रेस ने सिर्फ 2 और राजद ने 4 सीटें जीती थीं. और अगर सफलता दर देखी जाए तो कांग्रेस राजद से आगे है.
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) अध्यक्ष लालू प्रसाद ने सोमवार को बिना किसी का नाम लिए इशारों ही इशारों में उन लोगों को सचेत किया, जो लगातार उनकी आलोचना कर रहे हैं. अपने ट्विटर हैंडल से शायराना अंदाज में टवीट कर लिखा,
‘अभी गनीमत है सब्र मेरा,
अभी लबालब भरा नहीं हूं,
वह मुझको मुर्दा समझ रहा है,
उसे कहो मैं मरा नहीं हूं.’
लेन-देन के तहत तेजस्वी ने बिहार में दो सीटें देकर उत्तर प्रदेश में भी सपा-बसपा से राजद के लिए दो सीटों की मांग कर दी है. वहीँ तेजस्वी ये भी चाहते हैं कि बीजेपी के बागी शत्रुघ्न सिन्हा और कीर्ति आजाद बिहार में महागठबंधन के पाले में रहकर चुनाव लड़ें. और तेजस्वी की इस बात पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का बल भी मिल गया है. अनुमान लगाया जा रहा है की 19 सीट पर राष्ट्रीय जनता दल के उम्मीदवार और 11 सीटों पर कांग्रेस के उम्मीदवार लोकसभा चुनाव लड़ेंगे. बाकी बचीं 10 सीटें अन्य दलों में बांटी जाएँगी.