CM योगी ने कानून-शांति व्यवस्था और PM मोदी ने तीन तलाक को लेकर बनाया प्लान, दिए सख़्त निर्देश

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को शांति और कानून-व्यवस्था को लेकर विभिन्न विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, प्रमुख सचिव (गृह), पुलिस महानिदेशक, समस्त जिलाधिकारी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक और पुलिस अधीक्षकों के साथ बैठक की है.

law and order of state and new triple talaq bill
law and order of state and new triple talaq bill

बैठक में उन्होंने सख़्त निर्देश देते हुए कहा कि शांति और कानून-व्यवस्था से किसी तरह का समझौता नहीं किया जाएगा. जिलों में जिलाधिकारी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक या पुलिस अधीक्षक कानून और शांति व्यवस्था के लिए सीधे जिम्मेदार हैं. बैठक के बाद मुख्य सचिव अनूप चंद्र पाण्डेय ने बताया कि अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव और सचिवों सहित वरिष्ठ अधिकारी 15 से 20 जून के बीच जिलों में निरीक्षण करेंगे, जिला अस्पतालों और तहसीलों में जाएंगे, गांवों में जाकर भौतिक सत्यापन करेंगे और 20 जून तक रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंपी जाएगी.

45 अधिकारी अलग अलग जिलों में जाएंगे. सभी अपनी अपनी रिपोर्ट तैयार करेंगे और उनकी रिपोर्ट का विश्लेषण करने के बाद कौन सी योजनाओं का कार्यान्वयन कैसे चल रहा है, कहां दिक्कतें हैं, क्या क्या लंबित है, इसका विस्तृत विश्लेषण होगा. उसके बाद मुख्यमंत्री खुद सभी मंडलों में जाकर निरीक्षण करेंगे. मुख्यमंत्री ने कल चिकित्सा विभाग के सभी सीएमओ को बुलाया है. परसों शिक्षा विभाग में सभी बीएसए और डीआईओएस के साथ समीक्षा होगी. उसके बाद मंडलों का भ्रमण प्रारंभ होगा.

उधर केंद्र सरकार भी एक्शन में है. बुधवार को केंद्र की भी कैबिनेट मीटिंग हुई जिसके बाद केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि तीन तलाक पर प्रतिबंध के लिए केंद्र सरकार बजट सत्र में नया विधेयक पेश करेगी. जावड़ेकर ने कहा कि नया विधेयक फरवरी में पेश किए गए अध्यादेश का स्थान लेगा. उन्होंने उम्मीद जताई कि इस बार ये बिल राज्यसभा से भी पास करा लिया जाएगा.

नई सरकार का पहला बजट सत्र 17 जून से आरंभ हो रहा है. बतादें की मोदी सरकार तीन तलाक विधेयक को पहले भी पेश कर चुकी है. मगर उस समय ये राज्यसभा में पास नहीं हो पाया था. और नियम से अनुसार जो विधेयक लोकसभा में पेश किए जाते हैं और राज्यभा में लंबित रहते हैं और उसी के दौरान अगर लोकसभा भंग हो जाये तो वो विधेयक अपने आप ही समाप्त हो जाते हैं. अब नई सरकार बनने के बाद पुरानी लोकसभा भंग हो गई इसलिए तीन तलाक बिल भी समाप्त हो गया. इसी वजह से सरकार को नया विधेयक लाना पड़ रहा है.