लखीमपुर खीरी (Lakhimpur Kheri) में कल से आज तक क्या हुआ कैसे भड़की हिंसा..यहां पर जानिए..

लखीमपुर खीरी (Lakhimpur Kheri) में जो घटना हुई..उसके बाद जो हिंसा वो कैसे भड़की..औऱ लखीमपुर खीरी के घटना पर विपक्ष और योगी आदित्यनाथ का क्या कहना है..इस घटना में कितने लोग मारे गए हैं..ये पूरी बात जानिए यहां पर ..

लखीमपुर (Lakhimpur Kheri) में भड़की हिंसा के बाद करीब 8 लोगों की मौत हो गई..लोगों की मौत को लेकर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष पर आरोप लगाया गया है..बताया ये भी गया कि रास्ते में तिकुनिया इलाके में किसानों ने विरोध प्रदर्शन शुरु किया था..जिस कारण झड़प हुई और फिर आशीष मिश्रा पर ये आरोप लगा की उन्होने किसानों के ऊपर गाड़ी चढ़ा दी है..जिस वजह से 4 लोगों की मौत हो गई..और किसानों की मौक के बाद मामला और बढ़ गया और हिंसा और भड़क गई..इस हिंसा में बीजेपी नेता के ड्राइवर के साथ 4 लोगों की मौत हुई है..

हिंसा के बाद क्या हुआ लखीमपुर में..

लखीमपुर (Lakhimpur Kheri) हिंसा के बाद हालात को संभालने के लिए..वहां के इंटरनेट को बन्द कर दिया गया..औऱ तिकुनिया थाने में आशीष मिश्रा के खिलाफ केस दर्ज हो चुका है..

हिंसा के बाद क्या हुआ?


इस हिंसा के बाद हालात न बिगड़ें, इसे ध्यान में रखते हुए इंटरनेट बंद कर दिया गया. वहीं, केंद्रीय मंत्री के बेटे आशीष मिश्रा के खिलाफ तिकुनिया थाने में केस दर्ज करवाया गया है. 

अपने ऊपर लगे आरोपों पर क्या बोले मंत्री और उनका बेटा आशीष-

केन्द्रीय मंत्री पर जो आरोप लगे थे..उसको मंत्री और उनके बेटे ने खारिज कर दिया है..केंद्रीय मंत्री का कहना है कि कुछ लोगों ने काफिले पर हमला कर दिया था..जिस वजह से हमारा ड्राइवर घायल हो गया..और वो ये भी कहते हैं..कि हमारे तीन कार्यकर्ता औऱ ड्राइवर की मौत हुई है..औऱ हमारी गाड़ियों के हवाले कर दिया गया था..इस बात पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हम भी इस मामले पर केस दर्ज करवाएंगें..औऱ उनका बेटा आशीष भी दावा कर रहा है कि वो सुबह 9 बजे से बनवानीपुर में था..वहां पर हमारी 3 गाडिंयां उप-मुख्यमंत्री की के एक कार्यक्रम की अगवानी करने गयीं थी..वहां रास्ते में कुछ बदमाशों ने पथराव किया..हमारी कारों में आग लगा दी गई…औऱ कार्यकर्ताओं पर लाठियां चलाई गईं. इसके लिए जांच के लिए कहा गया है..

इस घटना पर क्या कहता है विपक्ष?


पूरा विपक्ष इस पूरी घटना पर हमलावर हो गया है..प्रियंका गांधी वाड्रा पहले लखनऊ पहुंची औऱ वहां से फिर वो लखीमपुर खीरी के लिए रवाना हो गईं थी..लेकिन उन्हें हरगांव के पास ही हिरासत में ले लिया गया..प्रियंका को सीतापुर गेस्ट में ठहराया गया है..

किसानों के साथ संवेदना व्यक्त करने के लिए अखिलेश यादव भी लखीमपुर (Lakhimpur Kheri) जाना चाहते थे..लेकिन पुलिस ने उन्हें भी रोक दिया गया..इस सबके बाद भी अखिलेश यादव सड़क पर की धरने पर बैठ गए..अखिलेश ने कहा कि ये सरकार किसानों के ऊपर बहुत जुल्म कर रही है..इतना जुल्म तो अंग्रेजों ने भी नहीं किया था..औऱ अखिलेश ने केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य दोनों के इस्तीफे की मांग की है..अखिलेश ने ये भी कहा कि गाड़ी थाने के सामने जली है..तो आग भी पुलिस ने ही लगाई होगी..जिससे आंदोलन को कमजोर किया जा सके..अखिलेश यादव को हिरासत में ले लिया गया..

शिवपाल सिंह यादव पुलिस को चकमा देकर लखीमपुर (Lakhimpur Kheri) के लिए निकले गए थे..पुलिस से बचकर लखीमपुर खीरी जाने के लिए शिवपाल यादव अपने घर के पीछे की दीवार फांदकर आधे रास्ते निकल गए..हालांकि इसके बाद शिवपाल यादव को पकड़ लिया गया..उनको लखीमपुर खीरी नहीं जाने दिया गया..

अखिलेश की रिहाई की मांग को लेकर अमरोहा कलक्ट्रेट पहुंचकर सपाईयों ने किसानों के धरने में शामिल होने की कोशिश की..तभी भारतीय किसान यूनियन के नेताओं ने राजनीतिक दलों को दूर रहने के लिए कहा और सपाइयों को वापस जाने को कहा..औऱ अखिलेश यादव की रिहाई की मांग की..

लखीमपुर जाने से रोका गया राकेश टिकैत को भी.


राकेश टिकैत भी लखीमपुर की घटना के बाद वहां जाने के लिए रवाना हुए..लेकिन उनके काफिले को पहले ही रोक लिया गया..इस बात को लेकर राकेश टिकैत ने कहा कि इस घटना ने इस सरकार के चेहरे से नकाब हटाया है..ये सरकार भूल गई कि अपने हक के लिए हम मुगलों और अंग्रेजों के आगे भी नहीं झुके थे..किसान मर तो सकता है..लेकिन डर नहीं सकता..सरकार अपनी नींद से जागे और जिन लोगों ने किसानों की हत्या की है उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करके उन्हें गिरफ्तार करें..

पीड़ित परिवारों को सरकार देगी 45 लाख का मुआवजा ..

किसानों और प्रशासन दोंनों के बीच सुबह से ही बात हो रही थी..और अब तक दोनों पक्षों में शामिल सुलह हो चुकी है..प्रशासन ने किसानों की मांग पर ये ऐलान किया है कि जो पीड़ित परिवार हैं उन्हें 45-45 लाखा रुपए का मुआवजा दिया जाएगा..किसानों की तरफ से 50-50 लाख रुपए की मांग रखी गई थी..लेकिन प्रशासन ने 45 लाख पर हां कर ली है..औऱ मृतकों को आश्रितों को नौकरी देने के लिए कहा है..और जो किसान घायल हो गए हैं उन्हें दल देने के लिए कहा है..और इसके साथ नई कमेटी का गठन किया जाएगा..एडीजी प्रशांत कुमार ने बताया कि दोषियों के खिलाफ केस दर्ज हो चुका है..जांच भी कि जा रही है..और किसी भी दोषी को नहीं छोड़ा जाएगा..

किसानों और प्रसाशन के बीच क्या समझौता हुआ औऱ क्या शर्तें हुईं यहां पर सुनिए..

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