BJP के गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा की वजह से हुआ लखीमपुर (Lakhimpur Kheri) में नरसंहार ? : संपादकीय व्यंग्य

PRAGYA KA PANNA
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लखीमपुर खीरी (Lakhimpur Kheri) में किसानों से देश का गृह राज्य मंत्री कहता है कि 2 मिनट लगेंगे सुधार दूंगा..तो जनता पूछती है कि तुम सुधार दोगे..तुम लखीमपुर के गुंडे हो..एरिया के दादा हो..कानून हो पुलिस हो..मिलिट्री हो..या गली के टपोरी हो जो किसानों को 2 मिनट में सुधार दोगे..इस आदमी की भाषा से क्या आपको ये लगता है कि ये देश का केंद्रीय गृह राज्य मंत्री है..आगे सुनिए इस आदमी को जिसको आप मंत्री कहते हैं उसकी शराफत यहीं खत्म नहीं होती है..

मुबारक हो हमारे देश में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री..हमारी सिक्योरिटी फोर्सेस का बॉस एक गली का गुंडा बनाया गया है..ये आदमी अपने मुंह से कह रहा है कि ये केवल मंत्री विधायक या सांसद नहीं है..इस आदमी के भीतर वो गुण हैं..जिसको सीवी में देखकर अमित शाह जी ने इसे अपना जूनियर मान लिया..ये व्यक्ति देश की सरकार में है..गृह राज्य मंत्री है..इसे अपने ही देश के किसान चुनौती लग रहे हैं..इसे अपने देश के किसान दुश्मन लग रहे हैं…ये अपने ही देश के किसानों को अंगूठा दिखाते हुए रास्ते से निकलता है..देखिए ये हमारे देश का केंद्रीय गृह राज्य मंत्री है..अपनी गाड़ी के भीतर है.और जब इसकी गाड़ी किसानों (Lakhimpur Kheri) के प्रदर्शन वाली जगह से निकलती है तो पहले हाथ हिलाता है और किसानों को उकसाते हुए थम्स डाउन वाला साइन बनाकर अंगूठा दिखाता है..इस अंगूठे का मतलब है..तुम लोग मेरा कुछ नहीं बिगाड़ सकते या बिगाड़ पाए..या फिर थम्स डाउन का मतलब है तुम सब फेल हो कुछ नहीं कर सकते हो..

दोस्तों देश के इतिहास में पहली बार हुआ कि एक केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अपने ही देश के किसानों को दुश्मन बताकर उनको उकसा रहा हो..अपनी ही जमीन के किसानों (Lakhimpur Kheri) को शोहदों कि तरह ललकार रहा हो…इस तरह की लफंगई आज तक के इतिहास में किसी भी गृह राज्य मंत्री ने नहीं की..आज हमारे पहले गृह मंत्री सरदार पटेल की पत्थर की मूर्ति गुजरात में खड़े होकर रो रही होगी..कि किस आधार पर इस तरह के गुंडे को केंद्रीय गृह राज्य मंत्री बना दिया गया..किसान इस मंत्री की जमीन छीनने के लिए प्रदर्शन नहीं कर रहे हैं..ना ही इस मंत्री से किसानों का कोई लेना देना है..

किसान यूपी के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या को काले झंडे दिखाने के लिए प्रदर्शन कर रहे थे..उप मुख्यमंत्री को इस मंत्री के गांव जाना था..और इस मंत्री के कानों को विरोध पसंद नहीं है इसीलिए इसके लड़के ने लखीमपुर को जलियावाला बाग बनवा दिया..अपनी गाड़ी से किसानों को रौंदवा दिया..गृह राज्य मंत्री हो मंत्री हो या बीजेपी का मुख्यमंत्री सब के सब किसानों को रौंदने का मारने का प्लान बनाकर बैठे हैं..इस आदमी को सुनिए..ये हिरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर हैं..मां बाप ने नाम मनोहर रख दिया उस पर मत जाईये..इस मुख्यमंत्री के पीछे साजिशकर्ता को पहचानिए..किस तरह से किसानों के बीच खून खराबे के लिए कार्यकर्ताओं को उकसा रहा है..

बताईये..सच है कि बीजेपी सरकार में सारे गुंडे राज्य छोड़कर भाग गए हैं..इन जैसे मुख्यमंत्रियों के रहते गुंड़ों का क्या काम है..गुंडे इनसे अच्छा प्रदर्शन कभी नहीं कर पाएंगे कहां ये वेल ट्रेंड..कहां वो किस्तम की ठोकरों से गुंडे बने क्रिमिनल..कोई बराबरी ही नहीं हो सकती..ये मैडम से मिलिए..देखने से ममता की मूरत लग सकती हैं..लेकिन बीजेपी की सदस्यता लेने के बाद..किसान इनके लिए मवाली हैं..

जानवर भी जिसका खाता है उसकी वफादारी करती है लेकिन नेतागीरी पर ये नियम लागू नहीं होता..कॉर्पोर्ट ने जब गर्दन पकड़ रखी हो..तो किसान मवाली क्या..मार भी दिया जाए उससे भी कोई फर्क नहीं पड़ता..

दोस्तों ये इतिहास में पहली बार है..कि भारत देश के केंद्रीय गृह राज्य मंत्री ने किसानों को टपोरियों की भाषा में धमकी दी..सबसे ज्यादा किसानों वाले राज्य का मुख्यमंत्री मारने खून खराबे की बात कर रहा है..ये पहली बार है केंद्रीय गृह राज्या मंत्री की आज्ञाकारी औलाद खुद अपनी फोर्स लेकर किसानों पर हमला कर रहा है..अपनी थार गाड़ी से किसानों को रौंदवा रहा है..जहां तक मुझे भारत देश की समझ है..

केंद्रीय गृह राज्य मंत्री सिक्योरिटी फोर्सेज से जुड़ा देश का बहुत बड़ा पद है.. क्या पुलिस में इतनी हिम्मत है कि अपने मालिक मिश्रा जी के लड़के को पकड़ने की हिम्मत करेगी..जांच के नाम पर बेवकूफ बनाने वालों से ये जरूर पूछिए..जब बाप थानेदार है तो बेटे को पकड़ेगा कौन ? ऐसे मंत्रियों से पहले इस्तीफा लेना चाहिए..ये अपने प्रभाव से जांच कभी होने ही नहीं देंगे..इस हिंसा में हमारे बीच के एक पत्रकार रमन कश्यप की भी मौत हो गई है ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दे..

Disclamer- उपर्योक्त लेख लखनऊ के वरिष्ठ पत्रकार द्वारा लिखा गया है. लेख में सुचनाओं के साथ उनके निजी विचारों का भी मिश्रण है. सूचना वरिष्ठ पत्रकार के द्वारा लिखी गई है. जिसको ज्यों का त्यों प्रस्तुत किया गया है. लेक में विचार और विचारधारा लेखक की अपनी है. लेख का मक्सद किसी व्यक्ति धर्म जाति संप्रदाय या दल को ठेस पहुंचाने का नहीं है. लेख में प्रस्तुत राय और नजरिया लेखक का अपना है.

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