गाजीपुर बॅार्डर से किसानों (Kisaan) को हटाया जाएगा..बैरिकेड हटाकर पहुंची पुलिस

किसान (Kisaan) आंदोलन के चलते बंद सड़को को खुलवाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई याचिका पर सुनवाई की गई..और इस पर अब कोर्ट ने साफ कर दिया कि विरोध-प्रदर्शन करना किसानों का अधिकार है..लेकिन सड़कों को अवरुद्ध नहीं किया जा सकता..और इस बात में किसी को कोई संदेह नहीं होना चाहिए..इस बात पर किसान संगठनों के वकील दुष्यंत दवे कहते हैं..कि सड़क को हमने नहीं बंद किया है पुलिस ने बंद किया है..
अब इस मामले की सुनवाई 7 दिसंबर को होगी..सुनवाई के बाद राकेश टिकैत के सामने जो बैरीकेडिंग लगी थी वो हटा दी गई..और उधर दिल्ली पुलिस भी गाजीपुर पहुंच गई..
किसान यूनियन ने कहा रास्ता हमने नहीं पुलिस ने बंद किया
भारतीय किसान यूनियन (Kisaan) ने ट्वीट करते हुए कहा कि..किसान भाइयों ये अफवाह फैलाई जा रही है कि गाजीपुर बॅार्डर को खाली किया जा रहा है..ये पूरी तरह से गलत है..हम ये दिखा रहें हैं कि रास्ता हमने नहीं दिल्ली की पुलिस ने बंद कर रखा है..
कोर्ट ने को लगाई फटकार
पहले सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि आप किसी भी तरह से विरोध करिए..लेकिन इस तरह सड़क को आप नहीं रोक सकते हैं..काननू पहले ये तय है..ये क्या हमें बार-बार बताना होगा.. (Kisaan) जस्टिस एसके कौल का कहना है..कि सड़कें साफ होनी चाहिए..हम बार-बार कानून तय नहीं कर सकते..आपको ये अधिकार है कि आप आंदोलन करें लेकिन आप सड़क जाम नहीं कर सकते हैं..अब कुछ समाधान निकालना होगा..
सुप्रीम कोर्ट ये कहता है..कि हम किसी बड़े मुद्दे पर नहीं जाएगे..लेकिन ये मामला सड़क खुलवाने से जुड़ा है..इस मामले पर 43 किसानों को सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस भेजा था..और इस बात पर भारतीय किसान यूनियन (Kisaan) के साथ सिर्फ यूनियनों ने ही अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है..
ये आंदोलन किसी और कारणों के लिए हो रहा है–तुषार मेहता
तुषार मेहता ने सरकार की तरफ से 26 जनवरी को लाल किले पर जो हिंसा हुई थी..उस मुद्दे को उठाया..तुषार मेहता कहते हैं..कृषि कानूनों पर कोर्ट पहले ही रोक लगा चुकी है..फिर भी इसके बाद भी क्यों हो रहा आंदोलन..आंदोलन कभी जो कारण वास्तव में होता है उसके लिए नहीं होता है..किसी और कारण के लिए भी होने लगता है..अब ये किसानों (Kisaan) कि सच्चाई को लेकर सवाल उठा रहें हैं..