भारतीय सेना ने अलकायदा आतंकी ‘जाकिर मूसा’ को बम से उड़ाया, इंटरनेट और स्कूल-कॉलेज बंद
जम्मू कश्मीर में भारतीय सेना को एक बड़ी सफलता हाँथ लगी है. एक तरफ देश में मोदी सरकार के वापसी की धूम मची थी. और कल शाम को ही अलकायदा की पहचान बने अंसार-उल-गजवात-ए-हिंद के कमांडर जाकिर मूसा को भारतीय सेना ने मौत के घाट उतार दिया है.

जाकिर मूसा को मारकर सेना को बड़ी कामयाबी हासिल हुई है. मूसा को पुलवामा के उसी इलाके में मार गिराया गया है, जहां साल 2016 में सेना ने हिजबुल कमांडर बुरहान वानी को ढेर किया था. जाकिर मुसा के एनकाउंटर के बाद घाटी में मोबाइल इंटरनेट सर्विस को सस्पेंड कर दिया गया है. साथ ही घाटी के सभी स्कूलों और कॉलेजों को आज बंद करने के आदेश दिए गये हैं.
11 घंटे तक चले ऑपरेशन में मूसा को आखिरकार रात के करीब 2 बजे मार गिराया गया. इस एनकाउंटर को 42 राष्ट्रीय रायफल, एसओजी और सीआरपीएफ की टीम ने अंजाम दिया है. मूसा पर 15 लाख का इनाम घोषित किया गया था. उसे भी आतंकी संगठन में आरिफ और आदिल नामक दो आतंकी कमांडरों ने भर्ती किया था. जाकिर ने उन अलगाववादी नेताओं को मारने की धमकी दी थी जो कश्मीर को एक राजनीतिक मसला मानते हैं. क्युकी जाकिर का मानना था कि कश्मीर कोई राजनीतिक नहीं बल्कि एक इस्लामिक राज्य स्थापित करने की लड़ाई है.
मूसा त्राल के ददसरा गांव में ही एक घर में छिपा हुआ था. गुरुवार की शाम को जैसे ही सुरक्षाबलों और एसओजी की टीम को खबर मिली सेना ने ऑपरेशन के बीच जाकिर मूसा से सरेंडेर कराने की भी कोशिश की. इसके लिए घर के मालिक को बात के लिए अंदर भी भेजा गया लेकिन जाकिर मूसा ने सरेंडर से इनकार कर दिया. और घर में छिपकर ही सुरक्षाबलों को निशाना बनाकर फायरिंग करने लगा. एसओजी की टीम ने भी जवाबी फायरिंग शुरू कर दी और कई घंटों तक दोनों तरफ से गोलीबारी होती रही.
शाम से जब रात हो गई तो सुरक्षाबलों ने सोचा की अँधेरे का फायदा उठा कर जाकिर कहीं भाग न जाए. तभी सुरक्षाबलों ने उस पूरे घर को उड़ा दिया. आज शुक्रवार की सुबह 6 बजे सुरक्षाबलों ने उसके शव की पहचान कर ली. मूसा का शव ब्लास्ट किए गए घर के मलबे के नीचे मिला.