कन्नौज: दांव पर लगी है डिम्पल की साख़, चाचा ने बिछा दिए कांटें, बीजेपी ने भी खेला पुराना पत्ता, होगा महामुक़ाबला
यूपी की कई सीटें ऐसी हैं जो नेताओं के नाम से ही जानी जाती हैं. और आज हम बात कर रहे हैं कन्नौज की लोकसभा सीट का जो सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की पत्नी डिम्पल यादव के नाम से ही जानी जाती है.

कन्नौज लोकसभा क्षेत्र समाजवादी पार्टी का मजबूत गढ़ माना जाता है. अखिलेश की पत्नी डिंपल यादव यहां से सांसद हैं. 2014 के लोकसभा चुनाव में डिंपल ने ‘मोदी लहर’ को टक्कर देते हुए यहां से अपनी जीत दर्ज की थी. डिंपल को पिछले चुनाव में 489164 (43.89 फीसदी) वोट मिले थे, जबकि बीजेपी प्रत्याशी को 469257 (42.11 फीसदी) वोट मिले थे. बीएसपी को 127785 (11.47 फीसदी) वोट और चौथे नंबर पर रही इनेलो को 0.51 फीसदी वोट मिले थे.
पहले तो अखिलेश ने कहा था कि अब डिम्पल चुनाव नहीं लड़ेंगी मगर एसपी-बीएसपी के बीच गठबंधन होने के बाद कन्नौज लोकसभा सीट समाजवादी पार्टी के खाते में आई. और अखिलेश ने अपनी बात से पलटी मारते हुए डिंपल यादव को फिर से इत्र नगरी कन्नौज से लोकसभा प्रत्याशी घोषित कर दिया. वैसे कन्नौज की सीट हमेशा से सपा के पास ही रही है.
1996 में मुलायम सिंह यादव ने कन्नौज लोकसभा सीट से जीत दर्ज की. वर्ष 2000 में इसी सीट पर अखिलेश यादव ने जीत दर्ज की. 2004 के लोकसभा चुनाव में अखिलेश यादव ने दोबारा कन्नौज सीट से जीत दोहराई. 2009 का मुकाबला भी अपने नाम किया. 2012 में अखिलेश यादव ने यह सीट छोड़ दी. और फिर यहां से डिंपल यादव निर्विरोध चुन ली गईं. बस तबसे डिम्पल ही जमी हुई हैं.
वर्ष 2011 की जनगणना के मुताबिक, कन्नौज की कुल जनसंख्या 16 लाख 57 हजार थी. यहां हिंदू समुदाय 83.05 फीसदी है जबकि मुस्लिम वर्ग 16.54 प्रतिशत है. अब अगर विधानसभा सीटों की बात करें तो कन्नौज लोकसभा सीट में पांच विधानसभा सीटें आती हैं. इनमें कन्नौज जिले की तीन विधानसभा कन्नौज, तिरवा और छिबरामऊ शामिल हैं. इसके अलावा कानपुर देहात की रसूलाबाद और औरेया जिले की बिधूना विधानसभा सीट भी कन्नौज लोकसभा सीट का हिस्सा है.
सबसे बड़ी बात कि 2017 के विधानसभा चुनाव में इन पांच में से चार सीट पर बीजेपी और महज एक पर सपा जीती थी. अगर विधानसभा चुनाव के हिसाब से देखा जाए तो सपा के कन्नौज में बीजेपी जबर्दस्त सेंधमारी कर चुकी है. और ये सपा के लिए चिंता का विषय भी होना चाहिए. कन्नौज लोकसभा सीट के लिए 29 अप्रैल को मतदान होंगे. 2014 में डिम्पल के सामने दो मज़बूत प्रत्याशी थे. बसपा और बीजेपी से. और अब 2019 के मुकाबले में बसपा तो नहीं मगर चाचा शिवपाल डिम्पल के रास्ते में कांटे बिछा रहे हैं.
बीजेपी ने कन्नौज से अपने पुराने उम्मीदवार सुब्रत पाठक को ही मैदान में उतारा है. तो वहीं शिवपाल सिंह यादव की पार्टी प्रसपा ने कन्नौज लोकसभा सीट से सुनील कुमार सिंह राठौर को अपना प्रत्याशी बनाया है. डिम्पल यादव का इन दोनों से ज़बर्जस्त मुकाबला होगा. अगर इस बार डिम्पल हार गईं तो उनका क्या होगा ये तो 23 मई को होगा. जब परिणाम घोषित किये जायेंगे.