देश को हिला देने वाले तीन हत्याकांड के दोषियों पर फैसला आज, हो जायेंगे बरी ?
पूरी दुनिया को हिला देने वाले तीन प्रमुख हत्याकांड जेसिका लाल, नैना साहनी और प्रियदर्शिनी मट्टू हत्याकांड के दोषियों के लिए 4 अक्टूबर यानि आज का दिन बहुत ही अहम है। सजा समीक्षा बोर्ड (SRB) की आज बैठक होगी।
एस.आर.बी. की इस बैठक में सजा काट रहे तीनों दोषी संतोष सिंह (प्रियदर्शिनी मट्टू हत्याकांड), मनु शर्मा (जेसिका लाल हत्याकांड) और सुशील शर्मा (नैना साहनी हत्याकांड) के भविष्य पर फैसला लिया जा सकता है। अगर इन तीनों दोषियों की याचिका पर विचार सकारात्मक रहा तो तीनों जेल से बाहर की दुनिया जल्द ही देख सकेंगे।
जेसिका लाल हत्याकांड में क्या हुआ था ?

मामला 19 साल पहले 29 अप्रैल, 1999 को पूर्व केंद्रीय मंत्री विनोद शर्मा के बेटे मनु शर्मा ने दक्षिणी दिल्ली के महरौली स्थित कुतुब कोलोनेड रेस्टोरेंट में 34 वर्षीय मॉडल जेसिका लाल को शराब परोसने से मना करने पर गोली मारकर हत्या कर दी थी। गोली मारने के तुरंत बाद मनु अपने दोस्तों के साथ वहां से फरार हो गया। सूचना मिलने के बाद पहुंची पुलिस ने मामले में 101 गवाह बनाए और जिसमें से एक गवाह श्यान मुंशी को मामले का मुख्य गवाह बनाकर उसके बयान के आधार पर एफआईआर दर्ज की।
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मनु शर्मा को हुई उम्रकैद की सजा
एफ.आई.आर होने के बाद मुकदमे की सुनवाई शुरू हुई केस सात साल तक चलता रहा पर एक लम्हे ने सबको हैरान करके रख दिया। सुनवाई के दौरान पुलिस द्वारा बनाया गया मुख्य गवाह श्यान मुंशी अपने बयान से मुकर गया। जिसके बाद मनु को जमानत मिल गई थी। जमानत मिलने के बाद मनु की ओर से हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई, पर सुप्रीम कोर्ट ने सभी याचिकाओं को खारिज करते हुए हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखा। 18 दिसंबर, 2006 को हाईकोर्ट ने मनु शर्मा, विकास यादव और अमरदीप सिंह गिल उर्फ टोनी को दोषी करार दिया। जिसमें मनु शर्मा को उम्रकैद की सजा सुनाई गई।
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जेसिका की बहन ने दोषी को किया माफ
इसी साल अप्रैल महीने में जेसिका लाल की बहन सबरीना ने दोषी मनु शर्मा को माफ कर दिया था। सबरीना का कहना है कि उन्होंने अपनी बहन की जान लेने वाले शख़्स को दिल से माफ कर दिया है और अगर उसे सजा में रियायत मिलती है तो उन्हें कोई परेशानी नहीं है।
प्रियदर्शनी मट्टू हत्याकांड का मामला

यह मामला दिल्ली यूनिवर्सिटी का है, जिसमें लॉ की छात्रा प्रियदर्शिनी मट्टू को उसके साथ ही पढ़ने वाले एक साथी संतोष कुमार सिंह ने मारा था। संतोष कुमार आईपीएस आॅफिसर जेपी सिंह का बेटा है, उसको 1996 में प्रियदर्शिनी मट्टू के दुष्कर्म और हत्या के मामले में दोषी ठहराया गया था। प्रियदर्शनी को इंसाफ मिलने में दस साल लग गया। बतादें, संतोष सिंह 2006 से जेल में बंद है। उसे दिल्ली हाईकोर्ट ने मौत की सजा सुनाई थी। इसके बाद 2010 में हाईकोर्ट ने उसकी सजा को उम्रकैद में बदल दिया था।
नैना साहनी हत्याकांड (तंदूर कांड)

यह मामला 90 के दशक में बहुत चर्चित हुआ था। क्यूकी इसकी सबसे बड़ी वजह यह थी कि इसमें कांग्रेसी नेता का नाम जुड़ा था। उस समय के तत्कालीन दिल्ली युवक कांग्रेस के अध्यक्ष व विधायक सुशील शर्मा ने बड़े ही दर्दनाक तरीके से अपनी पायलट पत्नी नैना साहनी की हत्याकर लाश ठिकाने लगा दी थी। इसके बाद उसने नैना के शव को दिल्ली के एक होटेल में तंदूर में जलाने की कोशिश की थी। ये कहिये की वहां कूड़ा बीनने वाली एक वृद्ध महिला जा रही थी जिसने आधी रात को अशोक यात्री निवास से धुआं निकलता देखा और सजगता दिखाई। जिससे मामला सबके सामने खुल गया और पुलिस ने तंदूर से नैना का अधजला शव बरामद किया था। इसके बाद लंबी कानूनी लड़ाई में अदालत ने सुशील शर्मा को फांसी की सजा सुना दी, फिर सुप्रीम कोर्ट ने सजा को उम्रकैद में बदल दिया। दोषी सुशील शर्मा 28 साल से जेल में बंद हैं।