कभी भारत की जेल में बंद था पुलवामा हमले का मास्टरमाइंड, जानिए कैसे हुआ था रिहा-
पुलवामा में CRPF जवानों के काफ़िले पर हमला करने वाले आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का सरगना मसूद अजहर कभी भारत की जेल में चक्की पीसता था. मगर सन 1999 में आतंकवादी मसूद अजहर के गुर्गों ने भारत पर हमला करके उसको भारत के कब्ज़े से छुड़ा लिया. जिसके बाद से उसने भारत पर कई आतंकी हमले किये हैं. सभी घटनाओं को सुनकर किसी का भी दिल दहल सकता है.

साल 1999 को कोई नहीं भूल सकता है. जिसने जाते जाते पूरे देश की आँखे नम कर दी थीं. दिसंबर का महीना ग़मगीन हो गया था. 24 दिसंबर का वो दिन जब इंडियन एयरलाइंस के विमान आइसी-814 को आतंकवादियों ने हाईजैक कर लिया था. जिसमें 180 यात्री बैठे थे. ज़्यादातर यात्री भारतीय ही थे लेकिन इनके अलावा ऑस्ट्रेलिया, बेल्जियम, कनाडा, फ्रांस, इटली, जापान, स्पेन और अमरीका के नागरिक भी इस फ़्लाइट से सफ़र कर रहे थे.
इस हाईजैक के बारे में जैसे पता चला मानों पूरे देश में हाहाकार सा मच गया था. 180 यात्रियों के परिवार वालों के आंसू रुकने का नाम ही नहीं ले रहे थे. उस समय बीजेपी की ही सरकार थी. सरकार में भी इस बड़ी घटना को लेकर हड़कंप मचा हुआ था. किसी को कुछ समझ नहीं आ रहा था की क्या किया जाये.
24 दिसंबर की शाम साढ़े चार बजे काठमांडू के त्रिभुवन इंटरनेशनल एयरपोर्ट से इंडियन एयरलाइंस की फ़्लाइट-आईसी 814 नई दिल्ली के लिए रवाना हुई. विमान ने अपनी पूरी उड़ान भरी थी की तभी आतंकवादी हरकत में आये और उन्होंने सभी पर बंदूकें तान दीं और विमान को अपने कब्ज़े में कर लिया. विमान उड़ा रहे पायलट से आतंकियों ने कहा की फ़्लाइट को पाकिस्तान ले चलो. विमान में मौजूद सभी 180 यात्रियों की मानों सांसे ही रुक गई हों.
पायलट ने जैसे ही विमान को पाकिस्तान की तरफ मोड़ा वैसे ही विमान का रूट कनेक्शन टूटा और थोड़ी देर बाद पूरे देश को पता चल गया की विमान हाईजैक हो गया है. देश में जैसे मायूसी सी छा गई. सभी लोग 180 यात्रियों की सलामती के लिए दुआ करने लगे. मीडिया पल पल की खबर देश की जनता तक पहुंचा रही थी. बंधक यात्रियों के परिजनों ने सरकार के खिलाफ़ प्रदर्शन शुरू कर दिया था.
छह बजे विमान थोड़ी देर के लिए अमृतसर में रुका. फिर वहां से विमान लाहौर के लिए उड़ गया. रात आठ बजकर सात मिनट पर विमान लाहौर में लैंड हुआ. यहाँ आतंकियों ने अपनी बात मनवाने के लिए एक यात्री रूपन कात्याल को मार दिया. आतंकवादियों ने अपने 36 चरमपंथी साथियों की रिहाई के साथ-साथ 20 करोड़ अमरीकी डॉलर की फिरौती की मांग रखी थी.
लाहौर के बाद ये विमान दुबई के लिए उड़ गया. और रात के पौने दो बजे हाईजैक विमान दुबई पहुँच गया. इस बीच सरकार से आतंकियों की कुछ यात्रियों को छोड़ने की बात बनी तो आतंकियों ने 27 यात्री रिहा कर दिए. इनमें ज़्यादातर महिलाएं और बच्चे थे. विमान में ईंधन भरने के बाद आतंकी अफ़ग़ानिस्तान के लिए निकल पड़े. अगले दिन सुबह करीब साढ़े आठ बजे विमान अफ़ग़ानिस्तान में कंधार की ज़मीन पर लैंड किया. उस समय कंधार पर तालिबान हुकूमत करते थे. और वो दुनिया का बेहद ख़तरनाक इलाक़ा था.
दिन बीत रहे थे और सरकार पर दबाव भी बढ़ रहा था. इस बीच सभी यात्रियों को बचाने के लिए 31 दिसंबर को तत्कालीन एनडीए वाजपेयी सरकार ने भारतीय जेलों में बंद कुछ चरमपंथियों को रिहा करने का फैसला लिया. और उस समय वाजपेयी सरकार के विदेश मंत्री जसवंत सिंह ख़ुद तीन चरमपंथियों को अपने साथ दक्षिणी अफ़ग़ानिस्तान के कंधार एयरपोर्ट ले गए. जिसके बाद आतंकियों ने भी अगवा किये सभी यात्रियों को रिहा कर दिया. छोड़े गए आतंकवादियों में जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मौलाना मसूद अजहर, अहमद ज़रगर और शेख अहमद उमर सईद शामिल था.
इन खूंखार आतंकियों के छूटने के बाद देश पर फिर से हमले शुरू हो गए. आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के तीन हमलावरों ने 1 अक्टूबर 2001 में विधानसभा भवन पर कार बम से हमला किया था जिसमें 38 लोग मारे गए थे.
उसके बाद 2001 के ही 13 दिसंबर को आतंकी संगठन लश्करे तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के 5 आतंकवादी भारत के संसद भवन में घुस गए थे. इस हमले में 6 पुलिसकर्मी और 3 संसद भवन के कर्मी मारे गए थे.
24 सितंबर 2002 को आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने अक्षरधाम मंदिर पर हमला कर दिया था. जिसमें 31 लोग मारे गए थे.
अब 14 फ़रवरी 2019 को आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने भारत पर अबतक का सबसे बड़ा हमला किया है. जिसमें 44 CRPF के जवान शहीद हो गए हैं. ये आतंकी हमला जम्मू-श्रीनगर नेशनल हाईवे पर दोपहर बाद 3:15 बजे हुआ है. आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद ने इस बड़े हमले की जिम्मेदारी ली है.
सीआरपीएफ का 78 वाहनों का काफिला 2500 जवानों को लेकर जम्मू से श्रीनगर आ रहा था. इनमें ज्यादातर अपनी छुट्टी बिताकर ड्यूटी ज्वाइन करने जा रहे थे. मगर किसी को क्या पता था कि आज वे देश के लिए शहीद हो जायेंगे. जैसे ही ये काफिला दक्षिण कश्मीर में जम्मू-श्रीनगर हाईवे पर गोरीपोरा (अवंतीपोर) के पास पहुंचा तो अचानक एक कार तेजी से काफिले में घुसी.
इस कार में आतंकी आदिल हुसैन बैठा था. उसने आत्मघाती कार ले जाकर सीआरपीएफ जवानों की एक बस के साथ टक्कर मार दी. इसके बाद वहां जोरदार धमाका हुआ और कार के साथ सीआरपीएफ जवानों से भरी एक बस के परखच्चे उड़ गये. पूरी सड़क पर लाशों का ढेर लग गया. साथ ही सड़क पर लोगों के रोने चिल्लाने की आवाजें आने लगी.