बीजेपी ने ‘जेपी नड्डा’ को बनाया कार्यकारी अध्यक्ष, अमित शाह ने दी बधाई
सोमवार से 17वीं लोकसभा के पहले संसद सत्र की शुरुआत हुई और शाम को ही भाजपा संसदीय बोर्ड की बैठक भी हुई जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में हुई पार्लियामेंट्री बोर्ड की बैठक में जगत प्रकाश नड्डा (जेपी नड्डा) को पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष चुन लिया गया है.

अब आगामी संगठन के चुनाव जेपी नड्डा की अध्यक्षता में होंगे. नड्डा के कार्यकारी अध्यक्ष चुने जाने के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि अमित शाह ने पांच साल तक पार्टी अध्यक्ष का दायित्व सफलतापूर्वक निभाया है. अमित शाह जी के नेतृत्व में पार्टी ने कई चुनाव जीते हैं. अब अमित शाह गृहमंत्री हैं इसलिए उन्होंने किसी और को अध्यक्ष का दायित्व देने का आग्रह किया है.
अमित शाह के मोदी कैबिनेट में शामिल होने के बाद ही कयास लगाए जा रहे थे कि जल्द ही नड्डा को ये जिम्मेदारी मिल सकती है. नड्डा दिसंबर तक पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष रहेंगे. गृह मंत्री अमित शाह ने जेपी नड्डा को ट्वीट कर बधाई दी है.
उन्होंने लिखा कि भाजपा संसदीय बोर्ड द्वारा श्री जेपी नड्डा जी को सर्वसम्मति से कार्यकारी अध्यक्ष चुने जाने पर उन्हें बधाई देता हूँ. मुझे पूर्ण विश्वास है कि उनके नेतृत्व में पार्टी निरंतर सशक्त होगी और हम मोदी सरकार की कल्याणकारी नीतियों और संगठन की विचारधारा को देश के कोने-कोने में पहुँचाएँगे.
अब नड्डा हिमाचल के पहले नेता बन गए हैं, जो किसी राष्ट्रीय पार्टी के अध्यक्ष होंगे. नड्डा ब्राह्मण परिवार से हैं और राज्यसभा से सांसद हैं. वे भाजपा के संसदीय बोर्ड के सचिव भी हैं. नड्डा पार्टी के लिए कुशल रणनीति बनाने के लिए जाने जाते हैं. जेपी नड्डा हिमाचल से तीन बार विधायक भी रहे हैं. और 2014 में उन्हें केंद्रीय मंत्री बनाया गया था. नड्डा का मुख्य फोकस दक्षिण के राज्यों में भाजपा का जनाधार बढ़ाने पर हो सकता है.
नड्डा के राजनीतिक सफर की शुरूआत 1975 में जेपी आंदोलन से हुई थी. नड्डा 16 साल की उम्र में छात्र राजनीति में उतर गए थे. 1977 में पटना विश्वविद्यालय में छात्र संघ चुनाव में सचिव चुने गए. फिर 1983 में पहली बार हुए केंद्रीय छात्र संघ (एससीए) चुनाव में एचपीयू में विद्यार्थी परिषद के अध्यक्ष बने.
ऐसे ही नड्डा का लंबा राजनीतिक सफर रहा है. अगले महीने से पार्टी का सदस्यता अभियान शुरू होने वाला है और उसके बाद प्रदेशों में संगठन चुनाव की शुरूआत होगी. आधे से अधिक राज्यों में चुनाव संपन्न हो जाएगा तो राष्ट्रीय स्तर पर चुनाव कराया जा सकता है.