ISRO ने बताई लैंडर ‘विक्रम’ की स्थिति, कम्युनिकेशन का प्रयास जारी
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) लगातार विक्रम से संपर्क बनाने में लगा हुआ है. और इसरो देश को भी इसकी पल पल की जानकारी दे रहा है. आज मंगलवार को भी इसरो ने ट्वीट कर विक्रम की जानकारी दी है.

इसरो ने बताया कि लैंडर विक्रम से संपर्क स्थापित करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं. इसके लिए तमाम वैज्ञानिक जुटे हुए हैं, लेकिन अब तक किसी तरह का संपर्क नहीं हो पाया है. बता दें कि चंद्रयान 2 का ऑर्बिटर अपने स्थान पर पहुंच कर बेहतर काम कर रहा है. ऑर्बिटर द्वारा ही विक्रम लैंडर को लोकेट किया गया. फिलहाल ऑर्बिटर चांद की कक्षा में 100 किलोमीटर की दूरी पर सफलतापूर्वक चक्कर काट रहा है.
बतादें कि ऑर्बिटर में हाई रिजोल्यूशन कैमरा समेत आठ इंस्ट्रूमेंट हैं. इसी कैमरे ने चंद्रमा की सतह पर पड़े विक्रम की तस्वीर भेजी है. तस्वीर के अनुसार, विक्रम लैंडर चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उस जगह के बिल्कुल करीब है जहां उसे लैंड करना था. हालांकि, वो झुका हुआ है. ऐसे में कम्युनिकेशन लिंक वापस जोड़ने के लिए ये बेहद जरूरी है कि लैंडर का ऐंटीना ऑर्बिटर या ग्राउंड स्टेशन की दिशा में हो. हमने इससे पहले जियोस्टेशनरी ऑर्बिट में गुम हो चुके स्पेसक्राफ्ट का पता लगाया है लेकिन ये उससे काफी अलग है.
वैज्ञानिकों ने आशंका जताई है कि हो सकता है उसके उपकरण क्षतिग्रस्त हो गए हों. इसरो वैज्ञानिक ने बताया, ‘विक्रम से संपर्क स्थापित करने का हमारा प्रयास अभी नहीं रुका है. सोमवार को इसरो ने बताया था कि चंद्रमा की सतह पर हार्ड लैंडिंग करने के बावजूद चंद्रयान-2 के लैंडर विक्रम में कोई टूट-फूट नहीं हुई है.
इससे पहले इसरो प्रमुख के सिवन ने चंद्रयान 2 मिशन को 95 फीसदी सफल बताया था. भले ही चंद्रयान 2 का विक्रम लैंडर चांद की सतह पर लैंडिंग से चूक गया हो, लेकिन इसरो के हौसले बुलंद हैं. उन्होंने कहा था कि विक्रम लैंडर से दोबारा संपर्क बनाने के लिए प्रयास जारी हैं. हम अगले 14 दिन तक इसके लिए कोशिश करते रहेंगे. आखिरी चरण ठीक से पूरा नहीं किया जा सका, उसी चरण में हमने विक्रम से संपर्क खो दिया.
बतादें कि जिस समय लैंडर का संपर्क टूटा वो चांद की सतह से केवल 2.1 किलोमीटर की दूरी पर था. जिसके बाद वैज्ञानिक मायूस हो गए थे. लेकिन पीएम मोदी ने सबको हिम्मत बंधाई और कहा कि निराश न हों, जीवन में उतार चढ़ाओ आते रहते हैं, हमने बहुत बड़ी उपलब्धि हांसिल की है. मैं पूरी तरह से वैज्ञानिकों के साथ हूँ. ये कोई छोटा अचीवमेंट नहीं है. मानवता की आप लोगों ने सेवा की है, सभी को बधाई.