इसरो ने लांच किया रिसैट-2बी उपग्रह, हुआ सफल प्रक्षेपण, ये है इसकी ख़ासियत
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने आज बुधवार को एक और इतिहास रच दिया है. इसरो ने रडार इमेजिंग अर्थ सैटेलाइट (रिसैट-2बी) को सफलतापूर्वक प्रक्षेपित कर दिया है.

इसरो के मुताबिक इसे आंध्रप्रदेश के श्रीहरिकोटा से पीएसएलवी-सी46 रॉकेट से सुबह 5:27 बजे प्रक्षेपित किया गया है. सैटेलाइट के सफल लांच होने बाद भारत की सुरक्षा और अधिक मजबूत हो जाएगी. ये सैटेलाइट खुफिया निगरानी, कृषि, वन और आपदा प्रबंधन में मददगार होगा. 615 किलोग्राम वजनी इस उपग्रह को प्रक्षेपण के 15 मिनट बाद पृथ्वी की कक्षा में छोड़ा गया है.
ये सैटेलाइट अंतरिक्ष में भारत के लिए आंख के रूप में काम करेगी. इससे भारतीय सुरक्षा बलों को अंतरराष्ट्रीय सीमा पर निगरानी रखने में सहायता मिलेगी. इस सैटेलाइट से पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में छिपे आतंकी शिविरों की गतिविधियों पर आसानी से नजर रखी जा सकती है.
रिसैट की सेवा निरंतर बनी रहे, इसके लिए 300 किलोग्राम के रिसैट-2बी सैटेलाइट के साथ सिंथेटिक अपर्चर रडार (सार) इमेजर भी भेजा गया है. रिसैट-2बी को धरती से 555 किलोमीटर की ऊंचाई पर स्थापित किया गया है.
प्रक्षेपण से पहले इसरो प्रमुख के सिवान ने तिरूपति के प्रसिद्ध भगवान वेंकटेश्वर मंदिर में पूजा अर्चना की उसके बाद उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि आरआईसैट-2बी के सफल प्रक्षेपण के बाद, इसरो चंद्रयान-2 के मिशन पर लगेगा, जिसका नौ से 16 जुलाई के बीच प्रक्षेपण का कार्यक्रम रखा गया है.
हर कोई चंद्रयान-2 मिशन पर बहुत उत्सुकता से नजर बनाए हुए है. सिवन ने कहा कि इसरो को उम्मीद है कि चंद्रयान-2 का रोवर 6 सितंबर तक (चंद्रमा की सतह पर) उतार दिया जाएगा.
ये सेटेलाइट हर मौसम में चाहे रात हो, बादल हो या बारिश हो रही हो ऑब्जेक्ट की सही तस्वीर जारी कर सकता है. इससे आपदा राहत कार्य में लगे लोगों और सुरक्षाबलों को काफी मदद मिलेगी.