चंद्रयान-2 ने भेजी पृथ्वी की खूबसूरत तस्वीरें, आप भी देखें अंतरिक्ष से पृथ्वी का नजारा
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (इसरो) ने रविवार को चंद्रयान-2 से खींची गई पृथ्वी की कुछ फोटो रिलीज कीं हैं. अंतरिक्ष से हमारी पृथ्वी की झलक कैसी दिखती है तस्वीरों में आप इसका नज़ारा देख सकते हैं.

बतादें कि अंतरिक्ष में पृथ्वी की बाहरी कक्षा से खींची गई इन फोटोज को चंद्रयान-2 के विक्रम लैंडर में लगे एलआई-4 कैमरे से 3 अगस्त को शाम 5:28 से 5:37 बजे के बीच खींचा गया है. अंतरिक्ष से हमारी पृथ्वी की झलक कैसी दिखती है वो इन तस्वीरों में साफ़ नजर आ रहा है. इसरो के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से चंद्रयान से भेजी तस्वीरें शेयर की गई है. धरती और चंद्रमा के बीच की दूरी लगभग 3 लाख 84 हजार किलोमीटर है.

चंद्रयान-2 ने चांद की तरफ एक और कदम बढ़ाते हुए शुक्रवार को सफलतापूर्वक धरती की चौथी कक्षा में प्रवेश कर लिया है. अभी तक की सारी गतिविधियां सामान्य हैं और चार दिन बाद 6 अगस्त को यह धरती की अगली कक्षा में प्रवेश कर जाएगा. चौथी कक्षा में प्रवेश के साथ ही इसरो ने चांद तक पहुंचने के 15 अहम पड़ावों में से चार को पूरा कर लिया है.

चांद के गुरुत्व क्षेत्र में प्रवेश करने पर चंद्रयान-2 के प्रोपेलिंग सिस्टम का इस्तेमाल इसकी रफ्तार धीमी करने के लिए किया जाएगा, ताकि ये चांद की प्रारंभिक कक्षा में प्रवेश कर सके. पृथ्वी के प्रभाव वाले क्षेत्र से चांद के आभामंडल में ये 14 अगस्त को प्रवेश करेगा.

इसरो के महत्वकांक्षी मून मिशन चंद्रयान- 2 ने 22 जुलाई दोपहर 2.43 बजे श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से उड़ान भरी थी और चंद्रयान-2 चांद की सतह पर 6-7 सितंबर पहुंच जायेगा. चंद्रयान-2 जब चांद की कक्षा में प्रवेश करेगा तो पूरे देश के लिए वो पल उपलब्धि का जश्न मनाने वाला होगा. चंद्रयान-2 में कुल 13 पेलोड हैं. आठ आर्बिटर में, तीन पेलोड लैंडर विक्रेम और दो पेलोड रोवर प्रज्ञान में हैं. पांच पेलोड भारत के, तीन यूरोप, दो अमेरिका और एक बुल्गारिया के हैं. चंद्रयान-2 की कुल लागत 978 करोड़ रुपये है.

चंद्रयान- 2 का मकसद
- भूकंपीय गतिविधियों का अध्ययन करना.
- चंद्रमा पर पानी की मात्रा का अनुमान लगाना.
- चंद्रमा के बाहरी वातावरण की ताप-भौतिकी गुणों का विश्लेषण है.
- चांद की जमीन में मौजूद खनिजों एवं रसायनों तथा उनके वितरण का अध्ययन करना.