सोनू का LIVE VIDEO है नेपाल प्लेन क्रेश की असल वजह ?

नेपाल (Nepal ) के पोखरा में रविवार को एक दर्दनाक विमान हादसा हुआ . जिस वक़्त ये हादसा हुआ उस दौरान सोनू जैसवाल ( Sonu Jaiswal ) नाम का एक शख्स फेसबुक लाइव पर था ! सोनू की वजह से ही पहली बार लोगों ने एक विडियो के ज़रिये लाइव प्लेन क्रेश देखा .,, हस्ते हुए विमान में बैठे 4 दोस्त …फेसबुक लाइव विडियो …मारा , मारा , मारा की आवाज़ … आग का गुबार ..और सब ख़तम ! इससे पहले प्लेन क्रेश की डिटेल्स जानने के लिए ब्लैक बॉक्स का सहारा लिया जाता था पर अब प्लेन के अन्दर से लाइव विडियो के बाद हादसे की वजह को लेकर काई तरह के अनुमान लगाए जा रहे हैं . कुछ लोग तो सोनू के लाइव को हादसे की वजह मान रहे हैं !

पहले जानिए क्या होता है ब्लैक बॉक्स ?

ब्लैक बॉक्स (Black Box ) हर प्लेन के सबसे पिछले हिस्से में लगा होता है। ये डिवाइस डीप ऑरेंज कलर का होता है। माना जाता है कि प्लेन के सबसे पिछले हिस्से में लगे होने के कारण हादसे के बावजूद ये सुरक्षित रहता है। ये डिवाइस 1100 °C टेम्परेचर और 20,000 फिट डेप्थ अंडर वाटर प्रेशर को भी झेल सकता है . ब्लैक बॉक्स का काम एयरक्राफ्ट और फ्लाइट पैरामीटर्स की परफॉर्मेंस को रिकॉर्ड करना होता है। ये बॉक्स एयरस्पीड, अल्टीट्यूड. वर्टिकल एक्सलेरेशन और फ्यूल फ्लो को रिकॉर्ड करता है। इसके सहारे ही हादसे की वजह का पता लगाया जाता है, पर सोनू ( sonu jaiswal ) की विडियो सामने आने के बाद हादसे की एक वजह मोबाइल फ़ोन को भी बताया जा रहा है .

मोबाइल है हादसे की वजह

जानकारों की माने तो सोनू ( sonu jaiswal ) का लाइव विडियो भी इस हादसे की एक वजह हो सकता है. सभी जानते हैं कि फ्लाइट में मोबाइल फ़ोन को फ्लाइट मोड पर रखने की सलाह दी जाती है. अगर प्लेन में फ्लाइट मोड ऑन नहीं करेंगे तो मोबाइल फोन का सिग्नल विमान के कम्यूनिकेशन सिस्टम को प्रभावित कर सकता है. इससे प्लेन उड़ा रहे पायलेट को कम्यूनिकेट करने में परेशानी हो सकती है. उड़ान के समय पायलट हमेशा कंट्रोल रूम के कांटेक्ट में रहते हैं. अगर फोन का नेटवर्क ऑन रहेगा तो पायलट को सूचना साफ नहीं मिल पाती है. रेडियो प्रिक्वेंसी में भी दिक्कत पहुंचती है. जब यति एयरलाइंस के ATR 72-500 फ्लाइट का हादसा हुआ उस वक़्त फ्लाइट में सोनू जैसवाल फेसबुक लाइव पर था, यानि वो इन्टरनेट का इस्तेमाल कर रहा था ! ऐसे में एक्सपर्ट्स का मानना है कि सोनू के फ़ोन के नेटवर्क की वजह से पायलेट के कम्युनिकेशन सिस्टम में दिक्कत आई हो और शयद यही वजह हो कि ख़राब मौसम में पायलेट को कण्ट्रोल रूम से इंस्ट्रक्शन न मिल रहे हो .

बेहतर स्टाफ की कमी भी हादसे की वजह

विमान हादसे की दूसरी दूसरी वजह बेहतर स्टाफ की कमी को भी माना जा सकता है …नेपाल ( Nepal ) में आवश्यक और पर्याप्त कुशल, ट्रेंड और हाईली सेल्फ मोटिवेटेड सिविल एविएशन स्टाफ भी नहीं है। वर्क फोर्स की कमी के कारण कुछ स्टाफ को नियमित ड्यूटी के अलावा भी कई घंटों तक काम करना पड़ता है। इसके कारण काम की गुणवत्ता पर असर पड़ता है .

खराब मौसम भी हो सकती है वजह

इसके अलावा मौसम का तेज़ी से बदलना भी बड़ी वजह हो सकता है, ये विमानों की उड़ान को काफी खतरनाक बनाता है। बदलते मौसम के कारण पायलटों को विमान को नेविगेट करना मुश्किल हो जाता है। वो भी तब, जब मौसम अचानक बदल जाए और सामने कुछ भी दिखाई न दे। बर्फबारी से रनवे काफी खतरनाक हो जाता है। ऐसे में पायलेट की एक चूक जान खतरे में दाल सकती है .

नेपाल में उड़ानों की गुणवत्ता पर सवाल

पिछले 30 सालों में नेपाल में यह 28वां विमान हादसा है। नेपाल ( Nepal ) की एविएशन अथॉरिटी भ्रष्टाचार के आरोपों में लिपटी है। 2019 में यूरोपीय एयरोस्पेस कंपनी एयरबस ने नेपाल एयरलाइंस कॉर्पोरेशन के लिए दो संकरी बॉडी वाले एयरबस A320 जेट डील के लिए नेपाली बिजनेसमैन और अधिकारियों को 34 लाख यूरो यानी 3 करोड़ रुपए की रिश्वत दी थी। ख़राब एविएशन रिकॉर्ड की वजह से यूरोपीय कमीशन ने नेपाली एयरलाइंस पर 28 देशों के ब्लॉक में उड़ान भरने पर पूरी तरह से रोक लगा रक्खी है । इस हादसे के बाद नेपाल में उड़ानों के जोखिम पर एक बार फिर चर्चा शुरू हो गई है.

को-पायलट अंजू खतिवडा की आखिरी उड़ान

विमान की को-पायलट अंजू खतिवडा (Anju khatiwada) की बतौर को-पायलट यह आखिरी उड़ान थी . कैप्टन बनने के लिए वो सीनियर पायलट और प्रशिक्षक कमल केसी के साथ उड़ान पर गई थीं. पोखरा के लिए उड़ान भरते समय कैप्टन केसी ने उन्हें मेन पायलट की सीट पर बैठाया था. सफल लैंडिंग के बाद अंजू को मुख्य पायलट का लाइसेंस मिलने वाला था, लेकिन अपनी मंजिल से महज 10 सेकेंड की दूरी पर ही उनके सपने धुंए में मिल गए. अंजू के साथ एक और संयोग ये है कि उनके पति दीपक पोखरेल की भी प्लेन क्रेश में ही जान गई थी और वो भी यति एयरलाइंस में ही थे.