जब ‘INS विराट’ लेकर 10 दिन की छुट्टी पर चले गए थे राजीव गाँधी, दांव पर लगी थी देश की सुरक्षा

जब से बीजेपी सत्ता में आई है तब से उसने कांग्रेस के इतने घोटाले खोले हैं की जैसे कांग्रेस के लिए बीजेपी एक प्रलय हो. मगर लोकसभा चुनाव की बढ़ती सरगर्मियों के बीच दिल्ली के रामलीला मैदान में पीएम मोदी ने कांग्रेस के लिए एक और बड़ी मुसीबत खड़ी कर दी है.

ins viraat rajeev gandhi secret holiday on bangaram island
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कांग्रेस ये कहती आई है की बीजेपी चुनाव में सेना का इस्तेमाल कर रही है. सेना देश की है मोदी की नहीं हैं. इसी बात पर तंज कसते हुए पीएम मोदी ने कहा कि जो लोग आज कह रहे हैं कि सेना किसी की जागीर नहीं है, उसी परिवार के लोगों ने आईएनएस विराट को प्राइवेट टैक्सी की तरह इस्तेमाल किया था. जैसे ही उन्होंने आईएनएस विराट का जिक्र किया मानों अब राजनीति में एक नया मोड़ आ गया हो. इसके आगे सारे मुद्दे दब गए.

मोदी ने आगे कहा कि आईएनएस विराट समुद्र की रखवाली के लिए तैनात था. मगर उसका इस्तेमाल राजीव गांधी, उनके परिवार और ससुरालवालों को एक द्वीप पर छुट्टियों के लिए ले जाने के लिए किया गया. पूरे कुनबे को लेकर आईएनएस विराट खास द्वीप पर 10 दिन तक रुका रहा. आईएनएस विक्रांत हो या फिर आईएनएस विराट ये सभी विमानवाहक पोत भारतीय नौसेना का गौरव रहे हैं.

आपको बतादें कि ये बात 1987 की है और उस समय इंडिया टुडे में एक रिपोर्ट प्रकाशित हुई थी. जिसमें आईएनएस विराट पर राजीव गांधी के परिवार और दोस्तों के साथ छुट्टियां मनाने का जिक्र किया गया है. उस समय भी राजीव गांधी को आईएनएस विराट जैसे वॉरशिप का इस्तेमाल करने को लेकर आलोचना का शिकार होना पड़ा था. रिपोर्ट के अनुसार राजीव गांधी 1987 में नए साल का जश्न मनाने के लिए अपने परिवार और खास दोस्तों के साथ लक्षद्वीप के पास स्थित खूबसूरत द्वीप बंगाराम में छुट्टियां मनाने गए थे. जहां वे 10 दिन तक रहे थे.

राजीव-सोनिया के अलावा इस टूर में राहुल और प्रियंका के चार दोस्त, सोनिया गांधी की बहन, बहनोई और उनकी बेटी, सोनिया की मां आर माइनो, उनके भाई और मामा शामिल थे. कहा जाता है कि बंगाराम द्वीप बेहद सुरक्षित और सुंदर जगह है जहां आम आदमी आ-जा सकते हैं. ये करीब आधा किलोमीटर के क्षेत्रफल में फैला हुआ है.

पीएम मोदी ने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि क्या राजीव गाँधी ने विदेशी लोगों को युद्धपोत पर ले जाकर देश की सुरक्षा से खिलवाड़ नहीं किया था ? वहीं विराट और राजीव गांधी पर दिए गए बयान के बाद राजनीतिक पारा बढ़ गया है. आईएनएस विराट सेंतौर श्रेणी का विमानवाहक पोत था. हिंद महासागर मे इसकी उपस्थिति ही दुश्‍मन के लिए खतरे का संकेत हुआ करती थी. इसे भारत सरकार ने ब्रिटेन से खरीदा था.

अब अगर राजीव विराट को अपने साथ ले गए थे तो देश की सुरक्षा कौन कर रहा था. इन 10 दिनों में दुश्मन हो या कोई आतंकवादी कुछ भी कर सकते थे. कोई बड़ा हमला भी हो सकता था. माना की सभी के अपने अपने अलग अलग शौक होते हैं मगर ऐसा शौक़ की जिसमें देश की सुरक्षा दांव पर लग जाये. ये थोड़ा अजीब है.

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