भारतीय वायुसेना में शामिल हुआ ‘अपाचे हेलीकॉप्टर’, जानिए इस नए हमलावर की ताक़त
भारतीय वायुसेना को एक बड़ी सफलता हाँथ लगी है. शनिवार को वायुसेना ने अपना पहला लड़ाकू हेलीकॉप्टर अपाचे गार्जियन हांसिल कर लिया है. इसका निर्माण अमेरिका के एरिजोना में हुआ है.

पिछले साल अमरीकी कंपनी ने 6 तैयार अपाचे हेलीकॉप्टर भारत को बेचने के समझौते पर हस्ताक्षर किया था. जिनकी क़ीमत 930 मिलियन डॉलर बताई गई है. इसे चीन और पाकिस्तानी सीमा पर तैनात किया जाएगा. उस वक़्त कहा गया था कि भारत 22 अपाचे हेलीकॉप्टर और 15 चिनूक हेलीकॉप्टर अमरीका से ख़रीदेगा, और ये भारतीय बेड़े में खड़े पुराने रूसी हेलीकॉप्टरों की जगह लेंगे. क़रीब 16 फ़ुट ऊंचे और 18 फ़ुट चौड़े अपाचे हेलीकॉप्टर को उड़ाने के लिए दो पायलट होना ज़रूरी है.
अपाचे हेलीकॉप्टर की ख़ासियत-
- अपाचे हेलीकॉप्टर के बड़े विंग को चलाने के लिए दो इंजन होते हैं. इस वजह से इसकी रफ़्तार बहुत ज़्यादा है.
- इसमें आगे की तरफ सेंसर फिट है जिसकी वजह से यह रात के अंधेरे में भी उड़ान भर सकता है
- अपाचे 365 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ान भरता है
- तेज गति के कारण यह दुश्मनों के टैंकरों के आसानी से परखच्चे उड़ा सकता है.
- इस हेलीकॉप्टर में हेलिफायर और स्ट्रिंगर मिसाइलें लगी हैं। जिनके पेलोड इतने तीव्र विस्फोटकों से भरे होते हैं कि दुश्मन का बच
- निकलना नामुमकिन रहता है.
- इसके दोनों तरफ 30एमएम की दो गन लगी हैं
- ये युद्ध क्षेत्र में किसी भी परिस्थिति में टिका रह सकता है.
- अपाचे हेलीकॉप्टर का डिज़ाइन ऐसा है कि इसे रडार पर पकड़ना मुश्किल होता है
- इसमें 16 एंटी टैंक मिसाइल छोड़ने की क्षमता है.
- हेलीकॉप्टर के नीचे लगी राइफ़ल में एक बार में 30एमएम की 1,200 गोलियाँ भरी जा सकती हैं.
बतादें, भारत से पहले इस कंपनी ने अमरीकी फ़ौज के ज़रिए मिस्र, ग्रीस, भारत, इंडोनेशिया, इसराइल, जापान, क़ुवैत, नीदरलैंड्स, क़तर, सऊदी अरब और सिंगापुर को अपाचे हेलीकॉप्टर बेचे हैं.