ज्ञानवापी के बाद अब अजमेर में मंदिर होने का दावा..

वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद के बाद अब राजस्थान में दरगाह शरीफ में भी हिन्दु मंदिर होने का दावा (After Gyanvapi now claims to be a temple in Ajmer) किया जा रहा है..इस बात को लेकर अब अजमेर में सुरक्षाा बढ़ा दी गई है..राजस्थान के दरगाह शरीफ के स्वास्तिक के चिन्ह की एक फोटो एक संगठन ने शेयर की है..अब इस चिन्ह के आधार पर कहा जा रहा है कि वह एक हिन्दु मंदिर है..

अजमेर स्थित हजरत ख्वाजा गरीब दरगाह को अब महाराणा प्रताप सेना ने मंदिर होने का दावा (After Gyanvapi now claims to be a temple in Ajmer) किया जा रहा है..इस किया है..संगठन ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और केंद्र सरकार को लेटर लिखकर इसकी जांच कराने के लिए कहा है..

महाराणा प्रताप सेना के पदाधिकारियों ने एक तस्वीर भेजी है..जिसमें अजमेर दरगाह की खिड़कियों पर स्वास्तिक के निशान बने हुए है..अब सेना के संस्थापक राजवर्धन सिंह परमार ये दावा (After Gyanvapi now claims to be a temple in Ajmer) कर रहें हैं कि अजमेर की हजरत ख्वाजा गरीब नवाज दरगाह की जगह पर एक शिव मंदिर था जिसे दरगाह बना दिया गया..

फोटो

राजवर्धन सिंह परमार ने ये दावा (After Gyanvapi now claims to be a temple in Ajmer) किया है कि दरगाह में स्वास्तिक का क्या काम है..ये बात जांच करने वाली है..इसलिए ये मुद्दा उठाया गया है..और सरकार को जांच करनी चाहिए..महाराणा प्रताप सेना ने राजस्थान सरकार, राज्यपाल, केन्द्र सरकार को चिट्ठी लिखी है..

अजमेर की दरगाह से जुड़े इस नए दावे (After Gyanvapi now claims to be a temple in Ajmer) के बाद अजमेर जिला प्रशासन अब अलर्ट पर है..और दरगाह की सुरक्षा भी काफी हद तक बढ़ा दी गई है..और अधिकारी भी दरगाह का दौरा कर रहे हैं..

दरगाह के आसपाल बहुत-बड़ी संख्या में पुलिसबल को तैनात किया है..और अजमेर की एसडीएम भावना गर्ग ने भी दरगाह का दौरा किया और सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया..

अजमेर शरीफ में सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह पर ना सिर्फ मुस्लिम बल्कि हिंदू में यहां पर आते हैं..यहां लोग दूर-दूर से आते हैं और यहां आकर चादर चढ़ाते हैं..लेकिन इस संगठन ने दरगाह को लेकर यहां पर भी मंदिर और मस्जिद विवाद खड़ा कर दिया है..और सर्वे की मांग कर रहें हैं..

हिन्दु संगठन के इस दावे (After Gyanvapi now claims to be a temple in Ajmer) पर अंजुमन कमेटी ने आपत्ति जताई है..अंजुमन कमेटी के सचिव वाहिद अंगारा ने कहा कि सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह को लेकर अगर कोई भी गलत कि गई तो उसे बर्दाशत नहीं किया जाएगा..और अगर किसी ने भी माहौल खराब करने की कोशिश की तो उसे कानूनी रुप से इसका जवाब दिया जाएगा..