इमरान खान हार गए, इस्तीफे के अलावा कोई रास्ता नहीं, विपक्ष के सामने गिड़गिड़ा रहे PM।(Imran Khan lost, no way but to resign)

पकिस्तान के प्रधान मंत्री इमरान खान के पास अब इस्तीफा देने के अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं बचा हैपकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने राष्ट्र के नाम एक संबोधन में कहा कि वो रविवार को अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग का सामना करने जा रहें हैं। (Imran Khan lost, no way but to resign)
इमरान खान पर सियासी संकट तेज़ –
आपको बता दें कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री का सियासी अंत काफी नजदीक आ चुका है। वो एक मजबूत विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव का सामना कर रहे हैं। 31 मार्च यानी बृहस्पतिवार को उन्होंने विपक्ष से इस प्रस्ताव को वापस लेने की गुज़ारिश भी की, इमरान खान ने नेशनल असेंबली को भंग करने की पेशकश भी की। (Imran Khan lost, no way but to resign)
विपक्ष के सामने गिड़गिड़ाए इमरान खान –
जियो न्यूज की एक रिपोर्ट की माने तो विपक्ष के नेता शाहबाज शारिज को पीएम इमरान खान ने एक मैसेज भिजवाया है इमरान खान ने यह भी कहा है कि अगर उनके प्रस्ताव को कोई स्वीकार नहीं करता है तो वह किसी भी स्थिति का सामना करने को तैयार हैं अभी तक इमरान खान के भिजवाए मैसेज पर विपक्ष ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है (Imran Khan lost, no way but to resign)
संसद में इमरान की संख्या कमज़ोर –
आपको बता दें जानकारी के अनुसार पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी और पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के नेतृत्व में संयुक्त विपक्ष ने एक दिन पहले 196 सांसदों को एकजुट किया था पूर्व क्रिकेटर रहे इमरान खान को प्रधानमंत्री की गद्दी से बाहर करने के लिए ज़रूरी 172 से कहीं गुना ज़्यादा है , इतना ही नहीं इमरान की खुद की पार्टी के कुछ सदस्यों के भी उनके खिलाफ खड़े हो गए है जिसके चलते ये उम्मीद लगाई जा सकती है वो सदस्य इमरान के विरोध में मतदानकर सकतें हैं. (Imran Khan lost, no way but to resign)
पकिस्तान के भविष्य का फैसला –
इमरान खान ने 31 मार्च यानि बृहस्पतिवार को टीवी पर दिए अपने एक भाषण में कहा “रविवार को पाकिस्तान के भाग्य का फैसला किया जाएगा। मैं आखिरी तक लड़ूंगा और अगर मैं जीत गया तो मजबूत होकर वापस आऊंगा।” उनका यह सम्बोधन पकिस्तान की संसद में इमरान खान के पकिस्तान के प्रधानमंत्री के तौर पर उनके राजनीतिक अस्तित्व पर बहस को स्थगित करने के बाद आया। बृहस्पतिवार के सत्र के स्थगन के लिए अभी कोई जानकारी नहीं दी गई है अब ये बहस शुरू करने के लिए रविवार को संसद में बैठक होनी है। (Imran Khan lost, no way but to resign)
2018 में पकिस्तान के PM बनें इमरान खान –
बतातें चलें कि इमरान खान 2018 में सत्ता में आए. उन्होंने पाकिस्तान को भ्रष्टाचार मुक्त सरकार देने का वादा किया , हालांकि, उन्होंने देश के कुछ दागी नेताओं के साथ समझौता किया जिस कारण वो अक्सर सवालों के घेरें में खड़े रहें। इमरान खान जो एक पूर्व इंटरनैशनल क्रिकेटर प्लेयर से राजनेता बने (Imran Khan lost, no way but to resign)
उन्होंने अपनी राजनीती में इस्लाम के बहुत रूढ़िवादी तरीको को अपनाया है। उन्होंने मौलाना तारिक जमील सहित कट्टरपंथी मौलवियों के साथ भी संगति रखी है, जिन्होंने कभी कहा था कि शॉर्ट स्कर्ट में घूम रही महिलाऐं कोविड -19 महामारी का कारण बनी है। (Imran Khan lost, no way but to resign)
पकिस्तान के लिए इमरान खान की अच्छी नीतियां –
हालाँकि इमरान खान ने पाकिस्तान के लिए कुछ अच्छे काम भी किये जिसके लिए उनकी तारीफ भी की जाती है,इमरान खान को देश के विदेशी भंडार के निर्माण का श्रेय दिया जाता है, जो कि अब 18 अरब डॉलर से ज़्यादा हो गया है कोरोना महामारी के कारण हुई आर्थिक मंदी के बाद भी 2021 में विदेशों में रहने वाले पाकिस्तानियों से कमाई 29 बिलियन डॉलर हुई। भ्रष्टाचार से लड़ने के लिए उन्होंने इल्लीगल मनी ट्रांसफर प्रणाली पर भी नकेल कसी है, जिसे हवाला के नाम से जाना जाता है। हालांकि, विपक्ष उन्हें अक्सर महंगाई और कमजोर पाकिस्तानी रुपये के लिए दोषी ठहराता है। (Imran Khan lost, no way but to resign)
आपको बता दें कोरोनावायरस महामारी से निपटने के लिए उनकी अंतरराष्ट्रीय तारीफ भी हुई। इमरान खान के तथाकथित “स्मार्ट” लॉकडाउन ने भारी संक्रमित क्षेत्रों को टारगेट किया। उन्होंने सम्पूर्ण लॉकडाउन यानी राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन लगाना ठीक नहीं समझा और बगैर सम्पूर्ण लॉकडाउन लागए देश के लोगों को कोरोना की महामारी से उबारने में कामयाब हुए।