देश को आंदोलन की आग में सरकार ने खुद झोका,अग्निपथ इन 6 कारणों से फेल है..

PRAGYA KA PANNA
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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने..और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के युवाओं पर अग्निपथ स्कीम थोप दी है..अग्निपथ (Agneepath fails due to these 6 reason) तब लाते जब सामान्य भर्तियां कर लेते..सामान्य भर्तियों से पहले ये 4 साल वाली नौकरी लाकर सरकार ने ही युवाओं के मन में शक का बीज खुद बोया है..कि सामान्य भर्तियां अब आर्मी में होंगी भी या नहीं..सरकार ने इतनी बड़ी बड़ी योजनाएं देश की युवा पीढ़ी पर थोपने से पहले कोई होमवर्क नहीं किया..

बहुमत का मतलब ये कतई नहीं होता है..कि कुछ भी देश के नागरियों पर लाद दीजिए..रात में आपके दिमाग में आईडिया कुलकुलाया और सुबह आपने किसान कानून बना दिए..रात में आईडिया सूझा तो नोटबंदी लागू कर दी..दोपहर में बैठकर सोचा और लॉकडाउन लगा दिया..चार साल से भर्तियां नहीं की थीं..और जब भर्ती करने की घोषणा की तो सीधे 4 साल का अग्निवीर (Agneepath fails due to these 6 reason) बना दिया..

हर चीज का एक तरीका होता है..लेकिन बहुमत वाली सरकारें खुद को खुदा समझ लेती हैं..पांच साल की सरकार को अचानक एक साल का कर दिया जाए..तो नेताओं की सांसें उल्टी चलने लगेंगी लेकिन बिना किसी तैयारी बिना किसी संवाद के जनता पर फैसले लादना सरकार की आदत हो चुकी है..हिंसा किसी समस्या का हल नहीं है..लेकिन तानाशाही से लोकतांत्रिक देश चलाना संवैधानिक नहीं है..

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वैसी भी नौकरी सेना की हो या सफाईकर्मी की चार दिन बार पैदल कोई नहीं होना चाहता.. पूरे उत्तर भारत में रेलगाड़ियों का हर पथ अग्निपथ बन चुका है..युवाओं में गु्स्सा बहुत है..ये सब बालक मुसलमान होते तो कोई बात ही नहीं होती..मुसलमान कहकर देशद्रोह साबित करके पल्ला झाड़ लिया जाता..लेकिन ये सब देश के लिए मर मिटने की कसम खा चुके सेना की तैयारी करने वाले नौजवान हैं..आज मैं आपको बताती हूं कि सरकार की अग्निपथ (Agneepath fails due to these 6 reason) स्कीम से युवाओं में इतना ज्यादा गुस्सा क्यों भरा उसके 6 कारण बताती हूं..

युवाओं के गुस्से का पहला कारण ये है कि 4 साल से सरकार ने सेना की भर्तियां रोककर रखी थीं..कोरोना के कारण भारत में कोई काम नहीं रुका..लेकिन भर्तियां रुक गईं..चार साल में बहुत से युवा ओवर एज हो गए..सेना का एक एग्जाम हुआ वो भी कैंसिल कर दिया गया..अब सरकार अचानक 4 साल वाली अग्निपथ स्कीम लेकर आ गई..युवा पूछते हैं..इसका मतलब क्या है भाई..वो सामान्य भर्तियां जिनको आप कैंसिल करते चले आ रहे हो उनका क्या..

दूसरा कारण ये है कि छात्रों का कहना है कि नॉर्मल भर्तियां कीजिए..अग्निवीर (Agneepath fails due to these 6 reason) और कोयलावीर आप बाद में भी भरते रहिए हमें कोई दिक्कत नहीं है लेकिन आपने 4 साल से सामन्य भर्ती की नहीं है और अब जब आपने भर्ती निकाली हैं तो अग्निवीर की लॉलीपॉप पकड़ा दी है..युवाओं को लग रहा है कि सरकार ने अग्निपथ भर्ती नहीं हमारे अरमानों की अर्थी निकाली है..

सेना की तैयारी कर रहे युवाओं के गुस्से का तीसरा कारण (Agneepath fails due to these 6 reason) ये है कि युवाओं को लगता है जैसे दूसरी नौकरियों में आरक्षण को कुचलने के लिए सरकार ने आउटसोर्सिंग शुरू कर दी है…वैसी ही जब सेना को हर साल 45 हजार जवान मिलेंगे तो क्रॉस कटिंग करने वाली सरकार..कंपनियां बेचकर जीविकापार्जन करने वाली सरकार सामान्य भर्तियां निकालेगी इसकी क्या गारंटी है..

युवाओं के गुस्से का चौथा कारण ये है कि सरकार कहती है कि लगभग 45 हजार अग्निवीर (Agneepath fails due to these 6 reason) हम भर्ती करेंगे..युवा कहते हैं चलिए ठीक है करिए..सरकार कहती है हम चार साल बाद आपकी नौकरी की सेवा समाप्त कर देंगे..युवा कहते हैं चलिए जी ठीक है करिए..सरकार कहती है कि 4 साल में 75 परसेंट की सेवा समाप्त हो जाएगी 25 प्रतिशत अग्निवीरों को आगे भी नौकरी कराएंगे..अब ये ट्रेनें फूंकने वाले अग्निवीर कहते हैं जब आप 25 प्रतिशत अग्निवीरों को रोक लेंगे तो सामान्य भर्ती कैसे करेंगे..आपके पास मैनपावर तो उधर से पूरी होती रहेगी..आप सामान्य भर्ती निकालेंगे ही नहीं..

देश भर में मचे बवाल का पांचवा कारण ये है कि..ट्रेनें फूंक रहे अग्निवीर (Agneepath fails due to these 6 reason) कहते हैं कि अगर उनसे 4 की जगह 5 साल नौकरी कराई जाती तो उनको ग्रेचुएटी मिलती..ग्रेचुएटी मिलती तो सेवा समाप्ति के बाद उनको पूर्व सैनिक का दर्जा मिलता..पूर्व सैनिक का दर्जा मिलता तो मिलिट्री अस्पताल और कैंटीनों का लाभ मिलता..इसको लेकर भी लड़के सब ट्रेन की पटरियों पर अग्निवीर बने पड़े हैं..

ट्रेनें फूक रहे अग्निवीर (Agneepath fails due to these 6 reason) छठा सवाल ये उठा रहे हैं..कि सेना की अलग अलग रेजीमेंट्स में भर्तियां करने में सरकार को दर्द क्यों हो रहा है..अलग अलग जातियों के रेजीमेंट्स खाली क्यों पड़े हैं..और सबसे जरूरी बात..अग्निवीर बनने के लिए भी सामान्य भर्ती वाला ही प्रोसेस होगा..और सामान्य भर्ती के लिए अग्निवीर वाला प्रोसेस होगा..एक में 4 साल और दूसरी में 16 साल की नौकरी ये कौन सी बात हुई..

सरकार को मर्ज ठीक करने के लिए उसकी नब्ज पकड़नी पड़ती है..किसी पर भी कुछ भी लादकर आदोलन के इंतजार नहीं करने चाहिए..देश के युवा देश के किसान कोई प्रयोग शाला नहीं हैं..कि आप योजनाएं बना बनाकर चेक करते रहेंगे..और देश को आदोलनों की आग में झोकते रहेंगे..

Disclamer- उपर्योक्त लेख लखनऊ के वरिष्ठ पत्रकार द्वारा लिखा गया है. लेख में सुचनाओं के साथ उनके निजी विचारों का भी मिश्रण है. सूचना वरिष्ठ पत्रकार के द्वारा लिखी गई है. जिसको ज्यों का त्यों प्रस्तुत किया गया है. लेक में विचार और विचारधारा लेखक की अपनी है. लेख का मक्सद किसी व्यक्ति धर्म जाति संप्रदाय या दल को ठेस पहुंचाने का नहीं है. लेख में प्रस्तुत राय और नजरिया लेखक का अपना है.