श्रीलंका का मिजाज कैसे भारत से मिलता है और क्यों श्रीलंका बर्बाद हुआ : Analysis By Pragya Mishra

बेहद खूबसूरत श्रीलंका आर्थिक तौर पर बर्बाद हो गया है..देश में इमरजेंसी लगी हुई है..एक कप चाय 100 रूपए की और एक थाली खाना एक हजार का मिल रहा है..लोगों के पास पेट भरने को पैसे नहीं बचे तो लूटमार शुरू हो गई..इस बर्बादी के पीछे कौन है..किसने हमारे बेहद खूबसूरत पड़ोसी को भीतर ही भीतर दीमक की तरह खत्म कर दिया..सोने की लंका वाले श्रीलंका की लंका किसने लगाई..हम सोने की चिड़िया वाले भारत वासी आज इसी को समझेंगे.. (How the mood of Sri Lanka matches with that of India and why Sri Lanka was ruined )
पड़ोसी होने के साथ साथ हममें श्रीलंका में कुछ समानताएं हैं..जैसे भारत 1947 में अंग्रेजों के चंगुल से आजाद हुआ..श्रीलंका एक साल बाद 1948 में आजाद हुआ..हमारे देश में जिस पार्टी की सरकार है उसका चुनाव निशान कमल का फूल है..श्रीलंका में जिस पार्टी की सरकार है उसका निशान फूल की कली है..श्रीलंका के प्रधानमंत्री राष्ट्रवाद की लहर पर चढ़कर आए..उनको श्रीलंका के बहुसंख्यक सिंहली यानी बौद्ध लोगों का समर्थन मिला..जैसे भारत में बीजेपी को हिंदू बहुसंख्यकों का ज्यादा समर्थन मिला.. श्रीलंका में सिंहली बौद्ध होते हैं..श्रीलंका में सिंहली 70 प्रतिशत हैं..हिंदू यानी तमिलियन 12 प्रतिशत हैं.. और मुसलमान 9 प्रतिशत हैं..मुस्लिमों की हालत भारत से मिलती जुलती है..श्री लंका पर 45 अरब डॉलर का कर्जा है..भारत पर 614 अरब डॉलर का कर्ज है. (How the mood of Sri Lanka matches with that of India and why Sri Lanka was ruined )
जैसे भारत के लोग हमारे प्रधानमंत्री को हिंदू ह्रदय सम्राट और शेर जैसी उपाधियों से नवाजते हैं वैसे ही श्रीलंका के प्रधानमंत्री को श्रीलंकाई बौद्ध आबादी किंग कहकर बुलाती है..छपास का रोग हर प्रधानमंत्री को होता है श्रीलंका वाले को भी है..इसीलिए वहां के सरकारी टीवियों पर राजपक्षे के सम्मान में गाने वाले चलते रहते हैं..गानों में भी उनको किंग बताया जाता है..और लिट्टे जैसे आतंकियों से देश को मुक्त कराने वाला बताया जाता है..और ये बात सही भी है कि राजपक्षे जब 2009 में श्रीलंका के राष्ट्रपति थे तभी श्रीलंका से आतंक का पूरी तरह से खात्मा हुआ था..लिट्टे वाले प्रभाकरन का अंत हुआ था..राजपक्षे खुद को इतना राष्ट्रवादी प्रोजेक्ट करते हैं कि प्रधानमंत्री पद की शपथ भी बौद्ध मंदिर में ली थी..
राजपक्षे बहुसंख्यक आबादी के समीहा हैं..वो देश प्रेमी हैं..राष्ट्रवादी हैं..किंग हैं..दोस्तों जब जनता इनता प्यार करने लगती है..तो प्रधानमंत्री किसी भी देश का हो महान बनने की राह पर चलना चाहता है..महान होने के लिए ऊट पटांग डिसीजन लेने पड़ते हैं..महानता की राह पर चलने वाला प्रधानमंत्री बात करने के बजाए अपने निर्णय जनता पर थोपने लगता है..जिसका असर उल्टा हो जाता है..भारत देश में ऐसे कई निर्णय लिए गए जिनके नाम अब सरकार लेना पसंद नहीं करती..भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत थी तब भी गहरा धक्का लगा..श्रीलंका तो खैर 2 करोड़ की आबादी वाला छोटा सा देश है.. (How the mood of Sri Lanka matches with that of India and why Sri Lanka was ruined )
राजपक्षे महान बनने के इतने शौकीन थे..कि उन्होंने ऐलान कर दिया था कि अगर चुनाव में उनकी पार्टी जीत गई तो वो देश में चीज़ों पर लगाए जाने वाले कर को यानी टैक्स को आधा कर देंगे.. VAT को 15 प्रतिशत से घटा कर 8 प्रतिशत कर दिया गया..जिससे देश के खजाने में टैक्स से आने वाला धन बहुत कम हो गया..
श्रींलंका की सबसे ज्यादा कमाई टूरिज्म सेक्टर से है..लोग पहाड़ और समंदर का मजे लेने के लिए श्रीलंका आते थे..इस सेक्टर की कमर दो तरह से टूटी एक तो 2019 में कोलंबो में ईस्टर के दिन जिहादियों ने होटलों और चर्चो में धमाके किए जिसमें 350 से ज़्यादा लोग मारे गए..टूरिस्टों ने डरकर आना बंद कर दिया..दूसरी तरफ उसके अगले ही साल यानी 2020 में कोरोना ने टूरिस्ट सेक्टर को पूरी तरह से खत्म कर दिया.. (How the mood of Sri Lanka matches with that of India and why Sri Lanka was ruined )
2020 में श्रीलंका ने अपने कोष में विदेशी करेंसी बचाने के लिए..बाहर से खरीदी जाने वाली चीजों पर रोक लगा दी..विदेशी आयात पर रोक लगी तो स्वदेशी चीजें महंगी मिलने लगीं श्रीलंका की जनता महंगाई की आग में जलने लगी..
श्रीलंका को स्वदेशी का बुखार ऐसा चढ़ा कि प्रधानमंत्री ने अचानक आदेश दिया कि अब से देश में ऑर्गेनिक खेती होगी..यानी अब से यूरिया और डीएपी का प्रयोग बैन हो जाएगा..भईया दारू पीने वाले की दारू एकदम से छुड़ा देंगे तो वे बीमार हो जाता है.हांथ पैर कांपने लगते हैं.. वैसे ही अचानक जैविक खेती पर शिफ्ट हुए श्रीलंका की उपज कम होने लगी..उपज कम हुई और बाहर से आयात बंद हो गया तो महंगाई तेजी से बढ़ने लगी.. (How the mood of Sri Lanka matches with that of India and why Sri Lanka was ruined )
श्रीलंका का रूपया भारत के रूपए से 4 गुना कमजोर है..भारत के एक रूपए में श्रीलंका के 4 रूपए होते हैं..लोगों की पर्चेजिंग पावर कम होने लगी..हाल ये हुआ कि श्रीलंका में फैली महंगाई और भुखमरी से तंग आकर लोग समुद्र के रास्ते भारत की तरफ भागने लगे हैं.. (How the mood of Sri Lanka matches with that of India and why Sri Lanka was ruined )
श्रीलंका की सरकार में राजपक्षे परिवार के पांच सदस्य मंत्री थे..इनमें चार भाई हैं, और पांचवां खुद राजपक्षे का बेटा था..राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे महिंदा राजपक्षे के भाई हैं..ये रक्षा मंत्री भी हैं, महिंदा राजपक्षे खुद प्रधानमंत्री हैं, चमाल राजपक्षे जो सिंचाई मंत्री थे, बासिल राजपक्षे वित्त मंत्री थे..नमल राजपक्षे महिंदा राजपक्षे बेटे हैं जो खेल मंत्री थे.. (How the mood of Sri Lanka matches with that of India and why Sri Lanka was ruined )
दोस्तों श्रीलंका को आतंकियों ने 26 सालों में इतना बर्बाद नहीं किया था जितना आत्म मुग्ध..कर्ज लेकर देश चलाने वाले..प्रधानमंत्री ने..राष्ट्रवादिता का गाना गाने वाले ने..अपने डिसीजन देश पर थोपने वाले ने..देश की सरकार को परिवार वाद की धौंकनी में झोकने ने..देश को महंगाई की आग में जलाने वाले ने किया..किसी भी देश का भविष्य वहां की जनता लिखती है..और जिन देशों में जनता की सुनवाई नहीं होती है..जहां का राजा अहंकारी होता है..वो देश श्रीलंका बन जाता है..बार्बादी की कगार पर खड़ा हो जाता है..दुनिया के सामने कटोरा लेकर खड़ा हो जाता है.. (How the mood of Sri Lanka matches with that of India and why Sri Lanka was ruined )