पहले चरण (first step ) में कितनी सीटों से हार होगी समीक्षा समाचार : संपादकीय व्यंग्य

PRAGYA KA PANNA
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सीधे सीधे कहूं तो बहुत गोलमोल करने की जरूरत नहीं है..पश्चिमी यूपी के पहले चरण (first step ) में जहां पर बीजेपी ने पिछली बार 58 में 53 सीटें जीतीं थीं..वहां हालत बहुत ज्यादा खराब हो गई है..पहले चरण में जिस हिसाब से गांवों में वोट पड़े हैं..उसने कई सीटों के रिजल्ट अभी से डिक्लेयर कर दिए हैं..पत्रकारिता का मर्यादा है नहीं तो 30 सीटें ऐसी मैं उंगली पर गिना सकती हूं जहां से बीजेपी का बोरिया बिस्तरा उठ चुका है..लेकिन लोकतंत्र का मजा इसी में है कि 10 मार्च का इंतजार किया जाए..एक और बीजेपी के शीर्श नेताओं के खास लोगों से.

शीर्श का मतलब समझ रहे हैं..नेशनल स्तर के शीर्श नेताओं के बेहद करीबी लोगों का कहना है कि मैडम ऊपर तक सबको मालूम है यूपी का रिजल्ट क्या है..लेकिन लड़ाई अंतिम सांस तक लड़नी है और यही लोकतंत्र की खूबसूरती भी है..और ये राजनीति का ककहरा सीख रहे लोगों को बीजेपी से सीखना चाहिए..

एक राउंड खराब हुआ..कोई बात नहीं..दूसरा राउंड थोड़ा और खराब होगा कोई बात नहीं..आगे के 5 राउंड में तो लड़ेंगे..और जमकर लड़ेंगे..विपक्ष के नौसखिया पने को अनुभव से हराया जाएगा..पहले चरण (first step ) की वोटिंग में 58 सीटें थीं..इस पर इन सीटों पर बहुत बड़ा उलटफेर होने जा रहा है..क्योंकि गांव के किसानों ने जमकर वोट किया है..जिस शहरी आबादी को बीजेपी का वोटर कहा जाता है..

वहां वोटिंग परसंटेज बहुत कम रहा है..गाजियाबाद और नोएडा जैसे जिलों में 54 और 56 प्रतिशत ही वोटिंग हुई है..गांवों में घनघोर वोटिंग का मतलब है..किसानों ने ईवीएम की बटन बहुत जबरदस्त दबाई है..लेकिन फिर भी 2017 में पहले फेस (first step ) में 64 प्रतिशत मतदान हुआ था..और इस बार टोटल 60 प्रतिशत मतदान हुआ है..यानी नए वोटर जुड़ने के बाद भी..4 परसेंट कम लोगों ने वोटिंग की है..

चुनाव किसके पक्ष में गया ये तो खुलकर आपको 10 तारीख को पता चल जाएगा लेकिन इस बार बड़े-बड़े तुर्मखाहों के नीचे से जमीन खिसकने वाली है..बीजेपी के 9 मंत्री पहले फेस (first step ) में चुनाव लड़ रहे थे..कई मुंह के बल गिरने वाले हैं..ये तय है..पहले चरण में सबसे ज्यादा 75 फीसदी मतदान कैराना में हुआ..सबसे कम 45 फीसद मतदान गाजियाबाद से सटे साहिबाबाद में हुआ है..ईवीएम का नाटक यूपी में भी जारी है..कई जगहों पर खराब हो गई..कई जहगों पर स्लो चल रही थी..एक जगह तो ईवीएम गाड़ी मे रखे हुए एसी की हवा खा रही थी..जब पकड़ी गई को बहुत की हवा टाइट हो गई..

पश्चिम में मतदादातों की और प्रत्याशियों की नजरें इस बार बहुत ज्यादा चौकन्नी हैं..बीजेपी बहुत मुश्किल में है..पहले चरण के मतदान के बाद विपक्ष गदगद है..पहले चरण (first step ) के कई जिले ऐसे भी हैं जहां पर क्लीन स्विप हो चुका है..पहले चरण का ओवर ऑल मसला समझ लिया है तो मीडिया का मामला जान लीजिए..टीवी पर संवादादाओं ने प्रयास किया कि वोटर ये बताएं कि उन्होंने बीजेपी के पक्ष में वोट किया है..

ये ट्रेंड सभी टीवियों पर दिनभर चलता दिखाई दिया..अपना वोट छिपाने वाले लोग रिपोर्टर के सवाल से पहले ही बता रहे थे कि उन्होंने योगी जी को वोट दिया है..और तो और नेशनल मीडिया वोटिंग वाले दिन मतदाताओं से सिर्फ एक सवाल कर रही थी कि आप अपने आप को सुरक्षित महसूस कर रहे हैं या नहीं..अब कौन आदमी होगा जो ये कहेगा कि पैरामिलिट्री फोर्स से घिरे पोलिंग बूथ से मुझे पैतालिस गुंडे चाकू लेकर दौड़ रहे हैं..वोटर भी कह रहे थे हां सुरक्षित महसूस कर रहे हैं..हम किसी को कुछ कहते नहीं है..सबकी अपनी अपनी ड्यूटी है..सब अपने भाई बहन हैं..पहले चरण (first step ) के ओवरऑल समीक्षा समाचार समाप्त होते हैं..हर चरण में वोटिंग के बाद ऐसे ही समीक्षा समाचार आपको मिलते रहेंगे.

Disclamer- उपर्योक्त लेख लखनऊ के वरिष्ठ पत्रकार द्वारा लिखा गया है. लेख में सुचनाओं के साथ उनके निजी विचारों का भी मिश्रण है. सूचना वरिष्ठ पत्रकार के द्वारा लिखी गई है. जिसको ज्यों का त्यों प्रस्तुत किया गया है. लेक में विचार और विचारधारा लेखक की अपनी है. लेख का मक्सद किसी व्यक्ति धर्म जाति संप्रदाय या दल को ठेस पहुंचाने का नहीं है. लेख में प्रस्तुत राय और नजरिया लेखक का अपना है.

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