राष्ट्रवादी प्रधानमंत्री ने श्रीलंका को कैसे बर्बाद किया ? : संपादकीय व्यंग्य

PRAGYA KA PANNA
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श्रीलंका में 2 कोरोड़ की आबादी है..2 कोरोड़ की आबादी ठीक वैसे ही बंटी थी..जैसे भारत में हिंदू और मुसलमान बंटे हैं..श्रीलंका में 75 प्रतिशत सिंहली संप्रदाय के लोग बहुसंख्यक हैं..धर्म से बौद्ध हैं..20 प्रतिशत अल्पसंख्यक तमिलियन्स हैं धर्म से हिंदू हैं..दोनों संप्रदायों की आपस में बनती नहीं है..बहुसंख्यकों को राष्ट्रवाद की चटनी चटाकर राजपक्षे श्रीलंका के प्रधानमंत्री हैं..राजपक्षे राष्ट्रवादी इललिए हुए क्योंकि उनकी उगुआई में लिट्टे के चीफ प्रभाकरन को 2009 में मार दिया गया..प्रभारन श्रीलंका में सताए जा रहे तमिल हिंदुओं के लिए अलग तमिल राष्ट्र की मांग कर रहा था..प्रभाकरन की कहानी मैं आपको डीटेल में अगले वीडियो में बताऊंगी.. (How did the nationalist prime minister destroy Sri Lanka?)

लेकिन आज हम बात इस विषय पर करने वाले हैं..कि राष्ट्रवाद की चटनी बहुत समय से चांट चांटकर श्रीलंका की बहुसंख्यक आबादी जब भीतर से खोखली हो गई तो..जब श्रीलंका दाने दाने को मोहताज हो गया तो अपने राजा को अपने प्रधानमंत्री को गद्दी से उखाड़ फेकने के लिए सिंहली..तमिल..मुस्लिम इसाई सबको एक साथ आना पड़ गया है.. (How did the nationalist prime minister destroy Sri Lanka?)

सब मिलकर अपने उस प्रधानमंत्री का घर घेर रहे हैं..जिसे खुद किंग कहते थे..जिसके राष्ट्रवादी गीत टीवियों पर बजते थे..जो संसद में नहीं बौद्ध मंदिर में प्रधानमंत्री पद की शपथ लेता था..कट्टरता वो कोढ़ है जो किसी भी देश को भीतर ही भीतर बर्बाद कर देता है..श्रीलंका बर्बाद हो चुका है. (How did the nationalist prime minister destroy Sri Lanka?)

इस बर्बादी से एक खुशखबरी ये निकलकर आई है कि दशकों से एक दूसरे से लड़ रहे बौद्ध बहुसंख्यक सिंहली और अल्पसंख्यक हिदू तमिलियंस एक हो गए हैं..जो काम सदियां नहीं कर पाईं वो काम..भूख के कारण हर घर से उठती सिसकियों ने कर दिया है श्रीलंका में जिस राजपक्षे का कोई विकल्प नहीं था..उस प्रधानमंत्री को श्रीलंका की जनता फूटी आंख नहीं देखना चाहती..राजपक्षे ने राष्ट्रवाद की घुट्टी पिलाकर श्रीलंका को बर्बाद कर दिया है (How did the nationalist prime minister destroy Sri Lanka?)

दाने दाने को मोहताज कर दिया है..एक खुशहाल देश को दुनिया के सामने डिफॉल्टर बना दिया है..हाथ में कटोरा पकड़ा दिया है..जिसके पास उधार चुनाने को पैसे नहीं हैं..जिसके पास अपने नागरिकों को खिलाने के लिए अन्न नहीं है..अन्न छोड़िए..एक कप चाय भी दो वक्त के भोजन से ज्यााद महंगी है. (How did the nationalist prime minister destroy Sri Lanka?) .

श्रीलंका बहुत बड़ा नहीं है..9 राज्य और 25 जिले ही हैं..2 करोड़ की जनसंख्या है..बेहद छोटा सा देश है..बेहद छोटा सा देश चलाना भी बेहद आसान काम है..लोग कहते हैं कोरना ने श्रीलंका को डुबो दिया है..मैं कहती हूं..कट्टरता ने श्रीलंका को डुबो दिया है..राजपक्षे कर्ज लेकर घी पीते गए..जब राष्ट्रवादी राजा बनने के चक्कर में..देश को आत्मनिर्भर बनाने के चक्कर में यूरिया का आयत बंद कर दिया..हुक्म जारी कर दिया अब से श्रीलंका के लोग जैविक खेती ही करेंगे..यूरिया आज से प्रतिबंधित है..किसानों की कमर टूट गई..महान बनने के चक्कर में टैक्स आधा कर दिया..देश के खजाने की कमर टूट गई. (How did the nationalist prime minister destroy Sri Lanka?)

तमिल हिंदुओं की मेहनत पर कभी भरोसा नहीं किया..चाय मछली और टूरिस्ट इन तीन पहियों पर श्रीलंका चल रहा था..खाद बंद हुई तो..खेती मारी गई..कोरोना में टूरिस्ट आए नहीं..और मछली उद्योग तो तमिलियन करते थे..और तमिलियन हिंदुओं को वो अपना मानते नहीं थे..यहां तक कि तमिलियन हिंदुओं को श्रीलंका में आतंकियों की नजर से देखा जाता है..यहां तक कि मानवाधिकार आयोग को ये कहना पड़ गया था कि पीटीए यानी प्रिवेंशन ऑफ टेरजिज्म एक्ट का गलत इस्तेमाल तमिल हिंदुओं और मुसलमानों के खिलाफ हो रहा है (How did the nationalist prime minister destroy Sri Lanka?) .

श्रीलंका की जनता अब जागी है..हिंदू बौद्ध और मुसलमान भूलकर प्रधानमंत्री का घर घेर रही है..राजपक्षे अपने घर से मंत्रियों को हटाकर नई कैबिनेट बनाकर जनता से रह रहे हैं कि हम पर भरोसा करो..देश बर्बाद होने के बाद श्रीलंका के लोगों को अक्ल आई है कि राष्ट्रवादी कुछ नहीं होता..जो देश चलाने में सक्षम हो..जो सबका नेता हो वही सम्राट बन सकता है..दोस्तों इस वीडियो में इतना है अगले वीडियो में मैं आपको बताऊंगी. (How did the nationalist prime minister destroy Sri Lanka?)

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