एंबुलेंस को रास्ता देने वाला सदियों बाद कोई पैदा हुआ..

नमस्कार दोस्तों आज के इस वीडियो में एक ऐसा एनालिसेस करेंगे जो आपको गोदी मीडिया कभी नहीं दिखाएगा..और जो दिखाएगा वो नौकरी से जाएगा..तो शुरू करते हैं..दोस्तों सबसे पहले बात करेंगे..हमारे आदर्शवादी..स्पीचवादी..सत्यवादी..फोटोवादी..महान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की..दोस्तों गुजरात में एक एंबुलेंस (Modi stop his convoy to give way to Ambulance) को रास्ता देने के लिए मोदी जी ने अपना काफिला रूकवा दिया..सबने छककर एंबुलेंस का वीडियो बनाया..
जैसे सब इसी पल के इंतजार में दो चार दिन से घात लगाकर बैठे हों..गोदी मीडिया ने चिल्लाना शुरू किया कि देखो देखो..होगा कोई ऐसा..मिलेगा कोई ऐसा..धरती आकाश पाताल में कोई रोकता है एंबुलेंस के लिए अपना काफिला..तीनों लोगों में एंबुलेंस को रास्ता देने वाला मोजी दी के समान कोई दूसरा नहीं है..एक बार भी गोदी मीडिया ने ये नहीं बताया कि प्रधानमंत्री के निर्धारित रूट में एंबुलेंस कैसे घुस गई..
प्रधनमंत्री के तय रास्ते पर तो 2 दिन पहले से ही सुरक्षा कर्मी तैनात हो जाते हैं..रूट डायवर्ट हो जाते हैं..चिडिया दाना तक नहीं चुग सकती..फिर ये एंबुलेंस कैसे प्रधानमंत्री के काफिले में घुसी..अगर एंबुलेंस (Modi stop his convoy to give way to Ambulance) में हमलावर टाइप के लोग होते तो…लेकिन सबको ऊपर से ढोल बजाने का हुक्म होगा..सब महानता का ढोल पीटते रहे..तब याद आता है कि गुरू ये गुजरात था पंजाब थोड़े था..जहां सड़क पर खड़े किसानों को देखकर कोई फकीर जान बचाकर वापस लौट जाता..
खैर एंबुलेंस को रास्ता देना चाहिए..ये एक महान काम है..जो दो चार सदी बाद पैदा हुआ कोई महान व्यक्ति ही कर सकता है..और मोदी जी महान हैं..लेकिन मोदी जी एक दोस्त हैं..देश के गृह मंत्री भी हैं उनका नाम अमित शाह है..वो गुजरात से सटे महाराष्ट्र के मुंबई गए थे..अरे अभी ही पिछले हमीने 6 सितंबर की ही बात है..बहुत पुरानी नहीं है..उनका काफिला निकल रहा था..एक बिचारी एंबुलेस को पुलिस ने केवल इसलिए रोककर रखा था क्योंकि मोटा भाई का काफिला निकल रहा था..एंबुलेंस का सायरन भी बज रहा था..और तो और लोग चिल्लाकर कह रहे थे प्रभु एंबुलेंस को तो छोड़ दो..लेकिन क्या करें प्रोटोकॉल तो प्रोटोकाल है..
जब तक काफिला नहीं गुजरा तब तक एंबुलेंस नहीं छोड़ी गई..बाद में पुलिस ने कहा एंबुलेंस (Modi stop his convoy to give way to Ambulance) का सायरन खराब था..एंबुलेंस में कोई था हीनहीं जी इसलिए रोक ली थी..तो क्या समझे मित्रों गृह मंत्री अमित शाह…मोदी जी से पोस्ट में भी कम थे..जब अमित शाह जी के लिए एंबुलेंस नहीं छोड़ी गई..तो फिर मोदी जी तो फिर भी प्रधानमंत्री थे उनके लिए एंबुलेंस क्यों छोड़ दी गई…दोनों राज्यों में बीजेपी की सरकार है..दोनों राज्यों में बीजेपी के ही नेता हैं..
दोनों राज्य एक दूसरे के अगल बगल हैं..तो फिर दोनों में अंतर क्या है…तो मैं बताती हूं दोनों राज्यो में अंतर ये है कि गुजरात में चुनाव हैं..यहां वीडियो बनाकर वाहवाही लूटने के लिए काफिले के बीच में एंबुलेंस तो क्या..एरोप्लेन को भी घुसने की इजाजत रहेगी..मैं बिल्कुल नहीं कहती कि एंबुलेंस को प्लान के तहत काफिले में घुसाकर वीडियो बनाए गए और गाथा गाई गई..लेकिन मैं ये जरूर कहती हूं..जरा से लाइमलाइट के चक्कर में जरा सी फुटेज खाने के चक्कर में हमारे प्रधानमंत्री की सुरक्षा से खिलवाड़ ना किया जाए..
क्योंकि जब से हमारे प्रधानमंत्री पंजाब (Modi stop his convoy to give way to Ambulance) से जिंदा वापस लौट पाए हैं..तब से हम भारत वासी उनके लिए चिंतित रहते हैं..आपने टीवी वालों को इस पर मोदी जी के महान काम के लिए छाती पीटते तो देखा होगा लेकिन किसी ने आपको ये नहीं बताया होगा कि अमित शाह के काफिले के लिए एंबुलेंस रोकी गई थी..दोस्तों एकतरफा सच नहीं पूरा सच जानिए..और पूरा सच आपको गोदी मीडिया पर कभी नहीं मिल सकता..
Disclamer- उपर्योक्त लेख लखनऊ के वरिष्ठ पत्रकार द्वारा लिखा गया है. लेख में सुचनाओं के साथ उनके निजी विचारों का भी मिश्रण है. सूचना वरिष्ठ पत्रकार के द्वारा लिखी गई है. जिसको ज्यों का त्यों प्रस्तुत किया गया है. लेक में विचार और विचारधारा लेखक की अपनी है. लेख का मक्सद किसी व्यक्ति धर्म जाति संप्रदाय या दल को ठेस पहुंचाने का नहीं है. लेख में प्रस्तुत राय और नजरिया लेखक का अपना है.