एक तरफ लोकसभा चुनाव उधर BJP विधायक को हुई ‘उम्रकैद’, हाईकोर्ट ने सुनाई ‘सज़ा’
बीजेपी को एक और बड़ा झटका लगा है. इलाहाबाद हाई कोर्ट ने शुक्रवार को करीब 12 वर्ष पुराने मामले में आज सुनवाई करते हुए हमीरपुर से भारतीय जनता पार्टी के विधायक अशोक सिंह चंदेल सहित नौ लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.

मालूम हो कि हमीरपुर के रोडवेज बस स्टैंड के पास करीब 12 वर्ष पहले भाजपा नेता राजीव शुक्ल के भाई राकेश समेत एक ही परिवार के पांच लोगों की निर्मम हत्या में विधायक चंदेल समेत नौ लोगों के खिलाफ मामला चल रहा था. जिस पर शुक्रवार को कोर्ट ने सजा सुना दी है. वहीं सजा की घोषणा होते ही विधायक अशोक सिंह चंदेल कोर्ट परिसर से फरार हो गए. हाईकोर्ट ने विधायक व अन्य को पुलिस कस्टडी में लेने का आदेश दिया.
चंदेल के अलावा रघुवीर सिंह,आशुतोष सिंह उर्फ डब्बू, साहब सिंह, भान सिंह, प्रदीप सिंह, उत्तम सिंह, श्याम सिंह आदि को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है. न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति डी. के. सिंह की खंडपीठ ने मामले में सजा सुनाई है.
इससे पहले की सुनवाई में निचली अदालत ने विधायक को बरी कर दिया था. मगर मामला हाईकोर्ट पहुचा तो हाईकोर्ट ने विधायक को बरी करने वाले जज अश्विनी कुमार के फैसले की जांच कराई. जिसमें वे गलत पाए गये और जांच के बाद हाईकोर्ट ने उस जज को बर्खास्त कर दिया था. और फैसला सुरक्षित रख लिया था. विधायक तो छोड़िये उसका कार चालक रुक्कू पहले से ही इस मामले में आजीवन कारावास की सजा झेल रहा है.
इस मामलें में पीड़ित राजीव शुक्ला ने बताया, “26 जनवरी 1997 में मेरे परिवार के तीन सदस्यों समेत पांच लोगों की हत्या हुई थी. इसमें मेरे बड़े भाई राजेश शुक्ला, राकेश शुक्ला, राकेश के पुत्र गणेश के अलावा वेद प्रकाश नायक और श्रीकांत पांडे शामिल थे. वेद प्रकाश और श्रीकांत हमारे निजी सुरक्षाकर्मी थे.” उन्होंने बताया, “निचली आदलत के न्यायाधीशों ने पैसे लेकर मामले में सभी को बरी कर दिया था.
इतना ही नहीं विधायक अशोक सिंह चंदेल तो कानपुर के किदवई नगर में कारोबारी रणधीर गुप्ता की दिनदहाड़े हत्या के मामले में भी आरोपित है. उसके ऊपर सीओ के साथ दबंगई दिखाने का मामला गोविंद नगर थाने में दर्ज है.