नहीं रहीं पूर्व विदेश मंत्री ‘सुषमा स्वराज’, पूरे देश में शोक की लहर, जाते समय कहे ये शब्द-
पूर्व विदेश मंत्री और बीजेपी की वरिष्ठ नेता सुषमा स्वराज का मंगलवार रात दिल का दौरा प़़डने से निधन हो गया है. इस बड़ी दुःखद खबर से पूरे देश में शोक की लहर है. वे 67 वर्ष की थीं.

ख़बरों के मुताबिक रात नौ बजे दिल का दौरा प़़डने के बाद उन्हें एम्स में भर्ती कराया गया था. पांच डॉक्टरों की टीम उनका इलाज कर रही थी. लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका. उनको देखने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हषर्षवर्धन, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और नितिन गडकरी भी एम्स पहुंचे हैं. बतादें कि करीब ढाई साल पहले ही उन्होंने किडनी ट्रांसप्लांट कराया था और उसके बाद से ही उनका स्वास्थ्य काफी कमजोर हो गया था. संसदीय-राजनीति से अलग होने के बाद भी वो देश के घटनाक्रमों को लेकर काफी सक्रिय बनी हुई थीं.
अभी कुछ देर पहले ही उन्होंने अपना आखिरी ट्वीट किया था जिसमें उन्होंने अनुच्छेद 370 पर कहा था कि प्रधानमंत्री जी आपका हार्दिक अभिनंदन, मैं अपने जीवन में इस दिन को देखने की प्रतीक्षा कर रही थी.
प्रधान मंत्री जी – आपका हार्दिक अभिनन्दन. मैं अपने जीवन में इस दिन को देखने की प्रतीक्षा कर रही थी. @narendramodi ji – Thank you Prime Minister. Thank you very much. I was waiting to see this day in my lifetime.
— Sushma Swaraj (@SushmaSwaraj) August 6, 2019
पीएम नरेंद्र मोदी ने उनके निधन पर गहरा शोक जताया है. उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा कि उनके जाने से भारतीय राजनीति के एक अध्याय का अंत हो गया है. सुषमा स्वराज जी अपनी तरह की अलग महिला थीं, जो करोड़ों लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत थीं.
जगत प्रकाश नड्डा ने कहा कि दीदी सुषमा स्वराज जी अपने राजनीतिक एवं सामाजिक जीवन में अनेकों दायित्वों पर रहते हुए अंतिम समय तक राष्ट्र सेवा में लगी रहीं. जब से वो राजनीतिक जीवन में आयी तब से लेकर, विपक्ष की नेता, विदेश मंत्री रहने तक हमेशा एक आदर्श व्यक्तित्व का उदाहरण समाज के सामने रखा.
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शोक जताते हुए कहा कि श्रीमती सुषमा स्वराज के निधन से बहुत दुःख हुआ है. देश ने अपनी एक अत्यंत प्रिय बेटी खोई है. सुषमा जी सार्वजनिक जीवन में गरिमा, साहस और निष्ठा की प्रतिमूर्ति थीं. लोगों की सहायता के लिए वे हमेशा तत्पर रहती थीं. उनकी सेवाओं के लिए सभी भारतीय उन्हें सदैव याद रखेंगे.
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि सुषमा स्वराज जी का निधन भाजपा और भारतीय राजनीति के लिए एक अपूरणीय क्षति है. उन्होंने एक प्रखर वक्ता, एक आदर्श कार्यकर्ता, लोकप्रिय जनप्रतिनिधि और एक कर्मठ मंत्री जैसे विभिन्न रूपों में भारतीय राजनीति में अपनी अमिट छाप छोड़ी है. मैं समस्त भाजपा कार्यकर्ताओं की ओर से उनके परिजनों, समर्थकों व शुभचिंतकों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता हूँ. ईश्वर दिवंगत आत्मा को चिर शान्ति प्रदान करे. ॐ शांति शांति शांति
सीएम योगी ने दुःख जताते हुए कहा कि पूर्व विदेश मंत्री, दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री, प्रखर वक्ता, सदाशयी सांसद और अपने प्रभाव से जन-जन को जीतने वाली, सुषमा स्वराज जी के असामयिक निधन से स्तब्ध हूँ. ईश्वर उनको अपने लोक में सर्वोच्च आसन दें और उनके परिजनों को दुख सहने की शक्ति दे. ॐ शांति
सुषमा का जन्म 14 फरवरी को हुआ था. सुषमा राजनीति में 25 बरस की उम्र में आईं थीं. सुषमा ने सबसे पहला चुनाव 1977 को लड़ा था. वे हरियाणा की अंबाला सीट से चुनाव जीतकर देश की सबसे युवा विधायक बनीं. सुषमा के राजनीतिक गुरु लाल कृष्ण आडवाणी रहे थे. बीते चार दशकों में वे 11 चुनाव लड़ीं, जिसमें तीन बार विधानसभा का चुनाव लड़ीं और जीतीं. सुषमा सात बार सांसद रह चुकी हैं.
फिर नब्बे के दशक में सुषमा राष्ट्रीय राजनीति में सक्रिय हो गईं थी. 1996 में हुए लोकसभा चुनाव में सुषमा दक्षिण दिल्ली से सांसद बनी थीं. उसके बाद उन्हें अटलजी की सरकार में केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री बनाया गया था. 1998 में वे दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री बनीं. मार्च 1998 में जब दूसरी बार अटलजी की सरकार बनी तो वे एक फिर से आईबी मिनिस्टर बनीं. सुषमा 2009 और 2014 में विदिशा से लोकसभा चुनाव जीतीं. 2014 से 2019 तक वे विदेश मंत्री रहीं और दुनियाभर में भारतीयों को उन्होंने एक ट्वीट पर मदद मुहैया कराई.