पहली बार प्रधानमंत्री मोदी महंगाई का म बोले, अपनी टोपी दूसरे के सिर रख दी : संपादकीय व्यंग्य

बड़ी मुश्किल से प्रधानमंत्री (Narendra Modi) महंगाई का म बोलने के लिए तैयार हुए हैं..भाईयों बहनों महंगाई का म बोलने के लिए तैयार हुए हैं..8 साल की लंबी चुप्पी के बाद पेट्रोल डीजल की कीमतों पर बोले हैं..और इतने महंगे पेट्रोल पर भी प्रधानमंत्री (Narendra Modi) ने खुद को महंगाई नाशक मसीहा साबित कर दिया है..आज प्रधानमंत्री बताएंगे कैसे उन्होंने देश की खातिर बहुत बड़ा त्याग करके पेट्रोल सस्ता किया है..और मैं आपको बताती चलूंगी ये त्याग है या टोपी ट्रांसफर का खेल..दोस्तों प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने मतलब केंद्र सरकार ने नवंबर में पेट्रोल डीजल पर से एक्साइज ड्यूटी कम कर दी थी..जिससे देश को सस्ता पेट्रोल मिल सके..सोचिए कितनी रिसर्च के बाद ये दूरदर्शी आईडिया आया होगा..
मोदी जी (Narendra Modi) का कहने का मतलब है कि केंद्र सरकार ने पेट्रोल डीजल पर से एक्साइज ड्यूटी कम कर दिया..पेट्रोल डीजल सस्ता कर दिया लेकिन कुछ राज्यों ने टैक्स घटाया ही नहीं जिससे पेट्रोल महंगा है..मोदी जी कहना चाहते हैं कि हम पेट्रोल सस्ता दे रहे हैं लेकिन अपके मुख्यमंत्री खासकर गैर बीजेपी शासित वाले राज्यों के मुख्यमंत्री आपका खून चूस रहे हैं..मोदी जी ने बताया एक्साइज ड्यूटी हमने कम कर दी है..लेकिन ये बताया ही नहीं कि कितना टैक्स बढ़ाकर कितना कम किया है…मैं बताती हूं..
दोस्तों जब मोदी सरकार 2014 में बनी थी..तब पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी थी..साढ़े 9 रूपए..डीजल पर ती साढ़े तीन रूपए..2020 आते आते मोदी जी पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी वसूलने लगे लगभग 33 रूपए..और डीजल पर वसूलने लगे लगभग 32 रूपए..यानी पेट्रोल पर 24 रूपए बढ़ाकर वसूले..और डीजल पर 29 रूपए प्रति लीटर डीजल बढ़ाकर वसूला..फिर मोदी सरकार को आया थोड़ा रहम सोचे होंगे थोड़ा मसीहा टाइप की फीलिंग लेनी जरूरी है..इसलिए इसी नवंबर में कहा चलो टैक्स के मारे लोगों को थोड़ा दिवाली गिफ्ट देते हैं.
तो मोदी जी ने पेट्रोल पर वसूली जा रही से 33 रूपए की एक्साइज ड्यूटी में से 5 रुपए घटा दिए..डीजल वाले 32 रूपए में से 10 रुपए एक्साइज ड्यूटी कम दिया..अब भी पेट्रोल पर लगभग 28 रूपए और डीजल पर लगभ 22 रूपए एक्साइज ड्यूटी लिया जा रहा है..पेट्रोल पर हमारी सरकार ने चीन वाली चाल चली..चीन दुश्मन की जमीन 10 किमी कब्जा करता है फिर हंगामा होने पर 2 किमी पीछे हट जाता है कहता है देखो जी हम हम पीछे हट गए..
दोस्तों ये बात सही है कि राज्य और केंद्र सरकार दोनों पेट्रोल पर टैक्स लगाकर 50 रूपए का पेट्रोल 110 के पार पहुंचा देते हैं..पेट्रोल की कीमत 50 रूपए से ऊपर की नहीं है..राज्य वैट कम करेंगे तो कीमत कर होगी.. नो डाउट..लेकिन मोदी जी पेट्रोल डीजल की महंगाई के लिए राज्यों को जिम्मेदार बता रहे हैं ये तो महंगे तेल को सस्ता करने का परमानेंट सैल्यूशन नहीं है..मोदी जी आप तो देश के प्रधानमंत्री हैं..बहुमत में हैं..महंगे पेट्रोल डीजल से कराहती जनता की अगर इतनी चिंता है तो बीजेपी शासित और कांग्रेस साशित का खेल ही खत्म करिए…जैसे किसानों के लिए बिना पूछे कानून लेकर आए थे..वैसे ही कानून लेकर आईए रात 8 बजे टीवी पर आईये और कहिए कि आज रात 12 बजे से पेट्रोल डीजल पर राज्य किसी भी तरह का टैक्स नहीं लगा पाएंगे..12 बजे से पेट्रोल डीजल पर राज्यों का टैक्स अमान्य हो जाएगा..करिए ऐसा लेकिन नहीं करेंगे..इससे तो जनता को फायदा हो जाएगा..फिर कांग्रेस बीजेपी वाले राज्यों वाला खेल कैसे खेल पाएंगे..
वाह 103 रूपए में पेट्रोल..वाह आनंद ही आनंद..परमानंद..मोदी जी 103 को बिल्कुल छोटा फिगर मानते हैं..103 तो ऐसे कह रहे हैं कि 103 इज इक्वल टू मुफ्त…मोदी जी आपने गिनाया..अब मैं गिनाती हूं..नवंबर में चुनाव से पहले…दीवाली तो कहने के लिए थी..जो टैक्स कम करके पेट्रोल के दाम कम किए गए थे..उसमें बीजेपी शासित यूपी ने पेट्रोल से 7 रूपए और डीजल से 2 रूपए वैट के कम किए थे..पहले पेट्रोल पर लगभग 18 रूपए एक लीटर पर वैट वसूला जाता था अब पेट्रोल पर लगभग 11 रूपए प्रति लीटर वैल्यू एडेडे टैक्स यानी वैट वसूला जा रहा है..कम इसलिए किया क्योंकि बेतहाशा बढ़ाया था..जनता पर एहसान तो था नहीं..
लेकिन बहुत मुश्किल से ही सही ये वाले प्रधानमंत्री (Narendra Modi) अखंड महंगाई के बीच 103 रूपए लीटर पेट्रोल को सस्ता बोलने के लिए तैयार हुए हैं..प्रधानमंत्री बाकी मामलों में आदेश देते हैं..लेकिन महंगे पेट्रोल पर अनुरोध कर रहे हैं..कोरोना वैक्सीन के मामले में कह दिया था कि राज्य अपनी अपनी वैक्सीन खुद खरीदकर लाएं..लेकिन पेट्रोल पर आग्रह कर रहे हैं..खुलकर कहना चाहिए मैं सवा सौ करोड़ देशवासियों का प्रधानमंत्री कह रहा हूं..पेट्रोल डीजल पर ज्यादा टैक्स लिया तो मुझसे बुरा कोई नहीं होगा..अब से तेल पर केवल केंद्र सरकार का ही टैक्स चलेगा..लेकिन नहीं..बात सस्ते की है ही नहीं बात सियासत की है