बजट में बीजेपी के वित्त मंत्री का ज्ञान बोलने से महंगाई बढ़ती है..

आज कुछ भी बताने से पहले..इनको पहचानिए..ये यूपी के वित्त मंत्री (Finance Minister’s Knowledge on budget) हैं…मतलब फाइनेंस मिनिस्टर है…फाइनेंस मिनिस्टर क्या करते हैं मालूम है..नहीं नहीं केवल कंपनियां नहीं बेचते हैं..इनका नाम सुरेश खन्ना है और सम्मानित मंत्री हैं..लेकिन महंगाई पर आप अगर इनका ज्ञान सुन लेंगे तो आपक चाहे जितना बीकॉम एमकॉम किए हों आपकी सारी फाइनेंसाहट धरी रह जाएगी.
सुरेश खन्ना (Finance Minister’s Knowledge on budget) अगर फाइनेंस का अपना ये ज्ञान चुनावी मंच से देते तो बतौर यूपी की पत्रकार मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता..लेकिन यूपी की भरी विधानसभा में..400 विधायकों के सामने..एक स्पीकर के सामने..लाइव टेलीवीजन पर..कानून बानाने वाले फ्लोर पर..ऑन रिकॉर्ड वित्त मंत्री ने महंगाई पर इतना सस्ता और इतना छिछला ज्ञान दिया कि मुझे ये बात आपके सामने उठानी पड़ गई..
दोस्तों हुआ ये कि विधानसभा में महंगाई का सवाल उठा..बात महंगी सब्जियों तक पहुंच गई..तो फाइनेंस मिनिस्टर (Finance Minister’s Knowledge on budget) कहते हैं…नहीं नहीं हमको महंगी सब्जियों पर बिल्कुल नहीं बोलना चाहिए..अगर हम बार बार सब्जियों को महंगी कहेंगे तो किसान सब्जी बोना कम कर देंगे..जिससे सब्जी और महंगी हो जाएगी..
हमको सोच समझ कर बोलना चाहिए ये प्रदेश के हित में नहीं है..क्यों फाइनेंस मिनिस्टर साहब महंगी सब्जियों का सवाल उठाना प्रदेश के हित में क्यों नहीं है..फाइनेंस की कौन सी किताब पढकर आप फाइनेंस मिनिस्टर (Finance Minister’s Knowledge on budget) बने हैं..अगर महंगाई है अगर सब्जियां महंगी हैं तो उस पर बोलना प्रदेश के हित में कैसे नहीं है..
उत्तर प्रदेश के फाइनेंस मिनिस्टर (Finance Minister’s Knowledge on budget) के हिसाब से अगर टमाटर महंगा है तो मुंह पर उंगली रखकर चुपचाप दुकान के सामने से निकल जाना चाहिए..अगर आपने कहा कि टमाटचर महंगा है तो टमाटर और महंगा हो जाएगा..मैंआपको ये सिर्फ इसलिए बता रही हूं क्योंकि ये चर्चा लखनऊ की किसी पान की दुकान पर नहीं हो रही है..ये बातचीत कोई ऑटो टैम्पो वाला नहीं कर रहा है..
ये बात कोई रिक्शेवाला कम पढ़ा लिखा भाई अपने अल्पज्ञान से नहीं कर रहा है..ये विधानसभा में खड़े उत्तर प्रदेश वित्त मंत्री (Finance Minister’s Knowledge on budget) सुरेश खन्ना का बौद्धिक परिचय है..आप चाहे इस खेमे के हों या उस खेमे के हों..आप अपने दिल पर हाथ रखकर बताईये कि क्या उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री सही कह रहे हैं..
हैरानगी की बात तो ये है कि क्या खन्ना साहब (Finance Minister’s Knowledge on budget) ही बजट बनाते हैं..अगर वही बनाते हैं तो सच में ये एक महानता का काम है..खन्ना जी 9 बार के विधायक हैं..अनुभवी हैं लेकिन महंगाई पर इनसे अच्छे तर्क विधानसभा के बाहर बर्फ बेचने वाला सजीवन दे देगा..दोस्तों मोदी जी ने तेल पर
एक्साइज ड्यूटी कम करके पेट्रोल पर साढ़े नौ रूपए घटाकर बहुत अच्छा काम किया है…इससे महंगाई कम होगी..थोड़ी राहत मिलेगी..महंगाई को बढ़ने से कोई रोक नहीं सकता..ये बात सच है..समय के साथ महंगाई बढ़ेगी ही लेकिन महंगाई के बारे में बोलना नहीं है क्योंकि बोलने से महंगाई और बढ़ जाएगी ये चमत्कारी ज्ञान यूपी के फाइनेंस मिनिस्टर (Finance Minister’s Knowledge on budget) ही दे सकते हैं..
सुरेश खन्ना जी किसानी के पेशे में जब कोई सब्जी जब कोई फसल महंगी हो जाती है तो किसान ज्यादा मुनाफा लेने के लिए उसी समय फसल लेकर मंडी पहुंच जाते हैं..किसान इंतजार करते हैं कब बाजार चढ़ेगी कब फसल बेचने का सही समय आएगा..महंगे में केवल बिटक्वाइन और शेयर ही नहीं बेचे जाते किसान भी महंगा बेचना चाहते हैं..जो सब्जियां ज्यादा महंगी होती हैं..किसान वही सब्जियां उगाना पसंद करते हैं..ना कि महंगी सब्जी उगाना बंद कर देते हैं..
आप तो वित्त मंत्री (Finance Minister’s Knowledge on budget) हैं..इतना तो समझते होंगे..लेकिन आप नहीं समझते हैं..महंगाई पर कुतर्क करने से अच्छा है..ऐसा सिस्टम बनाईए जिससे महंगाई कम की जा सकते..तो सब्जी महंगी होने पर चिल्लाईये चाहे घरों में दुबक जाईए..किसानों को कोई फर्फ नहीं पड़ता..फसलों का फाइनेंस किसानों को फाइनेंस मिनिस्टर से ज्यादा समझ में आता है..
Disclamer- उपर्योक्त लेख लखनऊ के वरिष्ठ पत्रकार द्वारा लिखा गया है. लेख में सुचनाओं के साथ उनके निजी विचारों का भी मिश्रण है. सूचना वरिष्ठ पत्रकार के द्वारा लिखी गई है. जिसको ज्यों का त्यों प्रस्तुत किया गया है. लेक में विचार और विचारधारा लेखक की अपनी है. लेख का मक्सद किसी व्यक्ति धर्म जाति संप्रदाय या दल को ठेस पहुंचाने का नहीं है. लेख में प्रस्तुत राय और नजरिया लेखक का अपना है.