10 बैंकों को मर्ज कर बनाए गए चार बड़े सरकारी बैंक, होंगे कई फायदे, आप पर पड़ेगा ऐसा असर
केंद्र सरकार ने मंदी से निपटने के लिए शुक्रवार शाम को एक बड़ा एलान करते हुए देश के 18 बैंकों में से छह सरकारी बैंकों का विलय कर दिया है. केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कई बड़े एलान किए हैं.

इन एलानों में सरकारी बैंकों के मुनाफे की स्थिति, लोन रिकवरी का स्तर और नीरव मोदी जैसे बड़े घोटाले रोकने पर किए जा रहे कार्यों के बारे में उल्लेख किया है. बतादें कि 18 सरकारी बैंकों में से 14 बैंक मुनाफे में है. इसलिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 10 बैंकों को मर्ज कर चार बड़े सरकारी बैंक बनाने का एलान किया है. इस विलय के बाद बैंको की संख्या घटकर सिर्फ 12 रह जाएगी.
इन बैंकों का हुआ विलय-
- पंजाब नेशनल बैंक में ओरिएंटल बैंक आफ कॉमर्स और यूनाइटेड बैंक का विलय हो गया है. जो देश का दूसरा सबसे बड़ा बैंक होगा.
- केनरा बैंक का विलय सिंडिकेट बैंक में हो गया है. अब ये देश का चौथा सबसे बड़ा बैंक होगा.
- इंडियन बैंक का विलय इलाहाबाद में बैंक में किया गया है. अब ये देश का सातवां सबसे बड़ा बैंक होगा.
- यूनियन बैंक, आंध्रा बैंक और कॉपोर्रेशन बैंक का विलय हो गया है, अब ये देश का पांचवां सबसे बड़ा सरकारी बैंक होगा.
इसका आप पर क्या पड़ेगा असर-
- इस विलय के बाद ग्राहकों को नई खाता संख्या और कस्टमर आईडी भी मिल सकता है.
- जिन ग्राहकों को नए अकाउंट नंबर या कऋरउ कोड जारी होंगे, उन्हें इनकी जानकारी आयकर विभाग, इंश्योरंस कंपनियों, म्यूचुअल फंड, नेशनल पेंशन स्कीम (एनपीएस) और दूसरी सरकारी योजनाओं में अपडेट करानी होंगी.
- जिन ग्राहकों की रकढ या लोन ईएमआई चल रही है, उन्हें नया इंस्ट्रक्शन फॉर्म भरना पड़ सकता है.
- नई चेकबुक, डेबिट कार्ड और क्रेडिट कार्ड भी जारी हो सकता है.
- फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) या रेकरिंग डिपॉजिट (आरडी) पर मिलने वाले ब्याज में कोई बदलाव नहीं होगा.
- जिन ब्याज दरों पर व्हीकल लोन, होम लोन, पर्सनल लोन आदि लिए गए हैं, वो स्थिर रहेगी और कोई बदलाव नहीं होगा.
- विलय के बाद कुछ शाखाएं बंद होंगी, जिसके लिए ग्राहकों को नई शाखाओं में जाना पड़ सकता है.
- तीन लाख फर्जी कंपनियां बंद कर दी गई हैं.
- बैंक अच्छे प्रबंधन के साथ काम करेंगे.
- 250 करोड़ से ज्यादा के कर्ज पर निगाह रखेंगे.
- बड़े कर्ज पर निगरानी के लिए एजेंसी बनेगी.
- भगोड़ों की संपत्ति पर कार्रवाई जारी रहेगी.
- अभी तक आठ सरकारी बैंकों ने रेपो रेट पर आधारित ब्याज दर की शुरूआत की है.
- बैंकों के एनपीए में कमी आई है, एनपीए घटकर 7.90 लाख करोड़ रुपये हुआ है.
- बैंकों में कर्मचारियों की छंटनी नहीं की जायेगी.
- सरकारी बैंकों की संख्या 18 से घटकर 12 हुई.
बतादें कि किसी भी अच्छी अर्थव्यवस्था वाले देशों में ज्यादा बैंक नहीं होते हैं. दरअसल कई देशों का मानना है कि अर्थव्यवस्था को सही तौर पर चलाने के लिए पांच से 10 बड़े बैंक भी पर्याप्त हैं. इसलिए सरकार ने पहले ही बजट में इसकी घोषणा कर दी थी कि वो पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने पर काम कर रही है. एक मजबूत अर्थव्यवस्था के लिए जितने कम बैंक होंगे, उतना ही देश को फायदा होगा.
पांच ट्रिलियन अर्थव्यवस्था को बनाने के लिए सरकार ने 2024 का लक्ष्य रखा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस साल 23 फरवरी को कहा था कि उनकी सरकार भारत को 10 खरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने पर काम कर रही है.