BJP के दो नेताओं से डरे मोदी (PM Modi) ले लिया तीन किसान कानून (Famer Bill) वापस..

पीएम मोदी (PM Modi) ने किसान कानून (Famer Bill) क्यों वापस ले लिए इसके दो बड़े कारण हम आपको बताने जा रहे है ..पीएम मोदी ने अपनी ही पार्टी के दो बड़े नेताओं के चलते तीन किसान कानून वापस ले लिया जी हा ये सच है 16 आने सच ..हम आपको आज बकायदा सबूतों घटनाओं के जरिए ये बात बताने जा रहे..इन्ही दो नेताओं के हमलों ने मोदी को इस बात के लिए मजबूर कर दिया की मोदी को पीछे हटना पड़ा..एक नेता है यूपी के पीलीभीत से बीजेपी सांसद वरुण गांधी और दूसरे नेता है मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ..जी हा इन्ही दोनों नेताओं के बयानों ट्विटस ने कानून वापसी की नींव तैयार की..
जब बीजेपी के बड़े बड़े धुरंधर नेता तीन कानूनों को सही बताने में तुले थे तो पार्टी के यही दो नेता थे जो खामी गिना रहे थे सबसे पहले बात वरुण गांधी की जो लखीमपुर कांड के बाद से ही अपनी सरकार को किसानों के मसले पर लगातार घेर रहे थे..सीएम योगी को खत लिखने से लेकर अब पीएम मोदी को खत लिख रहे ..वो पार्टी के पहले नेता थे जिसने पार्टी में रहते हुए खुले मंच से लखीमपुर कांड पर कार्रवाई की मांग की थी..और कहा था कि मंत्री को बर्खास्त किया जाए.. एक ट्वीट में उन्होने कहा था कि किसान नीति पर पुनर्विचार करने की जरूरत है और लिखा कि अगर ऐसी व्यवस्था है जिसमें किसान (Famer Bill) अपनी फसलों को आग लगाने के लिए मजबूर हैं तो फिर ऐसी नीति पर फिर से सोचने की जरूरत है.
कुछ दिनों पहले किए उनके ट्वीट को देखिए जिसमें न्यूनतम समर्थन मूल्य यानि एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी की मांग करते हुए वरुण ने कहा था जब तक यह नहीं किया जाता तब तक ‘मंडियों’ में किसानों का शोषण होता रहेगा.यानि वरुण किसानों के मसले पर ट्टविटर पर धमाके पर धमाके किए जा रहे थे जो पार्टी के लिए खतरे की घंटी से कम नहीं था सच तो ये है कि कानून (Famer Bill) वापसी के बाद भी ये सिलसिला रुका नहीं है फैसले के अगले दिन ही वरुण ने कलम उठाई और पीएम मोदी (PM Modi) को खत लिख दिया.. केवल खत नहीं लिखा है बल्कि किसानों के लिए पार्टी में रहते हुए पार्टी लाइन से बाहर जाते हुए बकायदा मांग की है कि किसानों की सारी मांग मानी जाए..
वरुण ने ट्विट करके अपना लेटर साझा किया है और लिखा है कि तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा का स्वागत करता हूँ.. निवेदन है कि एमएसपी पर कानून (Famer Bill) बनाने की मांग व अन्य मुद्दों पर भी अब तत्काल निर्णय होना चाहिए, जिससे किसान भाई आंदोलन समाप्त कर ससम्मान घर लौट जाएं वरुण ने ट्वीट में पीएम मोदी (PM Modi) को भेजे खत की फोटो भी शेयर की है ..वरुण के बाद बात सत्यमलिक के तो गर्वनर के पद पर होने के बाद भी वो मोदी सरकार को तीन कानून पर आइना दिखाते रहे ..कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के हक में बोलते रहे और अपनी सरकार के खिलाफ आंदोलनकारियों की आवाज बुलंद की..
हाल ही में सत्यपाल मलिक ने सरकार को चेतावनी दी थी कि अगर किसानों की मांग पूरी नहीं की गई तो आने वाले चुनावों में बीजेपी को भारी नुकसान झेलना पड़ सकता है..आज से करीब एक महीने पहले ही कह दिया था कि कृषि कानून पर केंद्र सरकार (PM Modi) को ही मानना पड़ेगा, किसान पीछे नहीं हटेंगे..’केंद्र सरकार को एमएसपी पर कानून बना देना चाहिए। उसमें सरकार का कोई नुकसान भी नहीं है।’ इससे पहले उन्होंने इसी साल मार्च के महीने में किसानों (Famer Bill) के लिए एमएसपी कानून की बात की थी।उन्होंने कहा था, दिल्ली के नेता कुत्ते की मौत पर भी शोक जताते हैं लेकिन उनमें से किसी ने आंदोलन कर रहे 600 किसानों की मौत पर दुख नहीं जताया। किसानों के समर्थन में लगातार केंद्र सरकार और बीजेपी को घेरने पर सत्यपाल मलिक को सोशल मीडिया पर इस्तीफा देने की सलाह मिलने लगी। इस पर उन्होंने मुहतोड़ जवाब देते हुए कहा था,
‘कुछ लोग लिख देते हैं कि राज्यपाल साहब अगर इतना महसूस कर रहे हो तो इस्तीफा क्यों नहीं दे देते? मैं उनसे कहना चाहता हूं कि मुझे आपके पिताजी ने राज्यपाल नहीं बनाया था और न मैं वोट से बना था.. तो ये दोनो नेताओं ने पार्टी में रहते हुए पार्टी लाइन से बाहर किसान कानून (Famer Bill) के विरोध की आवाज बुलंद रखी चुनाव करीब थे ये बगावत भारी ना पड़े इसलिए भारी मन से कानून को वापस ले लिया गया..