पिस्टल लगाए फर्जी पत्रकार ने ‘टीवी जर्नलिस्ट’ पर किया जानलेवा हमला, पुलिस भी देती है इस गुंडे का साथ, FIR दर्ज

उत्तर प्रदेश पुलिस जितनी ही हाईटेक हो जाये और चाहे जितने भी दावे करे मगर सच्चाई ये है की अपराध कम होने का नाम भी नहीं ले रहा है. अपराधियों के हौंसले इतने बुलंद हैं की उनके अंदर पुलिस का ज़रा भी खौफ नहीं है.

fake journalist ranjit rathore fatal attack on tv journalist in lucknow
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मामला है राजधानी लखनऊ के अलीगंज थाने के पास का जहाँ एक न्यूज चैनल के पत्रकार पर उस इलाके में खुद को पत्रकार बता कर वसूली करने वाले रंजीत राठौर ने जानलेवा हमला बोल दिया जिसमें पत्रकार प्रशांत शुक्ला गंभीर घायल हो गए है. दरअसल, त्रिवेणी नगर में रहने वाले पत्रकार प्रशांत शुक्ला बीते मंगलवार को किसी काम से जा रहे थे. तभी उनको रास्ते में आरोपी रंजीत राठौर एक लड़के की बाइक चेकिंग के दौरान पिटाई कर रहा था.

प्रशांत ने आरोपी का गलत बर्ताव देखा तो रंजीत राठौर से पिट रहे लड़के को बचाने लगे और आरोपी रंजीत को लड़के को पीटने से मना करने लगे तो रंजीत उनसे ही भिड़ गया और फिर मारपीट शुरू कर दी. जिसमें प्रशांत शुक्ला घायल हो गए. इसके बाद पत्रकार प्रशांत शुक्ला ने अलीगंज थाने पहुंचकर आरोपी के खिलाफ कई धाराओं में एफआईआर दर्ज कराई.

पीड़ित पत्रकार प्रशांत शुक्ला ने आरोप लगाया कि, रंजीत राठौर खुद को पत्रकार और पुलिस वाला बताकर सब्जी का ठेला लगाने वाले, पान की दुकान, चाय की दुकानों से वसूली करता है. आरोपी रंजीत कमर में पिस्टल लगाकर बुलेट गाड़ी से चलता है और बाइक पर पुलिस का लोगो और पुलिस का हूटर लगा रखा है. जबकि दूर-दूर तक पुलिस विभाग से इसका कोई लेनादेना नहीं है. कुछ दिन पहले इसकी बुलेट गाड़ी पर नंबर था लेकिन बाद में नंबर गायब हो गया. इतना ही नहीं पीड़ित पत्रकार ने ये भी खुलासा किया है कि जो नंबर बुलेट की नंबर प्लेट पर था वो किसी चार पहिया वाहन का नंबर था.

पत्रकार प्रशांत शुक्ला ने आरोप लगाया कि, आरोपी रंजीत राठौर कुछ साल पहले खुद सब्जी का ठेला लगाता था और बाद में कुछ पुलिस वालों से जान पहचान के बाद लोगों पर अपनी हनक दिखाकर वसूली करने लगा. रंजीत राठौर को स्थानीय पुलिस का संरक्षण मिला हुआ है. जो सिपाहियों के साथ मिलकर गाड़ियों की चेकिंग करता है.

इतना ही नहीं पुलिस ने इस गुंडे को खुद ही पाल रखा है. और लखनऊ के एसएसपी कलानिधि नैथानी इसे सम्मानित भी कर चुके हैं. जिसके बाद इसके हौंसले और बुलंद हो गए हैं.

अब सवाल ये उठता है कि, जब दुनिया को सच दिखाने वाले पत्रकार ही सुरक्षित नहीं हैं तो फिर पुलिस जनता की क्या रक्षा करेगी. क्या खुले आम ऐसे कमर पर रिवॉल्वर लगा कर कोई भी घूम सकता है. ऐसा भी नहीं है की पुलिस को उनके इलाके की ख़बर नहीं रहती. फिर ऐसे फर्जी पत्रकारों पर पुलिस कार्रवाई क्यों नहीं करती है जो पत्रकार बता कर गरीबों से पैसे वसूलता है और हनक दिखाकर मारपीट करता रहता है.

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Posted by Bharat Samachar TV on Friday, 13 September 2019

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