“नोटबंदी से काले धन को मिला सफेद रास्ता” सुप्रीम कोर्ट की जज ने उठाया बड़ा सवाल

By UltaChashmaUC | April 1, 2024

जब देश में नोटबंदी हुई थी तो मोदी सरकार ने ये कहा था कि देश के सभी काले धन वापस आ जाएंगे। पर हकीकत में ऐसा कुछ भी नहीं हुआ। वो केवल एक जुमला मात्र था। जिसे लेकर अब सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस बीवी नागरत्ना कह रही हैं कि अगर नोटबंदी के बाद 98% पैसा वापस आया तो फिर काला धन कहां गया? ये नोटबंदी केवल काला धन को सफेद करने के लिए था। इससे केवल और केवल आम आदमी को परेशानी हुई है।


"98 प्रतिशत हिस्सा वापस आ गया, तो काला धन खत्म कहां हुआ?"
इतना ही नहीं जस्टिस बीवी नागरत्ना ने नोटबंदी पर ये भी कहा कि नोटबंदी के बाद 500 और 1000 के नोटों का लगभग 98 प्रतिशत हिस्सा वापस रिजर्व बैंक के पास आ गया। तो काला धन यानी ब्लैक मनी खत्म कहां हुआ। इस काल सच को देश और आम इंसान से छुपाया गया है। हालांकि जस्टिस नागरत्ना ने ये बातें शनिवार, 30 मार्च को हैदराबाद में NALSR लॉ यूनिवर्सिटी में आयोजित अदालतों और संविधान के पांचवें वार्षिक सम्मेलन में कहा। अब आपको देश के सबसे बड़े स्कैम यानी की नोटबंदी की पूरी कहानी, आपको खुद जस्टिस मैडम से सुननी चाहिए। उन्होंने कहा कि

"हम सब जानते हैं कि 8 नवंबर 2016 को क्या हुआ था। उस दिन 500 और 1000 रुपये के नोट बंद कर दिए गए थे। दिलचस्प पहलू ये है कि उस समय भारतीय इकॉनमी की 86 प्रतिशत मुद्रा 500 और 1000 रुपये के नोटों के रूप में थी। जिसे केंद्र सरकार ने नोटबंदी के समय अनदेखा कर दिया। पर आप उस मजदूर के बारे में सोचिए, जो रोज अपनी दिनभर की मजदूरी के बाद 500 या 1000 रुपये का नोट पाता था और फिर शाम को उसे बदलता था। जिससे वो दैनिक ज़रूरतों के सामान खरीद सके...

इनकम टैक्स ने नोटबंदी के बाद कोई कार्रवाई नहीं की
जस्टिस नागरत्ना ने ये भी कहा कि इनकम टैक्स विभाग ने नोटबंदी के बाद क्या कार्रवाई की, इस बारे में भी हमें कोई जानकारी नहीं है। हमने सिर्फ लोगों को लाइनों में लगकर परेशान होते देखा है। इस बात ने हमें झकझोर दिया और इसका विरोध करने पर मजबूर किया। आपको ये भी बता दें कि जस्टिस नागरत्ना नोटबंदी के समय सरकार के फैसले को सही करार देने वाली बेंच में एकमात्र जज थीं, जो इससे असहमत थीं और उस वक्त भी इन्होंने इसका विरोध किया था। जिसे उन्होंने एक बार फिर दोहराया कि हमें नोटबंदी से असहमत होना पड़ा, क्योंकि आम आदमी की परेशानी ने उन्हें ऐसा करने के लिए मजबूर कर दिया था।

नेपाली सप्रीम कोर्ट जज, पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट भी रहे मौजूद
हैदराबाद की NALSR लॉ यूनिवर्सिटी के जिस कार्यक्रम में जस्टिस नागरत्ना ये सब बोल रही थीं, उसमें नेपाली सुप्रीम कोर्ट से जस्टिस सपना प्रधान मल्ला, पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट से जस्टिस सैयद मंसूर अली शाह और तेलंगाना हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस आलोक अराधे भी शामिल थे। और वहां मौजूद सभी लोगों ने जस्टिस नागरत्ना की बातों पर सहमति दिखाई, पर वैसे आप इनकी बातों से कितने सहमत हैं हमें कमेंट करके जरूर बताइएगा।

PUBLISHED BY- ARUN CHAURASIYA

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