बैन होने के बावज़ूद कीर्तन करने मंदिर पहुंची साध्वी प्रज्ञा, अब क्या करेगा चुनाव आयोग ?

नेता अपनी मनमानी न करे तो वो नेता कैसा, उसकी शान नहीं घट जाएगी. ऐसा ही कुछ हम आपको बताने जा रहे हैं. आपको याद होगा की कल बुधवार को ही भोपाल से बीजेपी उम्मीदवार साध्वी प्रज्ञा पर चुनाव आयोग ने 72 घंटे का बैन लगाया था.

election commission ban sadhvi pragya seen in temple bhopal
election commission ban sadhvi pragya seen in temple bhopal

मगर वो हैं की अपनी मनमानी से बाज नहीं आ रहीं हैं. आज गुरुवार की सुबह वो भोपाल के कर्फ्यू वाली माता के मंदिर पहुंच गईं. उन्होंने मंदिर में पूजा की और वहां हो रहे कीर्तन में भी भाग लिया. आपको बतादें बैन के दौरान साध्वी कोई जनसभा या रैली नहीं कर सकती हैं. इसके अलावा कोई इंटरव्यू और चुनावी बयानबाजी भी नहीं कर सकती हैं. चुनाव के दौरान धार्मिक और जातिगत आधार पर वोट भी नहीं मांग सकती हैं.

मगर साध्वी बिना किसी बात की परवाह के वो हर जगह घूम रही हैं. कुछ लोग इसे साध्वी प्रज्ञा का ‘योगी स्टाइल’ भी कह रहे हैं. क्युकी जब सीएम योगी पर 48 घंटे का बैन लगा था तो वो भी अगले दिन गाय को घास खिलाने पहुँच गए थे. और मंदिर में पूजा-अर्चना भी की थी. वही अब साध्वी भी कर रही हैं. वो भी अपने को किसी से कम नहीं मानती हैं.

चुनाव आयोग ने साध्वी के उस बयान पर कार्यवाही करते हुए बैन लगाया है जिसमें उन्होंने बाबरी विध्वंस पर खुशी जताई थी और कहा था कि उन्हें इस पर गर्व है. मैं खुद विवादित ढांचा गिराने गई थी. मुझे ईश्वर ने शक्ति दी थी, हमने देश का कलंक मिटाया है. हालाँकि जब आयोग ने इस पर साध्वी प्रज्ञा से जवाब मांगा तो उन्होंने कहा था कि चैनल को उन्होंने तब ये बयान दिया था, जब वे भाजपा प्रत्याशी नहीं थीं.

साध्वी प्रज्ञा ने पिछले महीने 5 दिन लगातार विवादित बयान दिए थे. जिस पर जमकर बवाल हुआ था और बीजेपी को भी इसका जवाब देने में मुश्किल हो गई थी. देखिये क्या बोला था साध्वी ने-

17 अप्रैल को साध्वी ने कहा कि दिग्विजय मेरे लिए चुनौती नहीं हैं. ये धर्मयुद्ध है और हम इसे जीतेंगे.

18 अप्रैल को साध्वी ने कहा कि जो गलती मैंने नहीं की उसे मैं स्वीकार भी नहीं करूंगी. मुझसे पूछा जाता था कि मैं किससे साथ बैठक करती हूं, क्या प्रशिक्षण देती हूं. मुझे लेकर गए और गैरकानूनी तरीके से 13 दिनों तक रखा. पहले ही दिन बिना कुछ पूछे पीटना शुरू कर दिया. चौड़े बेल्ट से मारा जाता था. बेल्ट इतना सख्त होता था कि एक बार में ही शरीर सूज जाता है और दूसरे बेल्ट में छिल जाता था. बेल्ट की मार से पूरा नर्वस सिस्टम सुन्न पड़ जाता था. वे दिन-रात पीटते थे.

19 अप्रैल को साध्वी ने कहा कि हेमंत करकरे ने मुझे मालेगांव ब्लास्ट मामले में झूठे आरोप में फंसाया और मेरे साथ बहुत बुरा बर्ताव किया. मैंने उससे कहा था कि तेरा सर्वनाश होगा. ठीक सवा महीने तक सूतक लगा है. जिस दिन मैं गई थी उस दिन इसके सूतक लग गया था. ठीक सवा महीने में आतंकवादियों ने इसको मारा, उस दिन उसका अंत हुआ.

20 अप्रैल को साध्वी ने कहा कि राम मंदिर जरूर बनेगा. एक भव्य मंदिर बनेगा. हम मंदिर वहीं बनाएंगे. आखिरकार, हम ढांचे को ध्वस्त करने के लिए गए थे. मैंने ढांचे पर चढ़कर उसे तोड़ दिया. मुझे गर्व है कि भगवान ने मुझे यह मौका और ऐसा करने के लिए शक्ति दी, और मैंने उसे कर दिया. अब हम वहीं राम मंदिर बनाएंगे.

21 अप्रैल को साध्वी ने कहा कि हां, मैं अयोध्या गई थी. मैंने कल भी ये कहा था. मैं मना नहीं कर रही. मैंने ढांचे को तोड़ा था. मैं वहां जाकर राम मंदिर निर्माण में भी मदद करूंगी. कोई हमें ऐसा करने से नहीं रोक सकता. राम राष्ट्र हैं, राष्ट्र राम हैं.

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