मायावती का स्मारक घोटाला, लखनऊ में 7 जगहों पर ईडी की छापेमारी, जानें पूरा मामला
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अब मायावती के ड्रीम प्रोजेक्ट पर शिकंजा कसा है. ईडी ने बीएसपी प्रमुख से जुड़े स्मारक घोटाले में राजधानी के सात ठेकेदारों व अधिकारियों के ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की और कई दस्तावेज जब्त किए हैं. बता दें कि अभी हालही में अखिलेश के ड्रीम प्रोजेक्ट रिवर फ्रंट घोटाले से जुड़े लोगों के ठिकानों पर छापेमारी की गई थी.

मायावती के इस घोटाले में 111 करोड़ रुपये की अनियमितता का आरोप है.वर्ष 2007 से लेकर 2012 के बीच लखनऊ और नोएडा में पार्क और स्मारक बनवाए गए थे. इनमें अम्बेडकर स्मारक परिवर्तन स्थल, मान्यवर कांशीराम स्मारक स्थल, गौतमबुद्ध उपवन समेत अन्य पार्क हैं. इनका निर्माण लोक निर्माण विभाग, नोएडा प्राधिकरण और पीडब्ल्यूडी ने करवाया था. वर्ष 2012 में अखिलेश यादव की सरकार बनने के बाद इस घोटाले की जांच में तेजी आई थी. और उस समय हुई लोकायुक्त जांच में करीब 1400 करोड़ रुपए के स्मारक घोटाले की बात सामने आई थी. लेकिन बाद में मामला ठंडे बस्ते में चला गया था.
इस मामले में विजिलेंस ने जनवरी 2014 को गोमती नगर थाने में आईपीसी की धारा 120बी और 409 के तहत एफआईआर दर्ज करवाई थी। इसमें मायवती सरकार में मंत्री रहे नसीमुद्दीन सिद्दीकी और बाबू सिंह कुशवाहा समेत 19 के नाम थे. इसी आधार पर ईडी ने भी अपने यहां मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत केस दर्ज किया था. तकरीबन पौने पांच साल का वक्त बीतने के बाद भी अभी तक इस मामले में चार्जशीट दाखिल नहीं हुई है. सूत्रों के मुताबिक, आज ईडी ने इन स्मारकों का निर्माण करने वाली फर्मों और निगम इंजीनियरों के ठिकानों पर छापे मारे हैं.
मालूम हो कि विजिलेंस ने लोकायुक्त की रिपोर्ट के आधार पर पत्थर की आपूर्ति करने वाले ठेकेदारों, खनन विभाग और एलडीए के अधिकारियों व अन्य निजी लोगों को भी जांच के दायरे में रखा था. क्युकी मायवती के शासनकाल में स्मारकों के निर्माण पर करीब 41 अरब रुपए खर्च किए गए थे. और उस समय जाँच कर रहे लोकायुक्त एनके मेहरोत्रा ने अपनी रिपोर्ट में बताया की सबसे अधिक घोटाला पत्थर ढोने और उन्हें तराशने के काम में हुआ. जांच में कई ट्रकों के नंबर दो पहिया वाहनों के निकले थे.
मतलब काम कुछ नहीं हुआ और कागज़ी दस्तावेजों में दिखा दिया गया की ट्रकों से पत्थर ढोने का काम हुआ है. नंबर नहीं मिला तो मोटरसाइकल का नंबर ही डाल दिया और करोड़ो रुपये हज़म कर लिए गए.