चुनाव आयोग का ‘ऐतिहासिक’ फैसला, CM योगी 72 और मायावती 48 घंटे के लिए ‘बैन’

लोकसभा चुनाव को देखते हुए केंद्रीय चुनाव आयोग ने सोमवार को एक बड़ा और ऐतिहासिक फैसला ले लिया है. आयोग ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व बसपा सुप्रीमो मायावती के चुनाव प्रचार करने पर रोक लगा दी है.

ec bans azam khan maneka gandhi cm yogi and mayawati from campaigning
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चुनाव आयोग की ओर से लगाई गई ये रोक 16 अप्रैल सुबह 6 बजे से शुरू होगी, जो कि योगी आदित्यनाथ के लिए 72 घंटे और मायावती के लिए 48 घंटे तक लागू रहेगी. नियम के अनुसार इस दौरान योगी आदित्यनाथ और मायावती ना ही कोई रैली को संबोधित कर पाएंगे, ना ही सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर पाएंगे और ना ही किसी को इंटरव्यू दे पाएंगे.

चुनावी इतिहास में यह पहली बार है जब किसी प्रदेश के सीएम पर इतनी बड़ी कार्रवाई की गई है. दरअसल चुनावी माहौल में आये दिन रोज कोई न कोई नेता विवादित बयान दे रहा है. और लोग इस पर कार्यवाही की मांग भी कर रहे थे. मगर चुनाव आयोग उसको अनदेखा कर रहा था. फिर ये मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा. अब सुप्रीम कोर्ट कहां चुप बैठने वाला था. तुरंत उसने चुनाव आयोग को तलब कर लिया. कोर्ट ने सख्त लहजे में पूछा की बताईये विवादित बयानों पर कोई कार्यवाही क्यों नहीं हो रही है? इसपर चुनाव आयोग की बोलती बंद हो गई.

फिर क्या था चुनाव आयोग भी गर्मा गया और उसने सीधा सीएम की ही गर्दन पकड़ ली. और साथ में बसपा सुप्रिमों मायावती को भी लपेट लिया. और दोनों के विवादित बयानों को देखते हुए उन पर पाबंदी लगा दी. हलांकि आयोग ने इससे पहले दोनों को विवादित बयान पर नोटिस भी भेजा था. मगर उससे कोई फायदा नहीं मिला. वैसे एक बात तो है आयोग की इस बड़ी कार्रवाई के बाद राजनीतिक दलों को कड़ा संदेश मिला है. अब जानिए की योगी और माया ने कौन सा विवादित बयान दिया था.

बसपा सुप्रीमो मायावती ने अभी हालही में सहारनपुर के देवबंद रैली में रैली की थी. जिसमें उन्होंने मुस्लिमों से सपा-बसपा गठबंधन को वोट देने की अपील की थी. साथ ही ये भी कहा था कि दलित वोटर्स भी बसपा को ही वोट करेंगे. दोनों समुदाय के लोग सपा-बसपा गठबंधन का साथ दें. और केन्द्र में मोदी को रोक दें. उसके बाद राज्य में योगी को रोकेंगे. माया ने ये भी कहा था कि बीजेपी को तो सिर्फ बजरंग बली चाहिए मगर मुझे बजरंग बली और अली दोनों ही चाहिए. दोनों के सहयोग से गठबंधन की सरकार बनेगी.

वहीं इसके बाद योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि अगर कांग्रेस, सपा और बसपा को अली पर विश्वास है तो हमें भी बजरंग बली पर विश्वास है. इससे पहले भी योगी कई बार बजरंग बली और अली को लेकर कई विवादित टिप्पणी कर चुके हैं.

चुनाव आयोग यहाँ नहीं रुका उसकी सख्ती का सिलसिला जारी है. आयोग ने केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता मेनका गांधी और सपा नेता आजम खान के चुनाव प्रचार करने पर भी रोक लगा दी है. आजम खान के चुनाव प्रचार करने पर 72 घंटे और मेनका के चुनाव प्रचार करने पर 48 घंटे की रोक लगाई है. इन दोनों का प्रतिबंध मंगलवार सुबह 10 बजे से लागू होगा.

मेनका गाँधी ने सुलतानपुर में मुस्लिम मतदाताओं को चेतावनी दी थी. उन्होंने कहा था कि मैं मुस्लिमों के समर्थन से जीतना चाहती हूं. अगर वो मुझे वोट नहीं करेंगे तो मैं उनकी सहायता नहीं करूंगी. मैं चुनाव पहले ही जीत चुकी हूं. मैं यहां खुले दिल से और खुले मन से आई हूं. आपको कल मेरी जरूरत पड़ेगी. ये चुनाव है, मैं पार कर चुकी हूं.

इसी तरह आजम खान ने रामपुर से भाजपा उम्मीदवार जया प्रदा के खिलाफ बेहद अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया था.

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