बसपा के उमीदवारों का चयन BJP करती है ? : Akhilesh Yadav

क्या आपको बीजेपी की B टीम के बारे में पता है ? अगर नहीं पता है तो हम आपको बता दें बीजेपी की B टीम बहन जी की पार्टी बसपा है …! ऐसा हम नहीं कह रहे, ये कहना है सपा प्रमुख अखिलेश यादव ( Akhilesh yadav ) का …अखिलेश ने आरोप लगया है की बसपा के प्रत्याशी भाजपा के दफ्तर से तय होते हैं और ये इसलिए तय होते हैं ताकि सपा को हरा सके !

दरअसल अखिलेश ( Akhilesh yadav ) सीतापुर के कार्यक्रम में पहुचे थे जहाँ उन्होंने बसपा पर निशाना साधते हुए कहा कि बहुजन समाज पार्टी बाबा साहब और कांशीराम के रास्ते से भटक गई है… विधानसभा के चुनाव में बसपा के प्रत्याशी भाजपा कार्यालय में तय होते रहे हैं…..बसपा के प्रत्याशी जीतने के लिए नहीं बल्कि समाजवादी पार्टी आगे न बढ़ जाये इसके लिए उतारे जाते थे। इतना ही नहीं अखिलेश ( Akhilesh yadav ) बोले “हम लोग सरकार बनाते बनाते रह गए…. 2022 में भी भाजपा ने रणनीति बनाकर हराया। हम तो महमूदाबाद, सीतापुर, महोली में कम वोटों से हारे और बाराबंकी के कुर्सी में जीतते-जीतते हारे। हिसाब लगाओ अगर साढ़े तीन लाख वोट और मिल गए होते सपा की सरकार होती।.”

इसपर मायावती के भतीजे आकाश ने कहा कि ” अखिलेश जी आपका ये बयान आपकी मानसिक कुंठा को दर्शाता है। राजनैतिक गलियारों के साथ-साथ आपके कार्यकर्ता भी ये जानते हैं कि आप चुनाव इसलिए हारे क्योंकि आपके चाचा आपके तानाशाही अंदाज के खिलाफ चुनाव लड़े थे।”

हालाँकि दोस्तों बहुजन समाज पार्टी se भाजपा के रिश्तों की खबर नई नहीं है , दिलचस्प बात यह है कि इससे पहले भी उनकी पार्टी का बीजेपी से जुड़ाव सपा से रिश्ते टूटने पर ही हुआ था !
बीएसपी और उसकी नेता मायावती पर काफी समय से ये आरोप लगते रहे हैं कि यूपी में बीजेपी के साथ उनका ‘छिपा हुआ गठबंधन’ है …. इसपर उन्होंने एक बार चुनाव के दौरन खुले तौर पर कहा भी था कि राज्य में समाजवादी पार्टी को हराने के लिए वो बीजेपी का भी सपोर्ट कर सकती हैं…हालांकि इस रिश्ते की सच्चाई तब ही सामने आ गई थी जब महज़ 15 विधायकों के बल पर उन्होंने रामजी गौतम को राज्यसभा चुनाव में बीएसपी उम्मीदवार बनाकर खड़ा कर दिया था और बीजेपी ने पर्याप्त संख्या बल होने के बावजूद राज्यसभा चुनाव के लिए अपने सिर्फ़ आठ उम्मीदवार उतारे…
फिर 2022 के विधानसभा चुनाव के दौरान भी बसपा ने सिर्फ एक सीट जीती जिसके बाद उसे सबसे बड़ी लूज़र पार्टी कहा गया ,,, लेकिन फिर सवाल उठा कि क्या बसपा के वोट भाजपा को शिफ्ट हुए हैं ? क्यों की उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के बीच जो अंतर रहा, उसकी एक वजह ‘बीएसपी से शिफ़्ट हुआ वोट’ माना गया ….ये वोटर बीएसपी का साथ छोड़कर बीजेपी के साथ चले गए. … बीजेपी जीतने के लिए लड़ती थी …वहीँ सपा का भी 8-10 % वोट बढ़ा था लेकिन बसपा को जो वोट घटा वो बीजेपी में चला गया …शिफ़्ट होने का एक कारण बीएसपी समर्थकों और वोटरों के बीच गठबंधन वाला भ्रम भी हो सकता है !
आपको याद होगा .., चुनाव प्रचार के दौरान ही भाजपा के पूर्व अध्यक्ष और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बसपा पर एक बयान दिया था जिससे कन्फ़िउज़न और बढ़ गया गया था .. उन्होंने कहा था “बीएसपी ने अपनी रेलिवेंसी बनाई हुई है. मैं मानता हूँ कि उनको वोट आएंगे. सीट में कितना कन्वर्ट होगा, वो मालूम नहीं, लेकिन वोट आएंगे. मुसलमान भी काफ़ी बड़ी मात्रा में जुड़ेंगे. काफ़ी सीटों पर जुड़ेंगे.”


अमित शाह के इस बयान के बाद कई विश्लेषकों और राजनीतिक विरोधियों ने ‘बीएसपी को बीजेपी की बी टीम’ बताना शुरू कर दिया था ….2022 में हरने वाली सपा अब 2024 की तयारी में जुटी है अब देखना ये होगा कि इस बार टिकट बाटने को लेकर बसपा का क्या रुख होने वाला ….इस बार बसपा के रवैये से साबित हो जाएगा कि इन दावों में कितनी सच्चाई है