Dm Mala Srivastva की ‘दौड़’ में छिपी है सरकार की ‘चाल’
Ulta chasma Uc | अधिकारियों में अनुशासन क्या होता है. उनमें प्रशासक का खौफ कैसा होना चाहिए. यूपी के सीएम की धमक अधिकारियों में कैसी होनी चाहिए. और उनके भीतर प्रोटोकॉल का डर कैसा होना चाहिए इसका उदाहरण शायद ही बहराइच से पहले कभी आया हो. आप कहेंगे अधिकारियों के ऐसे तमाम किस्से हैं लेकिन इससे पहले वाले किस्सों में जहां तक हमें याद पड़ता है वो सब चाटुकारिता से लैस थे.
Dm Mala Srivastva (डीएम माला श्रीवास्तव) की दौड़ और ‘सरकार का चाल’

चाहे मायावती (mayawati) से सैंडल से अधिकारी का गोबर साफ करना हो. या फिर और भी ऐस कई उदाहरण लेकिन काम के लिए किसी महिला अधिकारी का इतना सचेत होना और मन में ये डर भी होना की अगर मुख्यमंत्री को जाते समय उनको विदा करते समय हेलीपैड पर नहीं रह पाईं तो अनुशासन हीनता की कार्रवाई हो सकती है. ये दिखाता है कि यूपी की योगी सरकार अधिकारियों पर कितना होल्ड रखते हैं.

अब तक की सरकरों में मुख्यमंत्री रहते हुए कई बार अखिलेश भी ये कह चुके हैं कि अधिकारी कहना नहीं मानते कई बार मुलायम सिंह यादव ये रोना रो चुके हैं कि अधिकारी बेलगाम हैं काम नहीं करते. यहां तक की दबंग शिवपाल यादव भी अधिकारियों से आजिज आ चुके थे लेकिन बहराइच की डीएम का बदहवास होकर सीएम के प्रोटोकॉल के लिए दौड़ना सरकारी अनुशासन की सस्दीक करता है.

जिनको नहीं मालूम उनको बता दें कि बहराइच में योगी आदित्यनाथ अपने हेलीकॉप्टर से जैसा की वो हमेशा जाते हैं. विकास कामों का जायजा लेने गए थे. विकास कामों का जायजा लिया माला श्रीवास्तव योगी के साथ रहीं सब कुछ बताती और दिखाती हुई चल रही थीं. लेकिन जब योगी आदित्यनाथ की विदाई का समय आया क्योंकि योगी को बहराइच से श्रावस्ती निकलना था. जब वो अपने हेलीपैड की तरफ रवाना हुए तो सीएम के सुरक्षा फ्लीट की वजह से डीएम माला श्रीवास्तव पीछे छूट गईं.

डीएम माला श्रीवास्तव को जब पता चला कि योगी आदित्यनाथ का काफिला हेलीपैड की तरफ निकल चुका है. तो माला श्रीवास्तव ने दौड़ लगाई गाड़ी में बैठीं और सीधे हेलीपैड पर पहुंची. ये तस्वीरें सबने अपने अपने मोबाइल में कैद कर लीं. माला श्रीवास्तव जी के भागने का वीडियो इतने एंगल से वायरल हो रहा है जिसने एंगल से फिल्म की शूटिंग भी नहीं होती.
माला श्रीवास्तव के भागने में कोई दिक्कत नहीं है. जब जल्दी होती है तो हर कोई भागता ही है लेकिन ये दौड़ अनुशासन के लिए थी. ये दौड़ दिखा रही थी कि अधिकारियों की लगाम 5 कालिदाम मार्ग के हाथों में मजबूती से है. जो डीएम माला श्रीवास्तव की चाल में दिखा.

कौन हैं माला श्रीवास्तव
who is mala srivastva
2009 बैच की माला श्रीवास्तव बहराइच की डीएम बनने से पहले CDO कौशांबी, SDM कानपुर और DM औरैया रह चुकी हैं. माला श्रीवास्तव हैदराबाद की रहने वाली हैं. माला श्रीवास्तव जी के पिता जी कमिश्नर हैं. इसीलिए नौकरशाही को बचपन से घर में ही देखती आ रही हैं. बैडमिंटन की शौकीन हैं. भारत के हर कॉमन मैन की तरह डीएम माला भी टेबल के उस पार जाकर लोगों के लिए कुछ करना चाहती थीं. कर रही हैं. मीठी बोली बोलती हैं. बात करने से पता ही नहीं चलता कि वो डीएम हैं.