मौलाना साद को गिरफ्तार करने की तैयारी, जुटाए गए सबूत, पुलिस की टीम में डॉक्टर भी शामिल

देश में कोरोना वायरस का आंकड़ा बढ़ाने वाले तब्लीगी जमात के प्रमुख मौलाना साद पर दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. अभी तक मौलाना कहाँ है इसका कोई सुराग नही मिल सका है.

delhi police preparing to arrest maulana saad investigation team
delhi police preparing to arrest maulana saad investigation team

मौलाना साद को गिरफ्तार करने के लिए दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की टीम ने पूरी तैयारी कर ली है. सूत्रों के मुताबिक, पुलिस ने साद और एफआईआर में नामजद सभी लोगों के खिलाफ सबूत भी जुटा लिए हैं, अब सिर्फ साद का लोकेशन मिलने की देरी है कि आखिर वो छिपा कहाँ है. क्राइम बांच ने अपनी टीम में डॉक्टरों को भी शामिल किया है जिससे मौलाना मेडिकल जांच की वजहों से कोई बहानेबाजी न कर सके.

गिरफ्तारी के बाद पहले सभी आरोपियों से अलग-अलग पूछताछ की जाएगी. इसके बाद उन्हें आमने-सामने बैठाकर भी सवाल किए जाएंगे. साद की गिरफ्तारी न होने से अब सवाल भी उठने लगे हैं कि पब्लिक सेफ्टी और हेल्थ को जोखिम में डालने वाले गैरजिम्मेदार मौलाना को अब तक गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया है. 31 मार्च को मुकदमा दर्ज होने के बाद भी अबतक दिल्ली पुलिस उसे क्यों नहीं पकड़ पा रही है ?

बतादें कि पुलिस ने साद को पकड़ने के लिए उत्तर प्रदेश के शामली स्थित उनके पैतृक निवास कांघला से लेकर सहारनपुर स्थित उनके ससुराल तक दबिश दी थी और दिल्ली में निजामुद्दीन और जाकिर नगर के घर पर भी उसे तलाशा गया था. लेकिन कहीं भी वो जांच एजेंसी के हाथ नहीं लगा. वहीं इस मामले में आरोपी बनाए गए उनके छह साथियों के बारे में भी पुलिस को कुछ पता नहीं लग सका है.

मौलाना साद पर इस आयोजन में शामिल लोगों को कोरोना पर गुमराह करने और लोगों की जान खतरे में डालने का आरोप है. मौलाना साद ने एक ऑडियो जारी किया था जिसमें वे मुश्लिम समुदाय को भड़का रहे थे और कह रहे थे कि ये मुश्लिमों को मुश्लिमों से अलग करने की एक चाल है. पांचों टाइम की नमाज़ पढ़ने वालों को कोई कोरोना नहीं होगा. अखबारों, टीवी और सोशल मीडिया पर ख़बरें दिखा कर लोगों को डराया जा रहा है. मस्जिद में रहने से कोई नहीं मरता और अगर मरता भी है तो मरने के लिए मस्जिद से अच्छी जगह और क्या हो सकती है. साद के इस बयान पर काफी बवाल हुआ.

क्राइम बांच अब तक दो बार उसे नोटिस जारी कर चुकी है. 13 मार्च को ही मौलाना साद ने मरकज में जोड़ का एक कार्यक्रम रखा था. जिसके लिए भारत ही नहीं विदेश से भी काफी लोग आए थे. इसी के चलते लॉकडाउन के बाद भी तबलीगी जमात के मरकज में हजारों की संख्या में लोग मौजूद थे. मौलाना मुहम्मद साद कंधालवी क्या वास्तव में क्वारंटाइन हैं? या फिर उन्होंने गिरफ्तारी से बचने के लिए कोई नया पैंतरा चला है. क्युकि जब पुलिस की एक टीम मौलाना साद के घर गई तो वहां पर उनके परिवार वाले ही मिले वो नहीं मिला.

ऐसा क्यों हुआ ? आखिर इतने लोगों की जान खतरे में क्यों डाली गई ? इसके पीछे सबसे बड़ा कारण था मौलाना मोहम्मद साद कांधलवी की ज़िद. वो किसी की नहीं सुनता है. उसको जो ठीक लगता है वही करता है. ये कोई और नहीं बल्कि मौलाना साद के सबसे क़रीबी रिश्तेदार और उनके बहनोई मौलाना ज़िआउल हसन ने मीडिया को बताया है.

ज़िआउल हसन ने बताया कि तबलीग़ी जमात की लीडरशिप मोहम्मद साद को विरासत में मिली है. वो इस्लाम के बहुत बड़े ज्ञानी नहीं हैं लेकिन संस्था पर पकड़ सख़्त है. वो दूसरों की कम सुनते हैं. जब वो जमात के अमीर बने तो उन्हें उतनी इज़्ज़त नहीं मिली जितनी एक संस्था के लीडर को मिलनी चाहिए थी. साद की सबसे बड़ी कमज़ोरी उसकी ज़िद है. वो किसी की नहीं सुनते.

बतादें कि सरकार तब्लीगी जमात के लोगों से कितनी बार कह चुकी है कि आप सामने आइये अपनी जाँच कराइये सरकार पूरी मदद करेगी लेकिन फिर भी लोग अपनी पहचान छिपा कर घरों में छिपे हुए हैं. और अभी तक लोग कही न कहीं से पकडे जा रहे हैं.