1984 सिख दंगा: कांग्रेस के दिग्गज नेता ‘सज्जन कुमार’ को ‘उम्रकैद’, उधर तीन राज्यों में ‘जश्न’
Ulta Chasma Uc : एक तरफ कांग्रेस तीन राज्यों में अपने नए सीएम का जश्न मना रही है वहीँ कांग्रेस के लिए बहुत बड़ा झटका और बुरी खबर सामने आई है. दिल्ली के दिग्गज कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को 1984 में हुए सिख दंगों के एक मामले में दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है.

एक तरफ फैसला दूसरी तरफ जश्न
जिस समय सज्जन कुमार के खिलाफ अदालत फैसला सुना रही थी उसी समय अशोक गहलोत और राजस्थान में मिली अप्रत्य़ाशित जीत में शामिल होने कांग्रेस पार्टी के दिग्गज नेता एक दूसरे को बधाई दे रहे थे. कोर्ट ने सज्जन कुमार को 31 दिसंबर तक सरेंडर करने का आदेश दिया है. पिछले 37 सालों से चले आ रहे सिख दंगों के मामले में कोर्ट ने ये फैसला सुनाया है.
कोर्ट ने अपने फैसले में सज्जन कुमार, कैप्टन भागमल, गिरधारी लाल और पूर्व कांग्रेस पार्षद बलवान खोकर को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। वहीं, किशन खोकर और पूर्व पार्षद महेंद्र यादव को 10 साल की सजा मिली है.
क्या है मामला ?
नवंबर, 1984 को भड़के दंगों में दिल्ली छावनी के राजनगर क्षेत्र में एक ही परिवार के पांच सदस्यों को मार दिया गया था. मारा गया परिवार सिख था. ये घटना तब की है जब इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री थीं और उन्हें उनके ही अंगरक्षक ने गोली मार दी थी. वो अंगरक्षक एक सिख था. जिसके बाद देशभर में सिख दंगे भड़क गए थे. और देश में खून की होली खेली गई. कहा जाता है कि इन दंगों में पांच हजार लोगों की मौत हो गई थी. और अकेले दिल्ली में करीब दो हजार से ज्यादा लोग मारे गये थे.

जिसके खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट में कुल 7 अपील दायर की गईं थीं. जिसपर आज कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है. जस्टिस एस मुरलीधर और जस्टिस विनोद गोयल की बेंच ने यह फैसला सुनाया.
कोर्ट ने आदेश में कहा-
हाईकोर्ट ने कहा कि “1947 में भारत और पाकिस्तान के विभाजन के दौरान बहुत सारे लोगों का कत्लेआम किया गया था. उसी के ठीक 37 साल बाद दिल्ली में फिर से वैसी ही दर्दनाक घटना दोहराई गई. और आरोपी को राजनीतिक लाभ मिलता रहा वो ट्रायल से बचता रहा. और खुलेआम घूमता रहा. लगभग 34 साल बीत जाने के बाद सिखों को न्याय मिला है.
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