बंगाल में ममता की गुंडई, वोटिंग के दौरान दिनदहाड़े CPM नेता के काफिले पर हमला-
लोकसभा चुनाव के मतदान चल रहे हैं. मगर पूरे देश में सिर्फ बंगाल की ममता बैनर्जी की गुंडई देखने को मिल रही है. पहले चरण में भी हिंसा हुई थी. और गुरुवार को हुए दूसरे चरण के मतदान में भी बंगाल में कई जगहों पर हिंसा हुई.

बंगाल के दिनाजपुर स्थित चोपड़ा में तृणमूल कांग्रेस और भाजपा कार्यकर्ताओं की ऐसी झड़प हुई की उसमे कई ईवीएम मशीन टूट गई. वहीं, बंगाल के ही इस्लामपुर में माकपा नेता और प्रत्याशी मोहम्मद सलीम की गाड़ी पर हमला कर दिया गया. माकपा नेता सलीम के काफ़िले पर दिनदहाड़े कई राउंड फायरिंग हुई. किसी तरह वे अपने आप को बचा पाए. माकपा ने तृणमूल कांग्रेस पर इस हमले का आरोप लगाया है.
फायरिंग के बाद पुलिस ने भी मोर्चा संभाला और प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस के गोले छोड़े और लाठीचार्ज कर सबको वहां से खदेड़ा. प्रदर्शनकारियों ने विरोध के चलते हाईवे ब्लॉक कर दिया था. बंगाल के लोगों का आरोप था कि उन्हें अज्ञात लोगों ने वोट डालने से रोका था. वहीं दूसरी ओर बीजेपी महासचिव और रायगंज (प.बंगाल) से उम्मीदवार देबश्री चौधुरी ने तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं पर बूथ कैप्चरिंग का आरोप लगाया.
बतादें कि चुनाव से पहले बीजेपी ने बंगाल में हिंसा की आशंका जताते हुए पूरे राज्य को अतिसंवेदनशील क्षेत्र घोषित करने की मांग भी की थी. और खास बात तो ये है कि सुरक्षा कारणों को देखते हुए ही पश्चिम बंगाल में सभी सात चरणों में मतदान कराए जा रहे हैं. फिर भी इतनी बड़ी हिंसा हो रही है. वेस्ट बंगाल में लोकसभा चुनाव के शेष छह चरणों में केंद्रीय सुरक्षाबलों के 41 हजार जवानों की तैनाती किए जाने की जानकारी भी अधिकारियों द्वारा दी गई. फिर भी प्रशासन कुछ न कर सका.
इससे पहले पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस की विधायक रत्नाघोष केंद्रीय सुरक्षाबलों को लेकर विवादित बयान भी दे चुकी हैं. उन्होंने कार्यकर्ताओं को उकसाते हुए कहा था कि हम केंद्रीयबलों की परवाह नहीं करेंगे, अगर वे ज्यादा सक्रिय होंगे तो मैं महिला मोर्चा सदस्यों से अनुरोध करूंगी कि वे झाड़ू उठाएं और उन पर हमला करके भगा दें’.